
- बिहार में वोटर्स वेरिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान लगभग 65 लाख वोटरों के नाम हटाए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ.
- नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से हटाने के आरोप लगाए गए. लेकिन आयोग ने उनका नाम सूची में बताया.
- तेजस्वी यादव के वोटर आईडी के एपिक नंबर और चुनाव आयोग द्वारा जारी सूची के एपिक नंबर में अंतर पाया गया है.
बिहार में चल रही वोटर्स वेरिफिकेशन प्रक्रिया (SIR - Special Intensive Revision) को लेकर विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच टकराव तेज हो गया है. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार चुनाव आयोग के साथ मिलकर राज्य के चुनाव को 'हाईजैक' करने की साजिश कर रही है. 1 अगस्त को चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट में लगभग 65 लाख वोटरों के नाम हटाए गए, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई.
इस प्रक्रिया पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सवाल उठाए. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपना नाम वोटर लिस्ट में चेक किया, जहां बताया गया कि उनका नाम सूची से हटा दिया गया हैय इस खुलासे के बाद पटना से लेकर दिल्ली तक चुनाव आयोग सक्रिय हो गया और उस पर सवाल उठने लगे.
हालांकि, चुनाव आयोग ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है और वह दीघा विधानसभा क्षेत्र के पंजीकृत मतदाता हैं. आयोग ने उनका वोटर आईडी भी जारी किया, जिससे यह पुष्टि हुई कि उनका नाम सूची में शामिल है.
तेजस्वी यादव ने इस दौरान अपना वोटर्स आईडी भी जारी किया, जिसमे उनका पता 208 कौटिल्य नगर एमपी एमएलए फ्लैट्स बताया गया है. तेजस्वी यादव इसे पते के रजिस्टर्स वोटर है. तेजस्वी यादव का कहना है कि इसी पते का वोटर हो और इसी बूथ पर वोट देता हूं. लेकिन जो वोटर आईडी कार्ड जारी किया गया तेजस्वी के तरफ से उसका एपिक नंबर कुछ और था और चुनाव आयोग ने जो सूची जारी की है उसमे एपिक नंबर कुछ और है.
तेजस्वी द्वारा जारी वोटर आईडी का एपिक नंबर : RAB2916120
चुनाव आयोग द्वारा जारी वोटर्स लिस्ट में एपिक नंबर : RABR0456228
तेजस्वी यादव से चुनाव आयोग ने इस मामले में जवाब मांगा है. साथ ही अपने वोटर्स आईडी की जानकारी जिला निबंधन कार्यालय में भी जमा कराने की मांग की है. हालाकि, तेजस्वी के तरफ से इस मामले में अभी तक डॉक्यूमेंट नहीं जमा कराया गया है. इसको लेकर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने तेजस्वी यादव को 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है.
एनडीटीवी की टीम इस खबर के पड़ताल के किए तेजस्वी यादव के वोटर्स आईडी पते पर पहुंची. यहां हमारी मुलाकात तेजस्वी यादव के मामा सुभाष यादव से हुई. सुभाष यादव का भी निवास यही है और वह भी यहीं के वोटर है. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने जल्दबाजी की है, जिनका भी दो जगह नाम है उनका नाम कटना चाहिए.
एनडीटीवी की टीम ने तेजस्वी यादव के पंजीकृत मतदाता पते, 208 एमपी एमएलए कॉलोनी, कौटिल्य नगर, पटना का दौरा किया, जहां गृह मंत्रालय के अधीन सीमा सुरक्षा बल (SSB) का कार्यालय संचालित हो रहा है. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यह कार्यालय 2004-05 से वहां है और इसका किराया लालू प्रसाद यादव को जाता है. हालांकि, एनडीटीवी ने इस किराए के दावे की पुष्टि नहीं की.
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनके दो EPIC नंबर हैं, लेकिन दोनों पर पंजीकृत पता वही है. उन्होंने चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने की मांग की कि ये दो नंबर कैसे जारी हुए. चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावों का जवाब देने के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है, और तेजस्वी भी आयोग के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
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