इस्लामाबाद:
संकट में घिरी पाकिस्तान सरकार शीर्ष न्यायपालिका से लड़ाई में झुकने के मूड में नहीं है और आदेश के अनुपालन के तहत गुरुवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी उसके समक्ष पेश होंगे।
सूत्रों ने बताया कि पाक सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के साथ पहले से ही टकराव का सामना कर रहे गिलानी के अदालत से माफी मांगने की संभावना नहीं है।
पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने में विफल रहने पर अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था और उनसे व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सूत्रों और इसकी कानूनी टीम ने बताया कि न्यायपालिका से माफी नहीं मांगने या जरदारी के खिलाफ कथित धन शोधन के मामलों को फिर से खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र नहीं लिखने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच आम सहमति है।
राष्ट्रपति के एक करीबी सहयोगी ने बताया ‘कल जब प्रधानमंत्री गिलानी अवमानना मामले में अदालती कार्यवाही में पेश होंगे तो न तो वह माफी मांगेंगे और न ही स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने का सुप्रीम कोर्ट को कोई आश्वासन देंगे।’
सहयोगी ने कहा ‘हमारा मानना है कि अदालत प्रधानमंत्री के पेश होने से संतुष्ट होगी । मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री के रूख से संबंधित लोगों की भावनाएं शांत होंगी।’ हालांकि गिलानी के वकील एत्जाज अहसन ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री अवमानना के दोषी नहीं हैं फिर भी उन्हें दबाव के सामने झुकना चाहिए और स्विस अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने को कहना चाहिए।
अहसन ने कहा कि राष्ट्रपति जरदारी को आपराधिक मामलों में पाकिस्तान और विदेश में पूरी छूट प्राप्त है और उन्हें मिली संवैधानिक छूट अधिसूचित की गई है। इसलिए प्रधानमंत्री अवमानना के दोषी नहीं हैं।
सूत्रों ने बताया कि पाक सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी के साथ पहले से ही टकराव का सामना कर रहे गिलानी के अदालत से माफी मांगने की संभावना नहीं है।
पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने में विफल रहने पर अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था और उनसे व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सूत्रों और इसकी कानूनी टीम ने बताया कि न्यायपालिका से माफी नहीं मांगने या जरदारी के खिलाफ कथित धन शोधन के मामलों को फिर से खोलने के लिए स्विस अधिकारियों को पत्र नहीं लिखने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच आम सहमति है।
राष्ट्रपति के एक करीबी सहयोगी ने बताया ‘कल जब प्रधानमंत्री गिलानी अवमानना मामले में अदालती कार्यवाही में पेश होंगे तो न तो वह माफी मांगेंगे और न ही स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने का सुप्रीम कोर्ट को कोई आश्वासन देंगे।’
सहयोगी ने कहा ‘हमारा मानना है कि अदालत प्रधानमंत्री के पेश होने से संतुष्ट होगी । मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री के रूख से संबंधित लोगों की भावनाएं शांत होंगी।’ हालांकि गिलानी के वकील एत्जाज अहसन ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री अवमानना के दोषी नहीं हैं फिर भी उन्हें दबाव के सामने झुकना चाहिए और स्विस अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने को कहना चाहिए।
अहसन ने कहा कि राष्ट्रपति जरदारी को आपराधिक मामलों में पाकिस्तान और विदेश में पूरी छूट प्राप्त है और उन्हें मिली संवैधानिक छूट अधिसूचित की गई है। इसलिए प्रधानमंत्री अवमानना के दोषी नहीं हैं।
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