यह सच नहीं बदलेगा, भारत-चीन एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते : चीन

चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग (Sun Weidong) ने अपने ट्विटर एकाउंट पर बताया, "दुनियाभर में शांति बनाए रखना और साझा विकास को बढ़ावा देना चीन की कूटनीति का मूलभूत लक्ष्य रहा है..

यह सच नहीं बदलेगा, भारत-चीन एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते : चीन

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) के फैले प्रकोप की वजह से जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच फ्रांस-निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत में पहुंच गई है. इसी बीच, अलग-अलग गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं, और ऐसे ही एक वेबिनार के दौरान चीन का कहना है कि पड़ोसी होने के नाते मूलभूत ज़मीनी हालात, दोनों देशों के बीच जारी साझीदारी और दोस्ताना सहयोग कभी नहीं बदलेगा. भारत में चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने यह भी कहा कि दोनों देश एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते, यह सच्चाई भी नहीं बदल सकती है.
 


नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज़ स्टडीज़ (ICS) द्वारा 'चाइना-इंडिया रिलेशन्स : द वे फॉरवर्ड' विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करने की जानकारी देते हुए चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने अपने ट्विटर एकाउंट पर बताया, "दुनियाभर में शांति बनाए रखना और साझा विकास को बढ़ावा देना चीन की कूटनीति का मूलभूत लक्ष्य रहा है... 70 शाल पहले PRC की स्थापना के समय से ही हमने पड़ोसियों से अच्छे दोस्ताना रिश्ते चाहे हैं, पड़ोसियों के साथ विकास की ख्वाहिश की है, और सहयोग को बढ़ाते हने की दिशा में काम किया है..."


दोनों देशों के बीच संबंधों के बारे में उन्होंने लिखा, "हमारा मूलभूत निष्कर्ष यह है कि तीन चीज़ें नहीं बदल सकती हैं... पड़ोसी होने के नाते मूलभूत ज़मीनी हालात नहीं बदलेंगे... दोनों देशों के बीच जारी साझीदारी और दोस्ताना सहयोग के इरादे कभी नहीं बदलेंगे... यह मूलभूत सोच कभी नहीं बदलेगी कि दोनों देश एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते..."
 


सुन वीडॉन्ग ने आगे लिखा, "इसी निष्कर्ष के आधार पर भारत के प्रति चीन की मूलभूत नीति नहीं बदली है... दोनों पक्षों को दोनों देशों और उनके लोगों के मूलभूत हितों के लिए काम करना चाहिए, दोस्ताना सहयोग बना रहना चाहिए, और उन्हें मतभेदों को सलीके से संभालना चाहिए, ताकि द्विपक्षीय ताल्लुकात सामान्य ट्रैक पर लौट सकें..."

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