इस्लामाबाद:
करगिल युद्ध के बारे में पाकिस्तान के एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल द्वारा किए गए खुलासों के बाद अब मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन ने भारत के साथ वर्ष 1999 में हुए इस युद्ध की न्यायिक जांच की मांग की है। दरअसल, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज ने दावा किया है कि करगिल में मुजाहिदीन नहीं, पाकिस्तानी सेना के सैनिक शामिल थे और इसके सूत्रधार तत्कालीन सेनाप्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ थे।
पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता चौधरी निसार अली खान ने कहा, जनरल परवेज मुशर्रफ के एक निकट सहयोगी की ओर से किए गए खुलासों के मद्देनजर करगिल प्रकरण की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा, करगिल में पाकिस्तान के 500 से अधिक सैनिक एवं अधिकारी मारे गए, लेकिन अब तक कोई जांच नहीं हुई। खान ने कहा कि भारत ने करगिल प्रकरण की वर्षों पहले जांच करा ली थी और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक भी कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि करगिल युद्ध के समय पाकिस्तान में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार थी और इसके नेता नवाज शरीफ प्रधानमंत्री थे। लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज करगिल प्रकरण के समय आईएसआई की विश्लेषण शाखा के प्रमुख थे। उन्होंने अपने सेना के दिनों को लेकर किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि शुरुआत में करगिल युद्ध के बारे में जनरल परवेज मुशर्रफ और तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों को ही जानकारी थी। उन्होंने कहा है कि करगिल अभियान को लेकर शुरुआती दौर में सेना के बड़े-बड़े अधिकारी अनभिज्ञ थे।
हाल ही में दिए गए साक्षात्कार में भी अजीज ने कहा, करगिल एक नाकामी थी, क्योंकि इसका मकसद और नतीजा हमें अपने लोगों एवं देश से छिपाना पड़ा। इसका कोई मकसद नहीं था और कोई योजना भी नहीं थी। आज तक यह नहीं पता चला कि करगिल में कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता चौधरी निसार अली खान ने कहा, जनरल परवेज मुशर्रफ के एक निकट सहयोगी की ओर से किए गए खुलासों के मद्देनजर करगिल प्रकरण की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा, करगिल में पाकिस्तान के 500 से अधिक सैनिक एवं अधिकारी मारे गए, लेकिन अब तक कोई जांच नहीं हुई। खान ने कहा कि भारत ने करगिल प्रकरण की वर्षों पहले जांच करा ली थी और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक भी कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि करगिल युद्ध के समय पाकिस्तान में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार थी और इसके नेता नवाज शरीफ प्रधानमंत्री थे। लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज करगिल प्रकरण के समय आईएसआई की विश्लेषण शाखा के प्रमुख थे। उन्होंने अपने सेना के दिनों को लेकर किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि शुरुआत में करगिल युद्ध के बारे में जनरल परवेज मुशर्रफ और तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों को ही जानकारी थी। उन्होंने कहा है कि करगिल अभियान को लेकर शुरुआती दौर में सेना के बड़े-बड़े अधिकारी अनभिज्ञ थे।
हाल ही में दिए गए साक्षात्कार में भी अजीज ने कहा, करगिल एक नाकामी थी, क्योंकि इसका मकसद और नतीजा हमें अपने लोगों एवं देश से छिपाना पड़ा। इसका कोई मकसद नहीं था और कोई योजना भी नहीं थी। आज तक यह नहीं पता चला कि करगिल में कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
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