
- अमेरिकी राष्ट्रपति ने गाजा में जंग रोकने में सफलता हासिल की लेकिन यूक्रेन युद्ध को रोकना कठिन साबित हो रहा है
- ट्रंप और पुतिन के बीच शांति समझौते की बैठक को रूस के तत्काल युद्धविराम से इनकार के कारण टाल दिया गया है
- अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो और रूसी विदेश मंत्री लावरोव के बीच बातचीत के बाद बैठक टालने का निर्णय लिया गया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रयासों ने गाजा में जंग तो रुकवा दी है लेकिन उनके लिए यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग को रुकवाना हर बीतते दिन के साथ मुश्किल होता जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शांति समझौते पर सहमति के लिए होने वाली दूसरी बैठक अभी के लिए टाल दी गई है. इसकी वजह है कि रूस ने यूक्रेन में तत्काल सीजफायर की मांग को इनकार कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार, 21 अक्टूबर को कहा कि व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक की उनकी योजना रुक गई है क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि "समय की बर्बादी" हो. यूक्रेन में युद्ध को सुलझाने के लिए ट्रंप रुक-रुक कर प्रयास कर रहे हैं और यह उसी कड़ी में नवीनतम मोड़ था. लेकिन अब यह प्रयास भी बेकार होता दिख रहा है.
ट्रंप और पुतिन के बीच यह बैठक हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में करने की योजना बनाई जा रही थी और इस बैठक की घोषणा ट्रंप ने पिछले सप्ताह की थी. लेकिन इसको टालने का फैसला सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री (सेक्रेटरी ऑफ स्टेट) मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच एक कॉल के बाद लिया गया.
दरअसल लावरोव ने मंगलवार ही को सार्वजनिक टिप्पणियों में स्पष्ट किया कि रूस तत्काल युद्धविराम का विरोध करता है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इस बीच, ट्रंप भी पूरे साल इस युद्ध के प्रमुख मुद्दों पर अपना रुख बदलते रहे हैं. वो यह एक स्टैंड नहीं ले पा रहे हैं कि क्या दीर्घकालिक शांति वार्ता से पहले युद्धविराम होना चाहिए, और क्या यूक्रेन लगभग चार वर्षों की लड़ाई के दौरान रूस द्वारा जब्त की गई भूमि वापस पा सकता है.
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