
इजरायली सेना ने ग्रेटा थनबर्ग सहित 12 कार्यकर्ताओं को लेकर गाजा जाने वाली नाव मैडलीन को जब्त करने के बाद इजरायल के बंदरगाह अशदोद में रोक दिया है. यहां थनबर्न और अन्य लोगों को नाव से उतार दिया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका स्वास्थ्य ठीक है, उनकी चिकित्सा जांच की गई.
मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर अशदोद बंदरगाह में थनबर्ग की तस्वीरें जारी की हैं. उम्मीद है कि कार्यकर्ताओं को इजरायल से निर्वासन से पहले हिरासत केंद्र में पहुंचा दिया जाएगा.
गाजा पट्टी क्यों जा रही थी नाव
इजरायल की सेना ने सोमवार की सुबह गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए जा रहे एक नाव को जब्त कर कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था. ये कार्यकर्ता गाजा पट्टी में जारी इजरायल के सैन्य अभियान का विरोध करने वाले थे क्योंकि मानवीय सहायता के प्रवेश पर इजरायल के प्रतिबंधों के कारण लगभग 20 लाख फलस्तीनियों की आबादी वाले क्षेत्र में अकाल का खतरा पैदा हो गया है.
फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन के आयोजकों ने कहा कि मैडलीन नाव में राहत सामग्री के रूप में चावल और बेबी फार्मूला रखा हुआ था. इस नाव पर ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और तुर्की के नागरिक सवार हैं - उनमें ग्रेटा थनबर्ग के साथ यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य रीमा हसन और अल जजीरा के फ्रांसीसी पत्रकार उमर फैयाद भी शामिल हैं. फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन ने कहा कि सोमवार तड़के इजरायल द्वारा जहाज को रोके जाने के बाद से उसे 12 यात्रियों में से किसी से भी संपर्क की अनुमति नहीं दी गई है.
गाजा में भुखमरी की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए नाव 1 जून को इटली से रवाना हुई थी. फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन द्वारा शेयर किए गए वीडियो में दिख रहा है कि जब इजरायली सेना नाव पर चढ़ रही थी तो कार्यकर्ता लाइफ जैकेट पहनकर हाथ ऊपर करके बैठे हुए थे. नाव पर सवार लोगों को मोबाइल फोन पानी में फेंकते देखा जा सकता है. वहीं इजरायल के विदेश मंत्रालय ने नाव रोके जाने के बाद सैनिकों द्वारा कार्यकर्ताओं को सैंडविच और पानी की बोतलें देते हुए फुटेज शेयर किया गया.
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