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DNA पूछने वालों की सदस्यता क्यों नहीं जाती? अखिलेश ने जजों पर लगाए सरकार से मिलीभगत के आरोप

अखिलेश यादव ने मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Akhilesh Yadav On Abbas Ansari) के समर्थन में सिर्फ सरकार ही नहीं न्यायाधीशों की कामकाज पर भी सवाल उठा रहे हैं. जजों को लेकर उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जो हैरान करने वाला है.

DNA पूछने वालों की सदस्यता क्यों नहीं जाती? अखिलेश ने जजों पर लगाए सरकार से मिलीभगत के आरोप
अखिलेश यादव ने जजों पर लगाए गंभीर आरोप.
लखनऊ:

समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जजों पर सरकार से गठजोड़ का गंभीर आरोप लगाया है. मामला अब्बास अंसारी से जुड़ा है. सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द क्या हुई अखिलेश यादव तो बुरी तरह भड़के हुए हैं. शायद वह खुद भी नहीं समझ पा रहे कि आखिर वह बोल क्या रहे हैं. सरकार पर तो वह अक्सर गंभीर आरोप लगाते रहते हैं, इस बार उन्होंने न्यायपालिका पर ही सवाल उठा दिए. अखिलेश का आरोप है कि सत्ता पक्ष के लोगों के खिलाफ न्यायपालिका कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अदालतों में जजों की नियुक्ति सरकार करवा रही है, ताकि सरकार अपने मन मुताबिक फैसले दिलवा सके.

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अब्बास की सदस्यता जानबूझकर छीनी

ये तो देश की न्यायपालिका पर सीधा सवाल है, जो अखिलेश यादव ने उठाया है.  उनका कहना है कि सरकार की मिलीभगत से जानबूझकर अब्बास अंसारी की सदस्यता छीनी गई है. जब उनसे अब्बास की दो साल की सजा को लेकर सवाल पूछा गया तो अखिलेश ने कहा कि अगर मैं ऐसा कुछ कहूंगा तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा. अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता सरकार ने जानबूझकर छीनी है.

बीजेपी के बयानबाजों की सदस्यता क्यों नहीं जाती?

सपा मुखिया ने कहा कि उनको लगता है कि जाति के आधार पर फैसला लिया जाता है. कभी-कभी फैसला सुनाने के लिए कुछ लोगों को भेजा जाता है और तैनाती दी जाती है. इसलिए वह पहले दिन से ही कह रहे हैं कि संविधान को खतरा है. समाजवादियों की सदस्यता ही जा रही है. बीजेपी के लोग जो बयान दे रहे हैं क्या उनकी सदस्यता कभी नहीं जाएगी.

अखिलेश यादव ने जजों पर उठाए सवाल

बता दें कि अब्बास अंसारी पर नफरत भरा भाषण देने के मामले में सजा सुनाई गई है. जिस पर अखिलेश का कहना है कि  अगर इन बयानों पर सदस्यता जा सकती है, तो सरकार में बैठे लोग क्या कह रहे हैं? क्या वे मुझे मेरे डीएनए की याद दिलाएंगे? क्या वे समाजवादियों से डीएनए के बारे में ही पूछेंगे. जिन लोगों ने डीएनए के बारे में कहा है उनकी सदस्यता न्यायाधीश क्यों नहीं छीन रहे. जो लोग डीएनए पूछ रहे हैं, उनकी सदस्यता क्यों नहीं जा रही है.

भड़काऊ भाषण मामले में गई अब्बास अंसारी की सदस्यता

बता दें कि मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनको उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया है.31 मई को उनको दो साल की सजा सुनाई गई थी. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी सदस्य को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाए जाने पर सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है.

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