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"मैं डिफॉल्ट रूप से अवामी लीग का चेहरा बन गया" : NDTV से शेख हसीना के बेटे ने कहा

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कहा कि अवामी लीग के करोड़ों अनुयायी हैं और यह पार्टी रातों-रात गायब नहीं हो जाएगी.

"मैं डिफॉल्ट रूप से अवामी लीग का चेहरा बन गया" : NDTV से शेख हसीना के बेटे ने कहा
सजीब वाजेद आईटी एंटरप्रेन्योर हैं और वाशिंगटन में रहते हैं.
नई दिल्ली:

अपनी मां के पदच्युत होने और देश छोड़ने के कुछ दिनों बाद बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के बेटे और पूर्व सलाहकार सजीब वाजेद (Sajeeb Wazed) ने NDTV से कहा कि अगर पार्टी के कार्यकर्ता चाहेंगे तो वे देश लौटने और अवामी लीग का नेतृत्व करने पर विचार करेंगे. 

शुक्रवार को एक खास इंटरव्यू में वाजेद ने कहा कि उनकी मां निर्वासन में नहीं रहना चाहती हैं और बांग्लादेश वापस जाना चाहती हैं. उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि शेख हसीना प्रधानमंत्री के रूप में पिछले दो कार्यकालों के बाद सेवानिवृत्त होना चाहती थीं. हालांकि उन्होंने सक्रिय राजनीति में उनकी वापसी से इनकार नहीं किया.

वाजेद ने कहा कि, "मैंने कल रात उनसे (शेख हसीना) बात की. अभी तक उनकी कोई योजना नहीं है. वे यहीं रहेंगी. उनके वीजा या शरण के लिए आवेदन करने की सभी अफ़वाहें सच नहीं हैं. वे वास्तव में बांग्लादेश वापस जाना चाहती हैं. चाहे वह राजनीति में शामिल होना हो या रिटायर होना, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वह उनका घर है. वे वहीं पली-बढ़ी हैं. वैसे भी यह उनका आखिरी कार्यकाल होने वाला था, वे 76 साल की हैं. वे तुंगीपारा (दक्षिण बांग्लादेश) में स्थित अपने गांव के घर में रिटायर होना चाहती हैं. यही उनका सपना रहा है. वे बांग्लादेश से बाहर निर्वासित जीवन नहीं जीना चाहतीं."

जब पूछा गया कि क्या इसका मतलब यह है कि हसीना सक्रिय राजनीति में वापस आ सकती हैं, तो अमेरिका में रह आईटी एंटरप्रेन्योर वाजेद ने कहा कि वे ही इसका उत्तर देने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति होंगी, लेकिन वे कभी भी अपने लिए सार्वजनिक जीवन में नहीं रहीं.

उन्होंने दावा किया, "वे अपने देश के लिए राजनीति में थीं, इसलिए नहीं कि वे सत्ता में आना चाहती थीं. वे पिछले दो कार्यकालों से रिटायर होना चाहती थीं. वास्तव में वे हर चुनाव से पहले मुझे राजनीति में आने के लिए प्रेरित करती रही हैं. हमारे परिवार में किसी को भी सत्ता या राजनीति की महत्वाकांक्षा नहीं रही है."

राजनीति में आने की पेशकश पहले नहीं स्वीकारी, लेकिन अब जब उनकी मां की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ता इस महत्वपूर्ण मोड़ पर नेतृत्व की तलाश कर रहे हैं तो क्या राजनीति में आएंगे? इस सवाल पर वाजेद ने कहा कि वे अभी डिफ़ॉल्ट रूप से पार्टी का चेहरा बन गए हैं.

उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि डिफ़ॉल्ट रूप से मैं अभी चेहरा बन गया हूं. मैंने ऐसा कभी नहीं चाहा. मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन जैसे ही मुझे पता चला कि हमारे पार्टी के नेताओं पर हमले किए जा रहे हैं, उनके घर जलाए जा रहे हैं, मैंने कहा कि मैं उन्हें ऐसे ही नहीं छोड़ सकता. इसलिए मैं अपने पार्टी के कई नेताओं के संपर्क में हूं. हमारे लगभग सभी मंत्रियों के घर जला दिए गए हैं, हमारे पुश्तैनी घर जला दिए गए हैं... इसलिए इस स्थिति में मैं जो भी करना होगा करूंगा. अवामी लीग के अभी भी करोड़ों अनुयायी हैं. यह रातों-रात गायब नहीं होने जा रही है." 

नेता कौन? कार्यकर्ता करेंगे तय

यह कहते हुए कि शेख हसीना के विकास के रिकॉर्ड के कारण अवामी लीग चुनाव जीत सकती है, उन्होंने कहा कि पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है और कार्यकर्ता और नेता तय करेंगे कि कौन शीर्ष पर होगा. उन्होंने कहा कि, "अगर अवामी लीग के कार्यकर्ता...वे सभी मांग करते हैं कि मैं आऊं, तो मैं इस बारे में सोचूंगा. यह पार्टी के सदस्यों पर निर्भर करता है...अगर पार्टी मांग करती है कि वे (शेख हसीना) नेता हों, तो वह नेता होंगी. जैसा कि मैंने कहा, हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं. यह पूरी तरह से पार्टी के सदस्यों पर निर्भर करता है कि वे तय करें कि उनका नेता कौन होगा."

'बिना जनादेश वाली सरकार'

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के बारे में वाजेद ने कहा कि इसके पास कोई जनादेश नहीं है और संविधान में 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान है.

उन्होंने कहा कि, "अंतरिम सरकार ने हमसे संवाद करने का कोई प्रयास नहीं किया है. सलाहकारों में से एक का आज का बयान... यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने वही रणनीति अपनाई है जो पहले विफल रही है. उन्हें कुछ अल्पसंख्यकों और शायद विदेशी समर्थन से सत्ता में रखा लाया गया है. उनके पास बांग्लादेश के लोगों का जनादेश बिल्कुल नहीं है, और उन्हें लगता है कि वे बिना किसी लोकप्रिय जनादेश के देश में सुधार करेंगे... यह एक असंवैधानिक, हाथ से चुनी गई सरकार है और जल्द से जल्द चुनाव कराना उनके हित में है."

इस सवाल पर कि क्या उनकी मां आरोपों का सामना करने के लिए बांग्लादेश लौटने को तैयार होंगी? उन्होंने कहा कि उन्हें डरने की कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि, "पिछले सैन्य अधिग्रहण के दौरान उन्होंने मेरी मां को गिरफ्तार किया था. उन्होंने उन पर मुकदमा चलाया और उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. मेरी मां को इससे कोई डर नहीं है. वे वही खेल खेलना चाहते हैं. हम इसे फिर से खेल सकते हैं. अगर वे शेख हसीना पर मुकदमा चलाने की कोशिश करेंगे तो क्या होगा? खैर, वे पता लगा सकते हैं, मेरी मां ने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है. उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. अगर हमारी सरकार में ऐसे लोग हैं जिन्होंने कानून के बाहर काम किया है, तो उन लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. आप मेरी मां को दोष नहीं दे सकते." 

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