कोलंबिया में गंभीर बीमारी का सामना करने वाले रोगी अब आत्महत्या में मेडिकल स्टाफ की मदद ले सकते हैं. डॉक्टर की देखरेख में रोगियों के लिए सहायता प्राप्त चिकित्सा आत्महत्या को अधिकृत करने वाला कोलंबिया पहला लैटिन अमेरिकी देश बन गया. कोलंबिया की संवैधानिक अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि संवैधानिक ढांचे के भीतर कार्य करते हुए, डॉक्टर तीव्र पीड़ा या गंभीर बीमारी से ग्रस्त किसी की मदद कर सकता, जो स्वतंत्र रूप से अपने (मरीज) जीवन को खत्म करने का फैसला करता है.
कोलंबिया की सर्वोच्च अदालत के अनुसार एक डॉक्टर गंभीर रूप से बीमार मरीज को जेल जाने का जोखिम उठाए बिना, एक घातक दवा का सेवन करके अपनी जान लेने में मदद कर सकता है. अदालत के फैसले में कहा गया है कि सहायता प्राप्त आत्महत्या की अनुमति केवल "शारीरिक चोट या गंभीर और लाइलाज बीमारी से उत्पन्न होने वाली तीव्र शारीरिक या मानसिक पीड़ा" वाले लोगों को दी जाएगी.
बता दें कि कोलंबिया में पहले से ही इच्छामृत्यु (Euthanasia) की अनुमति लोगों को है. ये कानून 1997 से वैध है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1997 के बाद से कोलंबिया में 200 से भी कम लोगों ने इच्छामृत्यु का विकल्प चुना है. इच्छामृत्यु को अपराध मुक्त करने के बावजूद, डॉक्टर अगर किसी व्यक्ति को अपना जीवन समाप्त करने में मदद करता है तो उसे अभी भी 12 से 36 महीने की जेल का जोखिम होता है.
इच्छामृत्यु और सहायता प्राप्त आत्महत्या में क्या है अतंर?
राइट टू डाई विद डिग्निटी फाउंडेशन (डीएमडी) के अनुसार, इच्छामृत्यु और सहायता प्राप्त आत्महत्या के बीच का अंतर "मूल रूप से दवा कौन देता है इससे जुड़ा है". इच्छामृत्यु के मामले में स्वास्थ्य कर्मी (डॉक्टर) की ओर से दवा दी जाती है, जो मृत्यु का कारण बनती है. वहीं सहायता प्राप्त आत्महत्या के मामले में रोगी खुद से दवाई लेता है, जो कि अन्य व्यक्ति द्वारा प्रदान की जाती है.
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