बीजिंग:
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को कहा कि उनका देश सैनिकों की संख्या में तीन लाख की कमी करेगा। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार की 70वीं सालगिरह पर चीन में भव्य सैनिक परेड का शुभारंभ किया गया।
पश्चिमी देशों के बड़े नेता इस आयोजन से दूर हैं, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समारोह में मौजूद रहे। अपने भाषण में चिनफिंग ने कहा कि चीन हमेशा शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। उनके भाषण को राजकीय टेलीविजन द्वारा लाइव प्रसारित किया गया।
'शांति कायम रखना चीन की प्रतिबद्धता'
थिनमेन स्क्वायर पर राष्ट्रपति चिनफिंग ने काली कार में सवार होकर हजारों सैनिकों की परेड की सलामी ली। इस दौरान सैकड़ों टैंकों तथा मिसाइलों को भी प्रदर्शित किया गया। चिनफिंग ने कहा, जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की 'पूर्ण विजय' ने दुनिया में बड़े देश के रूप में चीन की स्थिति कायम की।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, चीन के लोगों ने जापानी सैन्य हमले के खिलाफ बहादुरीपूर्वक लड़ाई लड़ी और पूर्ण जीत हासिल की, जिससे चीन की पांच हजार साल पुरानी सभ्यता और शांति कायम रखने की प्रतिबद्धता कायम रही। उन्होंने आठ साल के इस संघर्ष को न्याय और बुराई तथा प्रकाश और अंधकार के बीच निर्णायक लड़ाई करार दिया।
विदेशी रक्षा बल भी परेड में शामिल
चीन की इस पहली सैन्य परेड में भाग लेने वाले 1,000 विदेशी बलों में पाकिस्तान और रूस समेत 17 देशों के सैन्य बल शामिल थे। इस परेड का लक्ष्य द्वितीय विश्वयुद्ध में चीन के खिलाफ जापानी सैनिकों की ज्यादतियों को रेखांकित करना था। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और रूस के राष्ट्रपति पुतिन समेत विश्व के 30 नेताओं ने परेड देखी। इसके अलावा भारत के विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह समेत विभिन्न सरकारों के विशेष दूतों ने भी यह परेड देखी। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने परेड से पहले विदेशी नेताओं की अगवानी की।
पश्चिमी देशों के बड़े नेता इस आयोजन से दूर हैं, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समारोह में मौजूद रहे। अपने भाषण में चिनफिंग ने कहा कि चीन हमेशा शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। उनके भाषण को राजकीय टेलीविजन द्वारा लाइव प्रसारित किया गया।
'शांति कायम रखना चीन की प्रतिबद्धता'
थिनमेन स्क्वायर पर राष्ट्रपति चिनफिंग ने काली कार में सवार होकर हजारों सैनिकों की परेड की सलामी ली। इस दौरान सैकड़ों टैंकों तथा मिसाइलों को भी प्रदर्शित किया गया। चिनफिंग ने कहा, जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की 'पूर्ण विजय' ने दुनिया में बड़े देश के रूप में चीन की स्थिति कायम की।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, चीन के लोगों ने जापानी सैन्य हमले के खिलाफ बहादुरीपूर्वक लड़ाई लड़ी और पूर्ण जीत हासिल की, जिससे चीन की पांच हजार साल पुरानी सभ्यता और शांति कायम रखने की प्रतिबद्धता कायम रही। उन्होंने आठ साल के इस संघर्ष को न्याय और बुराई तथा प्रकाश और अंधकार के बीच निर्णायक लड़ाई करार दिया।
विदेशी रक्षा बल भी परेड में शामिल
चीन की इस पहली सैन्य परेड में भाग लेने वाले 1,000 विदेशी बलों में पाकिस्तान और रूस समेत 17 देशों के सैन्य बल शामिल थे। इस परेड का लक्ष्य द्वितीय विश्वयुद्ध में चीन के खिलाफ जापानी सैनिकों की ज्यादतियों को रेखांकित करना था। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और रूस के राष्ट्रपति पुतिन समेत विश्व के 30 नेताओं ने परेड देखी। इसके अलावा भारत के विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह समेत विभिन्न सरकारों के विशेष दूतों ने भी यह परेड देखी। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने परेड से पहले विदेशी नेताओं की अगवानी की।
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