चीन (China) के मना करने के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi) ने ताइवान (Taiwan) की यात्रा की. चीन इससे बुरी तरह से भड़क चुका है और ताइवान को घेर कर अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहा है. इस बीच चीन की तरफ से ताइवान पर कब्जे की तैयारियों की आशंकाएं भी तेज हो रही हैं. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है जबकि चीन की मौजूदा सरकार ताइवान को एक अलग देश के तौर पर देखती है. चीन कह चुका है कि एक दिन वो ताइवान पर कब्जा करके ही रहेगा चाहें इसके लिए उसे बल का प्रयोग ही क्यों ना करना पड़े. वहीं अमेरिका कह चुका है कि वो अपने साथी ताइवान के लोकतंत्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.
ऐसे में एक तरफ ताइवान चीन-अमेरिका के बीच तनाव का बड़ा कारण बन गया है. आइए देखते हैं कि चीन और ताइवान सैन्य ताकत में एक दूसरे के सामने कहां खड़े हैं और अमेरिका के होते हुए चीन के लिए ताइवान पर कब्जा कितना आसान है?
चीन का सैन्य बजट साल 2022 में जहां $229 बिलियन है, वहीं एशिया पैसिफिक डिफेंस रिपोर्टर के अनुसार, ताइवान के सैन्य बजट 16.9 बिलियन डॉलर है. अमेरिकी मीडिया न्यूज़वीक के अनुसार, साल 2021 में अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने एक रिपोर्ट संसद के सामने रखी थी. इसमें चीन और ताइवान की सैन्य ताकत के बारे में विस्तार से चर्चा की गई थी.
ज़मीन पर चीन और ताइवान
साल 2020 के आंकड़े के मुताबिक इसमें कहा गया था कि चीन के पास 10 लाख 40 हजार सैनिक हैं जबकि ताइवान के पास केवल 88,000 सैनिक हैं. चीन के पास 6,300 टैंक हैं और 7000 तोपें हैं जबकि ताइवान केवल 800 टैंक हैं और 1100 तोपें हैं.
फर्स्टपोस्ट के अनुसार, चीन के पास जहां जमीन पर चलने वाले 35,000 बख्तरबंद वाहन हैं तो वहीं ताइवान के पास केवल 3,472 बख्तरबंद वाहन हैं.
अगर बात करें खींच कर ले जाने वाले और एक जहग से दूसरी जगह जाने वाले मोबाइल रॉकेट छोड़ने वाले उपरकरणों की तो इस मामले में भी चीन ताइवान से कहीं आगे है.
समुद्र में चीन और ताइवान
चीन जबकि 32 विध्वंसक जहाज और 48 युद्धपोत तैनात कर सकता है लेकिन ताइवान के पास केवल 4 विध्वंसक और 22 युद्धपोत हैं.
पनडुब्बियों के मामले में भी चीन का दबदबा अधिक है, चीन के पास 9 परमाणु क्षमता और 6 बैलिस्टिक मिसाइल वाली पनडुब्बियां हैं जबकि ताइवान के पास इसमें से कुछ नहीं है. ताइवान के पास केवल 2 डीज़ल से चलने वाली पनडुब्बियां हैं जबकि चीन के पास ऐसी 56 पनडुब्बियां हैं.
आसमान में चीन और ताइवान
आसमान में चीन और ताइवान की शक्ति में भी काफी अंतर नज़र आता है. चीन के पास जहां 1600 लड़ाकू विमान हैं वहीं ताइवान के पास केवल 400 लड़ाकू विमान हैं.
कितना आसान होगा चीन के लिए ताइवान पर कब्ज़ा?
ताइवान चीन की तटरेखा के सबसे करीबी बिंदु से केवल 81 मील दूर है, लेकिन फिर भी ताइवान से कहीं अधिक ताकतवर होने के बावजूद चीन के लिए ताइवान पर हमला करना इतना आसान नहीं होगा . न्यूज़वीक के अनुसार ताइवान के दोस्त अमेरिका ने जापान और साउथ कोरिया में अपने करीब 79,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं. अमेरिका ने अब तक इसे लेकर अभी तक चुप्पी साध रखी है कि अगर ताइवान पर कब्जा होगा तो वो क्या करेगा लेकिन ताइवान को चीन के कब्जे में जाता देख अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. अक्टूबर 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका ताइवान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
अगर ताइवान पर चीन कब्जे के लिए हमला करता है तो ताइवान की मदद के लिए अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की सेनाएं भी आ सकती हैं. वहीं अमेरिका भी हिंद महासागर में चीन का सामना करने की तैयारी करके बैठा है. वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, फिलिपीन्स में अमेरिका के पांच सैन्य बेस हैं. एंटोनियो बाउटिस्टा एयर बेस, बासा एयर बेस, फोर्ट मैग्सेसे, लुंबिया एयर बेस और मैकटैन-बेनितो इबुएन (Mactan-Benito Ebuen ) एयर बेस. अमेरिका इन सैन्य ठिकानों से भी ज़रूरत पड़ने पर ताइवान के लिए सैन्य मदद भेज सकता है.
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