विज्ञापन

दुनिया का ये देश कब्जाने पर तुले ट्रंप, भारत से डेढ़ गुना बड़ा इलाका और आबादी सिर्फ 60 हजार

डोनाल्ड ट्रंप ने विशाल आर्कटिक द्वीप ग्रीनलैंड में एक विशेष दूत नियुक्त करने के बाद डेनमार्क के साथ एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका के पास ग्रीनलैंड होना ही चाहिए.

दुनिया का ये देश कब्जाने पर तुले ट्रंप, भारत से डेढ़ गुना बड़ा इलाका और आबादी सिर्फ 60 हजार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाथ धोकर ग्रीनलैंड के पीछे पड़े
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ग्रीनलैंड को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक बताते हुए उस पर नियंत्रण चाहते हैं
  • डेनमार्क की सरकार ट्रंप के इस कदम से नाराज है और अमेरिकी राजदूत को स्पष्टीकरण के लिए बुलाएगी
  • ग्रीनलैंड डेनमार्क का अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र है, जहां रक्षा और विदेश नीति डेनमार्क संभालता है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की जिद्द से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. उन्हें ग्रीनलैंड चाहिए ही चाहिए. ग्रीनलैंड डेनमार्क का अर्ध-संप्रभु क्षेत्र है और ट्रंप उसके पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं. दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने विशाल आर्कटिक द्वीप ग्रीनलैंड में एक विशेष दूत नियुक्त करने के बाद डेनमार्क के साथ एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वह इस विशाल आर्कटिक द्वीप पर कब्जा करना चाहते हैं.

लुइसियाना के रिपब्लिकन गवर्नर जेफ लैंड्री डेनमार्क किंगडम के अर्ध-स्वायत्त हिस्से ग्रीनलैंड में विशेष दूत के रूप में "प्रभार का नेतृत्व" करेंगे. जेफी लैंड्री की नई भूमिका के बारे में बीबीसी के एक सवाल के जवाब में, ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को "राष्ट्रीय सुरक्षा" के लिए ग्रीनलैंड की आवश्यकता है और "हमें इसे प्राप्त करना ही होगा... और यदि आप ग्रीनलैंड पर नजर डालें, तो आप तट के ऊपर और नीचे देखेंगे तो आपको हर जगह रूसी और चीनी जहाज मिलेंगे."

ट्रंप के इस कदम से डेनमार्क की सरकार नाराज हो गयी है, जिसने कहा है कि वह "स्पष्टीकरण" के लिए अमेरिकी राजदूत को बुलाएगी. ग्रीनलैंड के प्रधान मंत्री ने कहा कि ग्रीनलैंड "अपना भविष्य खुद तय करेगा" और इसकी "क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए".

ग्रीनलैंड के लिए जिद्दी बने ट्रंप

जनवरी में व्हाइट हाउस लौटने के बाद से, ट्रंप ने ग्रीनलैंड के स्ट्रैटेजिक लोकेशन (सुरक्षा के लिहाज से अहम लोकेशन) और उसके खनिज संपदा का हवाला देते हुए, उसपर कब्जा करने के अपनी पुरानी चाहत को फिर से जिंदा किया है. ट्रंप तो इस द्वीप पर नियंत्रण हासिल करने के लिए सेना के इस्तेमाल की संभावना से भी इंकार कर दिया है. यानी वो सेना भेजकर भी इसपर कब्जा कर सकते हैं. ट्रंप के इस रुख से नाटो सहयोगी डेनमार्क को झटका लगा है, जिसके पारंपरिक रूप से अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं.

ग्रीनलैंड पर किसका शासन है?

ग्रीनलैंड लगभग 57,000 लोगों का घर है. ग्रीनलैंड में साल 1979 से व्यापक स्वशासन है, हालांकि रक्षा और विदेश नीति डेनमार्क के हाथों में है. इसीलिए ग्रीनलैंड को डेनमार्क का अर्ध-स्वायत्त हिस्सा माना जाता है. अधिकांश ग्रीनलैंडवासी चाहते हैं कि उन्हें अंततः डेनमार्क से स्वतंत्रता मिल जाए और ग्रीनलैंड आजाद देश बन जाए. दूसरी तरफ जनमत संग्रह में यह पाया गया है कि ग्रीनलैंड के लोगों में अमेरिका का हिस्सा बनने के लिए भारी विरोध है. वो किसी कीमत पर अमेरिका में शामिल नहीं होना चाहते.

यह भी पढ़ें: तीसरे विश्व युद्ध की आहट! अमेरिका बना रहा सबसे घातक जंगी जहाज, दुनिया के किसी कोने में कर सकेगा हमला

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com