
How to remove pyria naturally: आज के समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति दांतों और मसूड़ों की समस्या से जूझ रहा है. पायरिया, मसूड़ों से खून आना, दांतों में सड़न या मुंह से बदबू, ये सब आम समस्याएं बन गई हैं. इससे ओरल हेल्थ तो खराब होती ही है, साथ ही कई बार ये शर्मिंदगी का कारण भी बन जाता है. अब, अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए बड़े काम का साबित हो सकता है. हाल ही में आयुर्वेदिक डॉक्टर रोबिन शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में उन्होंने दांतों से जुड़ी इन सभी परेशानियों से निजात पाने का एक असरदार नुस्खा बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में-
क्या कहते हैं डॉक्टर?
वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, 'लोग दिन में दो बार ब्रश करते हैं, लेकिन बावजूद इसके दांतों में पायरिया, मसूड़ों से खून आना या मुंह से बदबू आने जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं. ऐसे में वे महंगे टूथपेस्ट का सहारा लेते हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर टूथपेस्ट में मौजूद SLS (Sodium Lauryl Sulfate) और फ्लोराइड जैसे केमिकल दांतों को फायदा पहुंचाने की बजाय और नुकसान कर सकते हैं.'
फिर क्या करें?डॉक्टर शर्मा आगे बताते हैं, 'आयुर्वेद में दांतों और मसूड़ों की सफाई के लिए कई सुरक्षित और प्राकृतिक तरीके बताए गए हैं, जो बिना नुकसान के असर दिखाते हैं. ऐसे में अगर आप सही नुस्खा अपनाएं तो पायरिया और मुंह की बदबू जैसी समस्याएं जड़ से खत्म हो सकती हैं.' इसके लिए डॉक्टर ने एक खास नुस्खा भी शेयर किया है.
चाहिए होंगी ये चीजें-- 10 ग्राम लौंग
- 20 ग्राम हल्दी
- 30 ग्राम तेजपत्ता और
- 40 ग्राम सेंधा नमक
क्या करें?
इन चारों चीजों को एक साथ मिलाकर बारीक पीस लें और तैयार पाउडर को एक एयरटाइट डिब्बे में भरकर रख लें.
डॉक्टर रोज सुबह और शाम आधा चम्मच इस पाउडर में थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर ब्रश करने की सलाह देते हैं.
- सबसे पहले बात लौंग की करें, तो इसमें एंटीसेप्टिक और पेनकिलर गुण होते हैं, जो दांत के दर्द और इंफेक्शन को कम करते हैं.
- हल्दी में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मसूड़ों की सूजन और पायरिया में असर दिखाते हैं.
- तेजपत्ता मुंह की बदबू दूर करता है और बैक्टीरिया को खत्म करता है.
- वहीं, सेंधा नमक दांतों से पीलापन हटाकर उन्हें चमकदार बनाने में असर दिखा सकता है, साथ ही ये मसूड़ों को मजबूत करता है.
डॉक्टर रोबिन शर्मा के मुताबिक, आयुर्वेद का यह नुस्खा पूरी तरह प्राकृतिक है, इसमें कोई हानिकारक केमिकल नहीं है. इसलिए इसे लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसा नियमित रूप से करने पर आपको कुछ ही समय में कमाल के नतीजे देखने को मिल सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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