![तिब्बत में बांधों से भारत की ओर जल प्रवाह प्रभावित नहीं होगा : चीन तिब्बत में बांधों से भारत की ओर जल प्रवाह प्रभावित नहीं होगा : चीन](https://i.ndtvimg.com/i/2016-03/china-tibet-dam-650_650x400_71457725907.jpg?downsize=773:435)
प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांधों के निर्माण को लेकर भारत की चिंताओं के बीच चीन ने शुक्रवार को कहा कि इन परियोजनाओं को वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया है ताकि निचले इलाकों में जल प्रवाह प्रभावित नहीं होना सुनिश्चित हो सके, लेकिन उसने इस बात पर जोर दिया कि जल संसाधन पर उसका ‘उचित और वैधानिक’ अधिकार है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘‘सीमा पार नदियों के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से अच्छा सहयोग रहा है। चीनी पक्ष कई मुश्किलों से उबरा है और जल विज्ञान संबंधी डाटा के प्रावधान जैसी सेवा भारत को मुहैया कराई। सकारात्मक भूमिका निभाई है।’’
केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट के गुरुवार को संसद में दिए बयान पर होंग ने कहा, ‘‘सीमा पार नदियों के जल संसाधन को लेकर चीनी पक्ष का उचित और वैधानिक उपयोग का अधिकार है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इसके साथ ही चीनी पक्ष जिम्मेदार रुख अपनाता है और संसाधनों का दोहन करते समय संरक्षण की नीति पर अमल करता है। सीमा के आर पार बहने वाली सभी नदियों के पानी का उपयोग वैज्ञानिक आधार पर तैयार योजना के माध्यम से किया जाता है तथा वह ऊपरी एवं निचले इलाकों के हितों का संज्ञान लेता है।’’
सांवर लाल जाट ने कहा था कि भारत ने बांधों के पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चीन के समक्ष अपनी चिंताएं प्रकट की हैं। चीन के बांधों की वजह से जल प्रवाह बाधित होने पर होंग ने कहा, ‘‘मेरी समझ के मुताबिक चीन की ओर से निर्मित पनबिजली परियोजनाओं का निचले इलाकों में बाढ़ नियंत्रण एवं आपदा को कम करने तथा पर्यावरण पर असर नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन सीमा पार नदियों के मुद्दे पर भारतीय पक्ष से संपर्क और सहयोग बरकरार रखना और दोनों पक्षों के बीच समझ एवं विश्वास बढ़ाना चाहता है।’’ जाट ने कहा था, ‘‘भारत ने चीन से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि ऊपरी इलाकों में किसी गतिविधि का निचले इलाकों के राज्यों के हितों पर असर नहीं हो।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘‘सीमा पार नदियों के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से अच्छा सहयोग रहा है। चीनी पक्ष कई मुश्किलों से उबरा है और जल विज्ञान संबंधी डाटा के प्रावधान जैसी सेवा भारत को मुहैया कराई। सकारात्मक भूमिका निभाई है।’’
केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री सांवर लाल जाट के गुरुवार को संसद में दिए बयान पर होंग ने कहा, ‘‘सीमा पार नदियों के जल संसाधन को लेकर चीनी पक्ष का उचित और वैधानिक उपयोग का अधिकार है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इसके साथ ही चीनी पक्ष जिम्मेदार रुख अपनाता है और संसाधनों का दोहन करते समय संरक्षण की नीति पर अमल करता है। सीमा के आर पार बहने वाली सभी नदियों के पानी का उपयोग वैज्ञानिक आधार पर तैयार योजना के माध्यम से किया जाता है तथा वह ऊपरी एवं निचले इलाकों के हितों का संज्ञान लेता है।’’
सांवर लाल जाट ने कहा था कि भारत ने बांधों के पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चीन के समक्ष अपनी चिंताएं प्रकट की हैं। चीन के बांधों की वजह से जल प्रवाह बाधित होने पर होंग ने कहा, ‘‘मेरी समझ के मुताबिक चीन की ओर से निर्मित पनबिजली परियोजनाओं का निचले इलाकों में बाढ़ नियंत्रण एवं आपदा को कम करने तथा पर्यावरण पर असर नहीं होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन सीमा पार नदियों के मुद्दे पर भारतीय पक्ष से संपर्क और सहयोग बरकरार रखना और दोनों पक्षों के बीच समझ एवं विश्वास बढ़ाना चाहता है।’’ जाट ने कहा था, ‘‘भारत ने चीन से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि ऊपरी इलाकों में किसी गतिविधि का निचले इलाकों के राज्यों के हितों पर असर नहीं हो।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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