बीजिंग:
भारत ने चीन से कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार को अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता के तौर पर देखता है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के बढ़ते प्रभावों का भविष्य में संबंधों पर पड़ने वाले असर की चिंताओं को परे रखते हुए भारत ने चीन के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा जताई।
चीन के साथ गर्माहटभरे संबंधों की चाहत के बारे में गंभीर संदेश देते हुए विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने चीन के उप प्रधानमंत्री ली केकिआंग से कहा कि मजबूत और स्वस्थ संबंधों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच विश्वास और समझ विकसित हो।
ली के साथ करीब 45 मिनट की बैठक के बाद कृष्णा ने भारतीय मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि चीन के साथ हमारा संबंध भारत की विदेश नीति की प्राथमिकता है और हम मानते हैं कि भारत-चीन का संबंध 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक होगा।’
संभावना है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के नेतृत्व में बदलाव के बाद अगले वर्ष ली चीन के प्रधानमंत्री बनेंगे।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के बढ़ते प्रभावों का भविष्य में संबंधों पर पड़ने वाले असर की चिंताओं को परे रखते हुए भारत ने चीन के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा जताई।
चीन के साथ गर्माहटभरे संबंधों की चाहत के बारे में गंभीर संदेश देते हुए विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने चीन के उप प्रधानमंत्री ली केकिआंग से कहा कि मजबूत और स्वस्थ संबंधों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच विश्वास और समझ विकसित हो।
ली के साथ करीब 45 मिनट की बैठक के बाद कृष्णा ने भारतीय मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि चीन के साथ हमारा संबंध भारत की विदेश नीति की प्राथमिकता है और हम मानते हैं कि भारत-चीन का संबंध 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक होगा।’
संभावना है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के नेतृत्व में बदलाव के बाद अगले वर्ष ली चीन के प्रधानमंत्री बनेंगे।
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