अफगानिस्तान में तालिबान बेशक खुद को नई सरकार के तौर पर पेश कर रहा हो, लेकिन फेसबुक ने तालिबान को अपने प्लेटफॉर्म से पूरी तरह बैन कर दिया है. फेसबुक का कहना है कि अमेरिकी कानून के तहत तालिबान एक आतंकी संगठन है और इसलिए हमारी सर्विस में वह बैन रहेगा. फेसबुक की नीतियों के मुताबिक- आतंकी संगठन को प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं दी जा सकती. तालिबान या उससे जुड़े किसी भी अकाउंट या पोस्ट को फेसबुक पर जगह नहीं मिलेगी. हम उनके द्वारा मेंटेन किए जा रहे अकाउंट्स को हटा रहे हैं. फेसबुक ने अपने इस नियम का पालन करने के लिए कमर भी कस ली है. उन्होंने ये भी बताया है कि हमने अफगानिस्तान के कई एक्सपर्ट हमारी टीम में शामिल हैं, जो कि वहां की भाषा पश्तो या डारी जानते हैं, जो हमें मंच पर उभरते मुद्दों को पहचानने और सतर्क रहने में मदद करते हैं.
The Taliban are sanctioned as a terrorist organization under US law & we've banned them from our services under our Dangerous Organisation Policies.This means we remove accounts maintained by/on behalf of the Taliban& ban their praise,support,&representation: Facebook Spox to ANI
— ANI (@ANI) August 17, 2021
We also have a dedicated team of Afghanistan experts, who are native Dari and Pashto speakers and have knowledge of local context, helping to identify and alert us about emerging issues on the platform: Facebook Spokesperson to ANI
— ANI (@ANI) August 17, 2021
बता दें कि तालिबान के एक अधिकारी ने अफगानिस्तान में सभी के लिए आम माफी का ऐलान करते हुए महिलाओं से सरकार में शामिल होने की गुजारिश की है. इस्लामी अमीरात संस्कृति आयुक्त के सदस्य ईनामुल्लाह समनगनी ने अफगान के सरकारी टीवी पर यह टिप्पणी की जो अब तालिबान के कब्जे में है.उन्होंने कहा कि इस्लामी अमीरात नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों. दरअसल, तालिबान अफगानिस्तान के लिए इस्लामी अमीरात का इस्तेमाल करता है.
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