डोनाल्ड ट्रंप ने शी चिनफिंग को दूसरी बार सीपीसी का प्रमुख चुने जाने पर दी बधाई (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग को दूसरी बार सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का प्रमुख चुने जाने पर बधाई दी और कहा कि वह उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर चीन के साथ काम करने को इच्छुक हैं.
पांच वर्ष के अगले कार्यकाल के लिए चुने जाने के साथ ही शी (64) पिछले दशक में चीन के सबसे मजबूत नेता बन गए हैं. इस जीत ने उन्हें देश के संस्थापक माओ त्से-तुंग के बराबर ला खड़ा कर दिया है. बंद कमरे में मतदान में शी को पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष चुना गया और प्रधानमंत्री ली क्विंग भी पांच अन्य नए सदस्यों के साथ सत्तारूढ़ परिषद में अपनी सीट बनाए रखने में कामयाब रहे.
व्हाइट हाउस ने बताया कि ट्रंप ने चीन की सत्तारूढ़ दल की कांग्रेस के समापन के मौके पर शी से फोन पर बात की और उन्होंने दोनों देशों के बीच आगामी वर्षों में निरंतर सहयोग को जारी रखने का समर्थन किया. व्हाइट हाउस ने अपने एक बयान में बताया, ‘‘ट्रंप ने शी से कहा कि वह नवंबर की शुरुआत में चीन जाने और उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर साझा प्रयासों को बढ़ाने के इच्छुक हैं.’’
उत्तर कोरिया ने इस साल फरवरी से अभी तक 15 परीक्षणों में 22 मिसाइलें दागी हैं। इनमें से दो मिसाइलें जापान पर से होकर गुजरी थी, जिसकी अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कड़ी निंदा की थी. बहरहाल, उत्तर कोरिया द्वारा सिलसिलेवार परमाणु परीक्षणों एवं मिसाइल प्रक्षेपणों के बाद उसके और चीन के संबंधों में भी पिछले कुछ वर्षों में कटुता आई है.
चीन, उत्तर कोरिया का एक मात्र राजनयिक सहयोगी और आर्थिक मददगार है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, शी ने ‘‘चीन-अमेरिकी संबंधों के भविष्य के विकास का संयुक्त रूप से खाका’’ तैयार करने के लिए ट्रंप के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की है. ट्रंप अगले माह चीन की यात्रा पर जाएंगे. सीनेटर मार्को रुबियो ने एक ट्वीट में कहा कि 19वीं कांग्रेस के समापन के साथ शी की सत्ता पर पकड़ और मजबूत हो गई है. चीन,अमेरिका के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
बहरहाल, बीजिंग के दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में पूर्वी एशिया में वाशिंगटन के सहयोगियों के साथ क्षेत्रीय विवाद के चलते दोनों के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं.
पांच वर्ष के अगले कार्यकाल के लिए चुने जाने के साथ ही शी (64) पिछले दशक में चीन के सबसे मजबूत नेता बन गए हैं. इस जीत ने उन्हें देश के संस्थापक माओ त्से-तुंग के बराबर ला खड़ा कर दिया है. बंद कमरे में मतदान में शी को पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष चुना गया और प्रधानमंत्री ली क्विंग भी पांच अन्य नए सदस्यों के साथ सत्तारूढ़ परिषद में अपनी सीट बनाए रखने में कामयाब रहे.
व्हाइट हाउस ने बताया कि ट्रंप ने चीन की सत्तारूढ़ दल की कांग्रेस के समापन के मौके पर शी से फोन पर बात की और उन्होंने दोनों देशों के बीच आगामी वर्षों में निरंतर सहयोग को जारी रखने का समर्थन किया. व्हाइट हाउस ने अपने एक बयान में बताया, ‘‘ट्रंप ने शी से कहा कि वह नवंबर की शुरुआत में चीन जाने और उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर साझा प्रयासों को बढ़ाने के इच्छुक हैं.’’
उत्तर कोरिया ने इस साल फरवरी से अभी तक 15 परीक्षणों में 22 मिसाइलें दागी हैं। इनमें से दो मिसाइलें जापान पर से होकर गुजरी थी, जिसकी अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कड़ी निंदा की थी. बहरहाल, उत्तर कोरिया द्वारा सिलसिलेवार परमाणु परीक्षणों एवं मिसाइल प्रक्षेपणों के बाद उसके और चीन के संबंधों में भी पिछले कुछ वर्षों में कटुता आई है.
चीन, उत्तर कोरिया का एक मात्र राजनयिक सहयोगी और आर्थिक मददगार है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, शी ने ‘‘चीन-अमेरिकी संबंधों के भविष्य के विकास का संयुक्त रूप से खाका’’ तैयार करने के लिए ट्रंप के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की है. ट्रंप अगले माह चीन की यात्रा पर जाएंगे. सीनेटर मार्को रुबियो ने एक ट्वीट में कहा कि 19वीं कांग्रेस के समापन के साथ शी की सत्ता पर पकड़ और मजबूत हो गई है. चीन,अमेरिका के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
बहरहाल, बीजिंग के दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में पूर्वी एशिया में वाशिंगटन के सहयोगियों के साथ क्षेत्रीय विवाद के चलते दोनों के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं.
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