नई दिल्ली:
शुक्रवार को ढाका के गुलशन इलाके में स्थित पॉश बेकरी में हुए हमले में शामिल आतंकियों को लेकर भले ही बांग्लादेश सरकार यह कह रही है कि वो स्थानीय आतंकवादी हैं और उनका आईएसआईएस से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन अब उनके इस आतंकी संगठन से संभावित जुड़ाव को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
आईएसआईएस द्वारा जारी की गई आतंकियों की तस्वीरें उन हमलावरों से मेल खाती हैं जिन्हें 11 घंटे की घेराबंदी के बाद सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री हसनउल हक इन्ना ने माना कि हमलावर खुद भी उसी अभिजात वर्ग का हिस्सा थे जिन्हें उन्होंने निशाना बनाया, यहां तक कि उनमें से कुछ तो शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़े हैं।
मंत्री ने बताया, 'आतंकी ढाका के एक प्रतिष्ठित स्कूल एवं यूनिवर्सिटी से थे। कुछ आतंकी स्कॉलास्टिक स्कूल थे जो कि एक प्रतिष्ठित स्कूल और प्राइवेट यूनिवर्सिटी है। इन लड़कों के माता-पिता सामान्य और धर्मनिरपेक्ष हैं।'
इन लड़कों के पहचान वालों ने आईएसआईएस द्वारा अपलोड की तस्वीरों और पुलिस द्वारा जारी की गई उनके शवों की तस्वीरों से उनकी पहचान की। [पुलिस के अनुसार यह शमीम मुबशिर है जो ढाका के प्रतिष्ठित स्कॉलास्टिका स्कूल में पढ़ा था (ऊपर)] [आईएसआईएस द्वारा जारी की गई तस्वीर और फेसबुक (दाएं) पर दिख रहा रोहान इम्तियाज भी स्कॉलास्टिका से था] [निब्रास इस्लाम भी ढाका के एक अन्य मशहूर स्कूल टर्किश होप्स का छात्र था]
फेसबुक पर इन लड़कों को जानने वाले यह जानकर सदमे में हैं कि बिल्कुल सामान्य सा जीवन जी रहे ये लोग कैसे ऐसे खूनी हत्यारे हो गए।
लेकिन ऐसे संकेत थे कि कुछ तो गड़बड़ चल रही थी। उनमें से कुछ ने जनवरी के बाद से अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट करना बंद कर दिया था। बाकी अन्य हमले के चक्कर में लापता हो गए थे।
पुलिस का दावा है कि मारे गए आतंकी आकाश, बधोन, बिकास, डॉन और रिपॉन हैं। पुलिस का यह भी कहना है कि ये आतंकी एक प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहीदीन से जुड़े थे और अपराधों में लिप्त थे।
हालांकि बांग्लादेश के गृहमंत्री असुदज्जमां खान ने कबूल किया कि आतंकी अमीर परिवारों से थे और अच्छी शैक्षणिक पृष्ठभूमि से थे।
आईएसआईएस द्वारा जारी की गई आतंकियों की तस्वीरें उन हमलावरों से मेल खाती हैं जिन्हें 11 घंटे की घेराबंदी के बाद सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री हसनउल हक इन्ना ने माना कि हमलावर खुद भी उसी अभिजात वर्ग का हिस्सा थे जिन्हें उन्होंने निशाना बनाया, यहां तक कि उनमें से कुछ तो शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़े हैं।
मंत्री ने बताया, 'आतंकी ढाका के एक प्रतिष्ठित स्कूल एवं यूनिवर्सिटी से थे। कुछ आतंकी स्कॉलास्टिक स्कूल थे जो कि एक प्रतिष्ठित स्कूल और प्राइवेट यूनिवर्सिटी है। इन लड़कों के माता-पिता सामान्य और धर्मनिरपेक्ष हैं।'
इन लड़कों के पहचान वालों ने आईएसआईएस द्वारा अपलोड की तस्वीरों और पुलिस द्वारा जारी की गई उनके शवों की तस्वीरों से उनकी पहचान की।
फेसबुक पर इन लड़कों को जानने वाले यह जानकर सदमे में हैं कि बिल्कुल सामान्य सा जीवन जी रहे ये लोग कैसे ऐसे खूनी हत्यारे हो गए।
लेकिन ऐसे संकेत थे कि कुछ तो गड़बड़ चल रही थी। उनमें से कुछ ने जनवरी के बाद से अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट करना बंद कर दिया था। बाकी अन्य हमले के चक्कर में लापता हो गए थे।
पुलिस का दावा है कि मारे गए आतंकी आकाश, बधोन, बिकास, डॉन और रिपॉन हैं। पुलिस का यह भी कहना है कि ये आतंकी एक प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहीदीन से जुड़े थे और अपराधों में लिप्त थे।
हालांकि बांग्लादेश के गृहमंत्री असुदज्जमां खान ने कबूल किया कि आतंकी अमीर परिवारों से थे और अच्छी शैक्षणिक पृष्ठभूमि से थे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बांग्लादेश आतंकी हमला, ढाका आतंकी हमला, आईएसआईएस, ढाका बंधक संकट, शेख हसीना, ढाका के हमलावर, Bangladesh Terror Attack, Dhaka Terror Attack, Dhaka Terrorists, Dhaka Attack, Dhaka Siege, ISIS, Sheikh Haseena