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This Article is From Jul 10, 2020

भारत-चीन सीमा विवाद पर चीनी राजदूत ने जारी किया वीडियो, कही यह बात...

गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक घटना के बाद भारत में चीनी उत्पादों के खिलाफ उठ रही आवाजों और भारत सरकार द्वारा चीन के 59 ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भी चीनी राजदूत ने अपनी बात रखी.

भारत-चीन सीमा विवाद पर चीनी राजदूत ने जारी किया वीडियो, कही यह बात...
भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने वीडियो संदेश जारी कर 2 हजार साल पुराने मैत्री संबंधों को भी याद किया.
नई दिल्ली:

भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग (Sun Weidong) ने शुक्रवार को वीडियो संदेश जारी कर कहा कि दोनों देशों के  बीच कोई दुशमन नहीं है, बल्कि हमारे तो मित्रता के संबंध हैं. चीनी राजदूत ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद सीमा पर बढ़े तनाव (India-China Standoff) पर कहा कि दोनों में कोई भी देश नहीं चाहता था कि ऐसा होगा. अपने वीडियो संदेश में सन विडोंग ने कहा, '15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच जो हुआ ऐसी स्थिति के बारे में दोनों में से किसी देश ने भी नहीं सोचा था. 5 जुलाई को इस मामले में चीनी के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. दोनों नेताओं ने सीमा पर जारी गतिरोध को कम करने को लेकर सहमति व्यक्त की थी. वर्तमान में हमारे फ्रंटलाइन ट्रूप्स मिलिट्री कोर कमांडर लेवल पर सीमा पर जारी गतिरोध कम करने की कोशिश में लगे हैं. गलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ उसे लेकर भारत में कुछ नेताओं ने ऐसी बातें कही हैं जो दोनों देशों के बीच द्वपक्षीय संबंधों में रुकावटें पैदा करती हैं. हम इस संदर्भ में कुछ फंडामेंडल प्वाइंट रखना चाहते हैं, चीन और भारत साझेदार है, ना की दुशमन, 2 हजार सालों से भी अधिक समय से हमारे मैत्रीय संबंधों का आदान प्रदान रहा है..'

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चीनी राजदूत का कहना है कि दोनों देशों को कोरोना संकट से मिलकर लड़ना चाहिए. ये संकट का समय है और हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए. सन विडोंग ने कहा, 'दोनों देश इस समय कोरोना जैसे संकट से लड़ रहे हैं. हमें इस युद्ध में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना चाहिए.

गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक घटना के बाद भारत में चीनी उत्पादों के खिलाफ उठ रही आवाजों और भारत सरकार द्वारा चीन के 59 ऐप्स पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भी चीनी राजदूत ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, 'क्योंकि दोनों देश व्यापार में हैं और चीन द्वारा भारत में मोबाइल, घरेलू उपकरण और बुनियादी ढांचे और ऑटोमोबाइल विनिर्माण जैसे उद्योगों को बढ़ावा दिया है और बहुत सारे रोजगार पैदा किए हैं ...

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....कुछ लोग 'मेड इन चाइना' को पूरी तरह से बाहर करने के लिए भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को अलग होने का ढिंढोरा पीट रहे हैं. किसी भी आत्म सुरक्षा और चीन के खिलाफ गैर-प्रतिबंधात्मक बाधाएं और प्रतिबंधात्मक उपाय चीनी कर्मचारियों के साथ ही भारतीय कर्मचारियों के साथ भी अन्याय है, जो परिणाम के रूप में अपनी नौकरी खो चुके हैं. और उन उपभोक्ताओं के लिए अनुचित है जो उत्पादों तक पहुंच प्राप्त नहीं कर सकते हैं.'

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