वर्ष 2014 में दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर माना गया था।
जेनेवा:
देश की राजधानी दिल्ली अब दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। वैसे, आंकड़ों के अनुसार, अभी भी दुनिया के पांच सबसे खराब शहरों में से चार भारत में हैं। इनमें ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना और रायपुर शामिल हैं।
इन आंकड़ों के अनुसार प्रति घनमीटर हवा में पार्टिक्युलेट मैटर (पीएम) की मात्रा 2.5 माइक्रोग्राम के स्तर के नीचे पाई गई है। नई दिल्ली को सर्वे में नौवां सबसे खराब शहर आंका गया है।
ईरान का जाबोल शहर सबसे गंदी हवा वाला
सर्वे में ईरान के जाबोल शहर को सबसे गंदी हवा वाला माना गया। इस शहर में गर्मी के मौसम में महीनों धूलभरे तूफान आते हैं। सूची में अगले चार शहर भारत के हैं। ग्वालियर को दूसरा, इलाहाबाद को तीसरा, पटना को चौथा और रायपुर को चौथा सबसे गंदी हवा वाला शहर आंका गया है।
अति सूक्ष्म पीएम के संपर्क में रहने का होता है यह परिणाम
लंबे समय तक अति सूक्ष्म पीएम के संपर्क में रहने से फेफड़े के कैसर, हृदयाघात और हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है। WHO के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर वर्ष दुनिया में 70 लाख लोगों की अकालमौत होती है, इसमें से करीब तीन लाख मौतें आउटडोर एयर क्वालिटी के कारण होती हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर माना गया था। इसके बाद ये यहां पर प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिसमें सड़कों पर निजी कारों को उपयोग को सीमित करना भी शामिल है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इन आंकड़ों के अनुसार प्रति घनमीटर हवा में पार्टिक्युलेट मैटर (पीएम) की मात्रा 2.5 माइक्रोग्राम के स्तर के नीचे पाई गई है। नई दिल्ली को सर्वे में नौवां सबसे खराब शहर आंका गया है।
ईरान का जाबोल शहर सबसे गंदी हवा वाला
सर्वे में ईरान के जाबोल शहर को सबसे गंदी हवा वाला माना गया। इस शहर में गर्मी के मौसम में महीनों धूलभरे तूफान आते हैं। सूची में अगले चार शहर भारत के हैं। ग्वालियर को दूसरा, इलाहाबाद को तीसरा, पटना को चौथा और रायपुर को चौथा सबसे गंदी हवा वाला शहर आंका गया है।
अति सूक्ष्म पीएम के संपर्क में रहने का होता है यह परिणाम
लंबे समय तक अति सूक्ष्म पीएम के संपर्क में रहने से फेफड़े के कैसर, हृदयाघात और हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है। WHO के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर वर्ष दुनिया में 70 लाख लोगों की अकालमौत होती है, इसमें से करीब तीन लाख मौतें आउटडोर एयर क्वालिटी के कारण होती हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2014 में दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर माना गया था। इसके बाद ये यहां पर प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिसमें सड़कों पर निजी कारों को उपयोग को सीमित करना भी शामिल है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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