जालंधर:
पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण, फिरौती, लड़कियों के अपहरण और अन्य सामाजिक तथा आर्थिक प्रताड़ना से तंग होकर वहां से पलायन कर भारत आ रहे लोगों का कहना है कि वहां सामाजिक स्तर पर हिन्दुओं की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है और यह भी सच्चाई है कि उनके बच्चों के साथ वहां के स्कूलों में भी भेदभाव किया जाता है।
पलायन कर अथवा सम्बंधियों से मिलने जालंधर आने वाले लोगों का और उनके बच्चों का कहना है कि पाकिस्तान के स्कूलों में भी उनके साथ भेदभाव होता है। उन्हें अलग बैठने को मजबूर किया जाता है। कक्षा के अन्य छात्रों के साथ उनके मिलने-जुलने पर प्रतिबंध है।
बच्चों का आरोप है कि कई बार तो स्कूल के अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ने वाले हिन्दू बच्चों को एक ही कक्षा में बिठा दिया जाता है। हाल ही में बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी हिन्दू परिवार वाघा सीमा से होकर भारत आए थे। उनमें से अधिकतर पर्यटन वीजा पर यहां आए थे और देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे अपने-अपने सम्बंधियों से मिलने चले गए।
हाल ही में कुछ परिवार खन्ना जाने के क्रम में जालंधर में अपने किसी मित्र से मिलने के लिए रुके थे। सिंध से आए इन लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘‘मुझे वापस जाना है। उन्हें अगर पता चला कि मैंने कुछ बोला है तो हम लोगों का जीना वहां मुहाल हो जाएगा। हालांकि, हम पहले से नारकीय जीवन वहां गुजार ही रहे हैं।’’
इन परिवारों में छठीं कक्षा की छात्रा सविता ने बताया, ‘‘हमें अलग कक्षाओं में बैठाकर पढ़ाया जाता है। वह (शिक्षक) कहते हैं कि यह स्कूल पहले दूसरे बच्चों (मुस्लिम बच्चों) का है। उसके बाद जगह मिली तो यहां बैठ जाओ अन्यथा दूसरे कमरे में जाओ।’’
सविता का यह भी कहना है, ‘‘हमें वहां अन्य लोगों से बातचीत करने की इजाजत नहीं है। एक ही कमरे में अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों को बिठाकर पढ़ाया जाता है। शिक्षक और दूसरे सहपाठी भी कहते हैं कि तुम लोग अलग कमरों में बैठो। हमारे साथ तुम लोग नहीं बैठ सकते।’’
सविता की मां ने कहा, ‘‘किस दिन मेरी बेटी का वहां अपहरण हो जाए इसका पता नहीं। पाक में भारत की तरह अन्य धर्मों के बारे में नहीं बताया जाता है। हम अगर आपस में भी इस पर चर्चा करते हैं तो हमें धमकी मिलती है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होना सबसे बड़ा पाप है और नरक भोगने के समान है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियों के अपहरण, कम उम्र में जबरन निकाह और जबरिया धर्म परिवर्तन वहां आम है। न तो स्थानीय और न ही राष्ट्रीय सरकार को इससे कोई लेना-देना है। वहां अल्पसंख्यकों को कोई अधिकार नहीं है।
इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के नेता रजत कुमार मोहिंद्रू ने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत कर केंद्र सरकार को इस समस्या का हल निकालना चाहिए। उनके साथ सरासर अन्याय हो रहा है। अगर बांग्लादेश के मुसलमानों के लिए केंद्र सब कुछ कर सकता है तो पाक से आए हिन्दुओं के लिए क्यों नहीं।’’
पलायन कर अथवा सम्बंधियों से मिलने जालंधर आने वाले लोगों का और उनके बच्चों का कहना है कि पाकिस्तान के स्कूलों में भी उनके साथ भेदभाव होता है। उन्हें अलग बैठने को मजबूर किया जाता है। कक्षा के अन्य छात्रों के साथ उनके मिलने-जुलने पर प्रतिबंध है।
बच्चों का आरोप है कि कई बार तो स्कूल के अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ने वाले हिन्दू बच्चों को एक ही कक्षा में बिठा दिया जाता है। हाल ही में बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी हिन्दू परिवार वाघा सीमा से होकर भारत आए थे। उनमें से अधिकतर पर्यटन वीजा पर यहां आए थे और देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे अपने-अपने सम्बंधियों से मिलने चले गए।
हाल ही में कुछ परिवार खन्ना जाने के क्रम में जालंधर में अपने किसी मित्र से मिलने के लिए रुके थे। सिंध से आए इन लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘‘मुझे वापस जाना है। उन्हें अगर पता चला कि मैंने कुछ बोला है तो हम लोगों का जीना वहां मुहाल हो जाएगा। हालांकि, हम पहले से नारकीय जीवन वहां गुजार ही रहे हैं।’’
इन परिवारों में छठीं कक्षा की छात्रा सविता ने बताया, ‘‘हमें अलग कक्षाओं में बैठाकर पढ़ाया जाता है। वह (शिक्षक) कहते हैं कि यह स्कूल पहले दूसरे बच्चों (मुस्लिम बच्चों) का है। उसके बाद जगह मिली तो यहां बैठ जाओ अन्यथा दूसरे कमरे में जाओ।’’
सविता का यह भी कहना है, ‘‘हमें वहां अन्य लोगों से बातचीत करने की इजाजत नहीं है। एक ही कमरे में अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों को बिठाकर पढ़ाया जाता है। शिक्षक और दूसरे सहपाठी भी कहते हैं कि तुम लोग अलग कमरों में बैठो। हमारे साथ तुम लोग नहीं बैठ सकते।’’
सविता की मां ने कहा, ‘‘किस दिन मेरी बेटी का वहां अपहरण हो जाए इसका पता नहीं। पाक में भारत की तरह अन्य धर्मों के बारे में नहीं बताया जाता है। हम अगर आपस में भी इस पर चर्चा करते हैं तो हमें धमकी मिलती है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होना सबसे बड़ा पाप है और नरक भोगने के समान है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियों के अपहरण, कम उम्र में जबरन निकाह और जबरिया धर्म परिवर्तन वहां आम है। न तो स्थानीय और न ही राष्ट्रीय सरकार को इससे कोई लेना-देना है। वहां अल्पसंख्यकों को कोई अधिकार नहीं है।
इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के नेता रजत कुमार मोहिंद्रू ने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत कर केंद्र सरकार को इस समस्या का हल निकालना चाहिए। उनके साथ सरासर अन्याय हो रहा है। अगर बांग्लादेश के मुसलमानों के लिए केंद्र सब कुछ कर सकता है तो पाक से आए हिन्दुओं के लिए क्यों नहीं।’’
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