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हार्वर्ड की फंडिग पर बार-बार ट्रंप चला रहे कैंची, अब $450 मिलियन का ग्रांट छीना- परेशानी क्या है? 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने इससे पहले हार्वर्ड को दी जाने वाली 2.2 बिलियन डॉलर की फेडरल फंड की कटौती पर मुहर लगाई गई थी. अब 450 मिलियन डॉलर के अनुदान (ग्रांट) को समाप्त किया गया है.

हार्वर्ड की फंडिग पर बार-बार ट्रंप चला रहे कैंची, अब $450 मिलियन का ग्रांट छीना- परेशानी क्या है? 
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को निशाने पर लिया है.

अमेरिका के राष्ट्रपति और उनका प्रशासन हाथ-पैर धोकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पीछे पड़ गया है. अमेरिकी सरकार ने मंगलवार, 13 मई को दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी में से एक, हार्वर्ड को दी जाने वाली सरकारी फंडिंग में एक नई कटौती की घोषणा की. जबकि एक दिन पहले ही इस एलीट यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट ने कहा कि कई मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन और यूनिवर्सिटी “कॉमन ग्राउंड” शेयर करते हैं यानी दोनों की सोच एक जैसी है.

पिछले हफ्ते हार्वर्ड को दी जाने वाली 2.2 बिलियन डॉलर की फेडरल फंड की कटौती पर मुहर लगाई गई थी. अब ट्रंप के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने यूनिवर्सिटी में भेदभाव की "गंभीर समस्या" का हवाला देते हुए एक बयान में कहा कि फेडरल एजेंसियां ​​हार्वर्ड को दिए जाने वाले 450 मिलियन डॉलर के अनुदान (ग्रांट) को समाप्त कर रही हैं.

एक बार फिर बता दें कि हार्वर्ड दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी में से एक है. इसने पहले ही ट्रंप प्रशासन पर यह आरोप लगाते हुए अदालत में घसीटा है कि वह यूनिवर्सिटी के कामकाज को नियंत्रित करने का गैरकानूनी प्रयास कर रहा है. 

हार्वर्ड के पीछे क्यों पड़े हैं ट्रंप?

ट्रंप की सरकार सिर्फ हार्वर्ड के पीछे नहीं पड़ी है. व्हाइट हाउस कई मोर्चों पर अमेरिकी यूनिवर्सिटीज पर कार्रवाई कर रहा है. प्रशासन का कहना है कि ये यूनिवर्सिटी यहूदी विरोधी आंदोलन का केंद्र बन गए हैं और हमास को समर्थन दे रहे हैं. प्रशासन इसे राजनीतिक आंदोलन बताते हुए यूनिवर्सिटी में कौन एडमिशन लेगा, कौन पढ़ाएगा.. सब पर कंट्रोल करना चाहता है. ऐसा लगता है कि हार्वर्ड ने कोशिश की कि ट्रंप प्रशासन के साथ उसका गतिरोध खत्म हो जाए. सोमवार को शिक्षा सचिव लिंडा मैकमोहन को लिखे एक पत्र में, हार्वर्ड के प्रेसिडेंट एलन गार्बर ने जोर देकर कहा कि "हम कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समान विचार रखते हैं."

गार्बर ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के मद्देनजर "हमारे समुदाय के लिए एक असाधारण दर्दनाक वर्ष" के बाद पूरे संस्थान में सुधार शुरू किए थे. गार्बर ने लिखा, "उस शैक्षणिक वर्ष की चुनौतियों के कारण हमारे कैंपस से यहूदी विरोधी भावना और नफरत के अन्य रूपों को खत्म करने के लिए सार्थक सुधार और सिफारिशें की गईं."

गार्बर ने इस दावे का खंडन किया कि हार्वर्ड किसी राजनीतिक दल या विचारधारा के साथ जुड़ा हुआ है. गार्बर ने कैंपस में अधिक बौद्धिक विविधता की आवश्यकता को स्वीकार किया और कहा कि छात्रों का एडमिशन नस्ल के बजाय "व्यक्तियों और उनकी विशिष्ट विशेषताओं" के आधार पर किया जाता है. लेकिन यहूदी विरोधी भावना से निपटने के लिए ट्रंप की टास्क फोर्स के मंगलवार के बयान में यूनिवर्सिटी को "भेदभाव के लिए प्रजनन स्थल" बताया गया.

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