अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद का सफाया करेंगे.
                                                                                                                        - ‘अमेरिका फस्ट’ ट्रंप की सरकार का मूलमंत्र होगा
 - कहा, अमेरिकी संहार यहीं रुकेगा और अभी रुकेगा
 - अमेरिकी परिवारों को फायदा पहुंचाया जाएगा
 
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                                        डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. उन्होंने इस मौके पर कहा कि उनका प्रशासन दुनिया से ‘कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद’ का सफाया करेगा. उन्होंने अमेरिकियों की नौकरियां बहाल करने का भी वादा किया.
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम पुराने गठजोड़ों को नई ताकत देंगे और एक नया स्वरूप देंगे तथा सभ्य दुनिया को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करेंगे. हम इस आतंकवाद का पृथ्वी से सफाया करेंगे.’’ लोगों की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘अमेरिका फस्ट’ (अमेरिका सबसे पहले) उनकी सरकार का मूलमंत्र होगा और सत्ता वाशिंगटन से जनता को हस्तांतरित की जाएगी.
ट्रंप (70) ने नेशनल मॉल में सर्द मौसम के बीच करीब आठ लाख लोगों के समक्ष शपथ ली. राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को पराजित किया था.
उन्होंने अब्राहम लिंकन की बाइबल पर अपन बायां हाथ रखकर पद की शपथ ली और इसके साथ ही वह उस कुर्सी पर आसीन हो गए जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली कही जाती है. प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उनको शपथ दिलाई.
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ‘यूएस कैपिटोल’ से दिए अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने देशवासियों से वादा किया कि देश का फिर से ऐसा निर्माण किया जाएगा कि वह ‘वापस सपने संजो सके’ और वहीं ‘अमेरिका फस्ट’ उनके शासन का मूलमंत्र होगा.
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई, कहा- आपके साथ काम करने को लेकर आशावान
ट्रंप ने ‘धरती से कट्टरपंथी इस्लामी आंतकवाद का सफाया करने’ का संकल्प लिया और दुनिया को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार दूसरे देशों पर अपना शासन नहीं थोपेगी. उन्होंने अपने 16 मिनट के संबोधन में कहा, ‘‘हम साथ मिलकर अमेरिका और दुनिया की कार्यप्रणाली तय करेंगे जो आने वाली कई वर्षों के लिए होगी. हम चुनौतियों का सामना करेंगे, हम कठिनाइयों का सामना करेंगे, लेकिन अपना पूरा करेंगे.’’ अपने प्रचार अभियान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की राजधानी में कुछ लोगों ने लंबे समय तक सरकार का फायदा उठाया, लेकिन लोगों को कीमत चुकानी पड़ी. वाशिंगटन समृद्ध हो गया, लेकिन लोगों ने इसकी समृद्धि को साझा नहीं किया.
ट्रंप ने कहा, ‘‘नेता समृद्ध हुए, लेकिन लोगों की नौकरियां चली गईं और फैक्टरियां बंद हो गईं. प्रशासनिक प्रतिष्ठान ने खुद की रक्षा की, लेकिन हमारे देश के नागरिकों की रक्षा नहीं की. उनकी जीत आपकी नहीं रहीं. उनकी खुशहाली आपकी खुशहाली नहीं रही. जब उन्होंने हमारे देश की राजधानी में जश्न मनाया तो पूरे देश में संघर्ष कर रहे परिवारों के लिए जश्न मनाने के लिए बहुत मामूली चीजें थीं.’’ उन्होंने बंदूक की हिंसा, मादक पदार्थ और अपराध सहित देश के सामने खड़ी समस्याओं का निदान करने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘हम वाशिंगटन डीसी से सत्ता का हस्तांतरण कर रहे हैं और इसे अमेरिकी जनता के हाथों में सौंप रहे हैं.’’ बराक ओबामा की मौजूदगी में ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘अमेरिकी संहार यहीं रुकेगा और अभी रुकेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये सारे बदलाव यहीं और अभी से हो रहे हैं क्योंकि यह क्षण आपका क्षण है.’’ अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘खोखली बातों का दौर अब बीत गया. काम का समय आ गया है.’’ उन्होंने उस ‘राष्ट्रीय गौरव’ का संकल्प लिया जो दूरियों को पाटने का काम करेगा.
पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
देश को एकजुट बनाए रखने के प्रयास के तहत ट्रंप ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि सरकार पर किस पार्टी का नियंत्रण है, बल्कि यह मायने रखता है कि क्या सरकार पर जनता का नियंत्रण है. उन्होंने कहा, ‘‘20 जनवरी, 2017 को एक ऐसे दिन के तौर पर याद किया जाएगा जब जनता फिर से देश की शासक बन गई.’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारे देश में भूले जा चुके पुरुष और महिलाएं अब नेपथ्य में नहीं रहेंगे. अब आपको हर कोई सुन रहा है. आप लाखों की संख्या इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने आए हैं जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा.’’
पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर पर 50 लाख फॉलोअर बढ़े
ट्रंप ने कहा, ‘‘हम एक देश हैं और उनका (जनता) दर्द हमारा दर्द है. उनके सपने हमारे सपने हैं और उनकी सफलता हमारी सफलता है. हम एक दिल, एक घर और एक गौरवशाली भाग्य को साझा करते हैं. जिस पद की मैंने आज शपथ ली है वह सभी अमेरिकी जनता के प्रति निष्ठा का पद है.’’ अपने चुनावी अभियान की भूमिका को जारी रखते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकियों ने अमेरिकी उद्योग की कीमत पर विदेशी उद्योग को समृद्ध बनाया.
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे देशों की सेनाओं को मदद दी गई जबकि हमारी अपनी सेना को कमजोर होने दिया गया. हमने दूसरे देश की सीमाओं कर रक्षा की जबकि अपने खुद की सीमा का बचाव करने से इनकार किया और विदेशों में खरबों डॉलर खर्च कर दिए जबकि अमेरिका का बुनियादी ढांचा संरचना जीर्णता और क्षय की ओर चला गया.’’ नए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने दूसरे देशों को समृद्ध बनाया जबकि हमारे देश की दौलत, ताकत और विश्वास कहीं क्षितिज में खो गया. एक-एक करके फैक्टरियां बंद हो गईं और उन लाखों अमेरिकी कामगारों के बारे में सोचा भी नहीं गया जो कहीं पीछे छूट गए.’’ उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग की दौलत उनके घरों से छीन ली गई और पूरी दुनिया में बांट दी गई.
ट्रंप ने कहा, ‘‘परंतु यह अतीत हो चुका है. और अब हम सिर्फ भविष्य की ओर देख रहे हैं. हम आज यहां एकत्र होकर एक ऐसा सिद्धांत पेश कर रहे हैं जो हर शहर, हर विदेशी राजधानी और सत्ता के हर कक्ष में सुना जाएगा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस दिन से अब नया दृष्टिकोण हमारी भूमि पर शासन करेगा. इस क्षण से अब अमेरिका फस्ट होने जा रहा है. व्यापार, कर, आव्रजन, विदेश मामलों पर हर फैसले से अमेरिकी कामगारों और अमेरिकी परिवारों को फायदा पहुंचाया जाएगा.’’ अमेरिकी उत्पाद बना रहे, इसकी कंपनियों को अपने यहां ले जा रहे और अमेरिकी नौकरियां खत्म कर रहे दूसरे देशों के विध्वंसक कदमों से अपनी सीमा की रक्षा करने का संकल्प दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि संरक्षण से व्यापक समृद्धि और मजबूती आएगी.
ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं अपने शरीर की हर सांस के साथ आपके लिए लड़ूंगा और मैं आपको शर्मिंदा नहीं होने दूंगा. अमेरिका फिर से जीतना शुरू करेगा, ऐसे जीतेगा जैसे पहले कभी नहीं जीता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी नौकरियां वापस लाएंगे. हम अपनी सीमाओं को फिर से चाक-चौबंद करेंगे. हम अपनी दौलत वापस लाएंगे. और हम अपने सपने वापस लाएंगे.’’ ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन दो साधारण नियमों का अनुसरण करेगा- ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन (अमेरिकी उत्पाद खरीदो, अमेरिकी को नौकरी दो).
उनके इस वाक्य पर पूरा नेशनल मॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. उन्होंने कहा, ‘‘हमें बड़े और बड़े से बड़े सपनों के बारे में सोचना चाहिए. अमेरिका में हम यह समझते हैं कि एक राष्ट्र तभी तक जीवित है जब तक यह प्रयासरत है. हम अब उन नेताओं को स्वीकार नहीं करेंगे जो सिर्फ बातें करते हैं और कोई काम नहीं करते, लगातार शिकायतें करते हैं, लेकिन खुद कभी इस बारे में कुछ नहीं करते. खोखली बात का समय बीत गया है. अब हम कदम उठाने की घड़ी में पहुंच गए हैं.’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘कोई भी चुनौती अमेरिका के दिल, आत्मा और संघर्ष का मुकाबला नहीं कर सकती. हम विफल नहीं होंगे. हमारा देश आगे बढ़ेगा और फिर से समृद्ध होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नए सहस्राब्दी के उद्गम के मौके पर खड़े हैं, अंतरिक्ष के रहस्यों का खुलासा करने, बीमारी की समस्याओं से पृथ्वी को मुक्त करने और ऊर्जा, उद्योगों एवं कल की प्रौद्योगियों का दोहन करने के लिए तैयार हैं.’’ नए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नया राष्ट्रीय गौरव हमें आंदोलित करेगा, हमारे नजरिए को ऊपर ले जाएगा और दूरियों को पाटेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे. हम अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाएंगे. हम अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे.’’
ट्रंप से पहले माइक पेंस ने उप राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश एवं जिमी कार्टर तथा बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन मौजूद थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                ट्रंप ने कहा, ‘‘हम पुराने गठजोड़ों को नई ताकत देंगे और एक नया स्वरूप देंगे तथा सभ्य दुनिया को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करेंगे. हम इस आतंकवाद का पृथ्वी से सफाया करेंगे.’’ लोगों की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए ट्रंप ने कहा कि ‘अमेरिका फस्ट’ (अमेरिका सबसे पहले) उनकी सरकार का मूलमंत्र होगा और सत्ता वाशिंगटन से जनता को हस्तांतरित की जाएगी.
ट्रंप (70) ने नेशनल मॉल में सर्द मौसम के बीच करीब आठ लाख लोगों के समक्ष शपथ ली. राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को पराजित किया था.
उन्होंने अब्राहम लिंकन की बाइबल पर अपन बायां हाथ रखकर पद की शपथ ली और इसके साथ ही वह उस कुर्सी पर आसीन हो गए जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली कही जाती है. प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उनको शपथ दिलाई.
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ‘यूएस कैपिटोल’ से दिए अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने देशवासियों से वादा किया कि देश का फिर से ऐसा निर्माण किया जाएगा कि वह ‘वापस सपने संजो सके’ और वहीं ‘अमेरिका फस्ट’ उनके शासन का मूलमंत्र होगा.
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई, कहा- आपके साथ काम करने को लेकर आशावान
ट्रंप ने ‘धरती से कट्टरपंथी इस्लामी आंतकवाद का सफाया करने’ का संकल्प लिया और दुनिया को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार दूसरे देशों पर अपना शासन नहीं थोपेगी. उन्होंने अपने 16 मिनट के संबोधन में कहा, ‘‘हम साथ मिलकर अमेरिका और दुनिया की कार्यप्रणाली तय करेंगे जो आने वाली कई वर्षों के लिए होगी. हम चुनौतियों का सामना करेंगे, हम कठिनाइयों का सामना करेंगे, लेकिन अपना पूरा करेंगे.’’ अपने प्रचार अभियान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की राजधानी में कुछ लोगों ने लंबे समय तक सरकार का फायदा उठाया, लेकिन लोगों को कीमत चुकानी पड़ी. वाशिंगटन समृद्ध हो गया, लेकिन लोगों ने इसकी समृद्धि को साझा नहीं किया.
ट्रंप ने कहा, ‘‘नेता समृद्ध हुए, लेकिन लोगों की नौकरियां चली गईं और फैक्टरियां बंद हो गईं. प्रशासनिक प्रतिष्ठान ने खुद की रक्षा की, लेकिन हमारे देश के नागरिकों की रक्षा नहीं की. उनकी जीत आपकी नहीं रहीं. उनकी खुशहाली आपकी खुशहाली नहीं रही. जब उन्होंने हमारे देश की राजधानी में जश्न मनाया तो पूरे देश में संघर्ष कर रहे परिवारों के लिए जश्न मनाने के लिए बहुत मामूली चीजें थीं.’’ उन्होंने बंदूक की हिंसा, मादक पदार्थ और अपराध सहित देश के सामने खड़ी समस्याओं का निदान करने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘हम वाशिंगटन डीसी से सत्ता का हस्तांतरण कर रहे हैं और इसे अमेरिकी जनता के हाथों में सौंप रहे हैं.’’ बराक ओबामा की मौजूदगी में ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘अमेरिकी संहार यहीं रुकेगा और अभी रुकेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये सारे बदलाव यहीं और अभी से हो रहे हैं क्योंकि यह क्षण आपका क्षण है.’’ अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘खोखली बातों का दौर अब बीत गया. काम का समय आ गया है.’’ उन्होंने उस ‘राष्ट्रीय गौरव’ का संकल्प लिया जो दूरियों को पाटने का काम करेगा.
पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
देश को एकजुट बनाए रखने के प्रयास के तहत ट्रंप ने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि सरकार पर किस पार्टी का नियंत्रण है, बल्कि यह मायने रखता है कि क्या सरकार पर जनता का नियंत्रण है. उन्होंने कहा, ‘‘20 जनवरी, 2017 को एक ऐसे दिन के तौर पर याद किया जाएगा जब जनता फिर से देश की शासक बन गई.’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारे देश में भूले जा चुके पुरुष और महिलाएं अब नेपथ्य में नहीं रहेंगे. अब आपको हर कोई सुन रहा है. आप लाखों की संख्या इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने आए हैं जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा.’’
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ट्रंप ने कहा, ‘‘हम एक देश हैं और उनका (जनता) दर्द हमारा दर्द है. उनके सपने हमारे सपने हैं और उनकी सफलता हमारी सफलता है. हम एक दिल, एक घर और एक गौरवशाली भाग्य को साझा करते हैं. जिस पद की मैंने आज शपथ ली है वह सभी अमेरिकी जनता के प्रति निष्ठा का पद है.’’ अपने चुनावी अभियान की भूमिका को जारी रखते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकियों ने अमेरिकी उद्योग की कीमत पर विदेशी उद्योग को समृद्ध बनाया.
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे देशों की सेनाओं को मदद दी गई जबकि हमारी अपनी सेना को कमजोर होने दिया गया. हमने दूसरे देश की सीमाओं कर रक्षा की जबकि अपने खुद की सीमा का बचाव करने से इनकार किया और विदेशों में खरबों डॉलर खर्च कर दिए जबकि अमेरिका का बुनियादी ढांचा संरचना जीर्णता और क्षय की ओर चला गया.’’ नए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमने दूसरे देशों को समृद्ध बनाया जबकि हमारे देश की दौलत, ताकत और विश्वास कहीं क्षितिज में खो गया. एक-एक करके फैक्टरियां बंद हो गईं और उन लाखों अमेरिकी कामगारों के बारे में सोचा भी नहीं गया जो कहीं पीछे छूट गए.’’ उन्होंने कहा कि मध्य वर्ग की दौलत उनके घरों से छीन ली गई और पूरी दुनिया में बांट दी गई.
ट्रंप ने कहा, ‘‘परंतु यह अतीत हो चुका है. और अब हम सिर्फ भविष्य की ओर देख रहे हैं. हम आज यहां एकत्र होकर एक ऐसा सिद्धांत पेश कर रहे हैं जो हर शहर, हर विदेशी राजधानी और सत्ता के हर कक्ष में सुना जाएगा. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस दिन से अब नया दृष्टिकोण हमारी भूमि पर शासन करेगा. इस क्षण से अब अमेरिका फस्ट होने जा रहा है. व्यापार, कर, आव्रजन, विदेश मामलों पर हर फैसले से अमेरिकी कामगारों और अमेरिकी परिवारों को फायदा पहुंचाया जाएगा.’’ अमेरिकी उत्पाद बना रहे, इसकी कंपनियों को अपने यहां ले जा रहे और अमेरिकी नौकरियां खत्म कर रहे दूसरे देशों के विध्वंसक कदमों से अपनी सीमा की रक्षा करने का संकल्प दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि संरक्षण से व्यापक समृद्धि और मजबूती आएगी.
ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं अपने शरीर की हर सांस के साथ आपके लिए लड़ूंगा और मैं आपको शर्मिंदा नहीं होने दूंगा. अमेरिका फिर से जीतना शुरू करेगा, ऐसे जीतेगा जैसे पहले कभी नहीं जीता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी नौकरियां वापस लाएंगे. हम अपनी सीमाओं को फिर से चाक-चौबंद करेंगे. हम अपनी दौलत वापस लाएंगे. और हम अपने सपने वापस लाएंगे.’’ ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन दो साधारण नियमों का अनुसरण करेगा- ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन (अमेरिकी उत्पाद खरीदो, अमेरिकी को नौकरी दो).
उनके इस वाक्य पर पूरा नेशनल मॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. उन्होंने कहा, ‘‘हमें बड़े और बड़े से बड़े सपनों के बारे में सोचना चाहिए. अमेरिका में हम यह समझते हैं कि एक राष्ट्र तभी तक जीवित है जब तक यह प्रयासरत है. हम अब उन नेताओं को स्वीकार नहीं करेंगे जो सिर्फ बातें करते हैं और कोई काम नहीं करते, लगातार शिकायतें करते हैं, लेकिन खुद कभी इस बारे में कुछ नहीं करते. खोखली बात का समय बीत गया है. अब हम कदम उठाने की घड़ी में पहुंच गए हैं.’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘कोई भी चुनौती अमेरिका के दिल, आत्मा और संघर्ष का मुकाबला नहीं कर सकती. हम विफल नहीं होंगे. हमारा देश आगे बढ़ेगा और फिर से समृद्ध होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम नए सहस्राब्दी के उद्गम के मौके पर खड़े हैं, अंतरिक्ष के रहस्यों का खुलासा करने, बीमारी की समस्याओं से पृथ्वी को मुक्त करने और ऊर्जा, उद्योगों एवं कल की प्रौद्योगियों का दोहन करने के लिए तैयार हैं.’’ नए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नया राष्ट्रीय गौरव हमें आंदोलित करेगा, हमारे नजरिए को ऊपर ले जाएगा और दूरियों को पाटेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘साथ मिलकर हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे. हम अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाएंगे. हम अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे.’’
ट्रंप से पहले माइक पेंस ने उप राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश एवं जिमी कार्टर तथा बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन मौजूद थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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