विज्ञापन
This Article is From May 01, 2024

दक्षिण चीन सागर में जारी तनाव के बीच चीन ने विमानवाहक पोत का समुद्री परीक्षण किया शुरू

विवादित दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच बीजिंग ने अपनी नौसैनिक शक्ति को बढ़ाते हुए इस युद्धपोत का परीक्षण शुरू किया है.

दक्षिण चीन सागर में जारी तनाव के बीच चीन ने विमानवाहक पोत का समुद्री परीक्षण किया शुरू
बीजिंग:

चीन ने अपने तीसरे विमानवाहक पोत फुजियान का बुधवार को पहला समुद्री परीक्षण शुरू किया. फुजियान को सबसे उन्नत घरेलू युद्धपोत बताया जा रहा है. विवादित दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच बीजिंग ने अपनी नौसैनिक शक्ति को बढ़ाते हुए इस युद्धपोत का परीक्षण शुरू किया है. सरकार के स्वामित्व वाली ‘शिन्हुआ' समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार, यह युद्धपोत समुद्री परीक्षण के लिए बुधवार सुबह शंघाई जियांगनान शिपयार्ड से रवाना हुआ. परीक्षण के दौरान विमान वाहक की प्रणोदन शक्ति और विद्युत प्रणालियों की विश्वसनीयता व स्थिरता की जांच की जाएगी.

फुजियान को जून 2022 में पानी में उतारा गया था, जिसने नौबंध परीक्षण, उपकरण समायोजन और अन्य जरूरी परीक्षण पूरे कर लिए हैं. युद्धपोत ने समुद्री परीक्षण के लिए जरूरी तकनीकी आवश्यकताएं भी पूरी कीं. परीक्षण से पहले चीन ने यांगत्जे नदी के मुहाने के आसपास समुद्री यातायात पर नियंत्रण लगा दिया है, जहां जियांगनान शिपयार्ड जहाज 'सैन्य गतिविधियों' के लिए तैनात है. खबर के मुताबिक, यातायात नियंत्रण नौ मई तक रहेगा.

पूर्व की आधिकारिक खबरों के अनुसार, चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में वर्ष 2035 तक पांच से छह विमान वाहक पोत तैनात करने की योजना बनाई है. चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है. ताइवान जलडमरूमध्य चीन की मुख्य भूमि को ताइवान से अलग करता है. विमान वाहक पोत हासिल करने में चीन की रणनीति के बारे में जन मुक्ति सेना (पीएलए) के साथ चार दशक गुजार चुके वरिष्ठ कर्नल (सेवानिवृत्त) झोउ बो ने कहा कि चीन वतन से दूर संभावित युद्ध के लिए पोत के महत्व को देखता है.

बो सिंघुआ विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर इंटरनेशनल सिक्युरिटी एंड स्ट्रेटजी' में वरिष्ठ फेलो हैं. हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘‘मैं यह अटकल नहीं लगा सकता कि चीन को कितने विमान वाहक पोत की आवश्यकता होगी. लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि विमान वाहक पोत मुख्य रूप से तटीय इलाकों में लड़ाई के लिए नहीं हैं. वे वतन से दूर संभावित युद्ध के लिए हैं.''

चीन, हिंद महासागर में भी अपनी शक्ति को बढ़ा रहा है. वर्तमान में दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना का अमेरिका समर्थित फिलीपीन के नौसैनिक जहाजों के साथ गतिरोध जारी है. फिलीपीन, दक्षिण चीन सागर में सैकंड थॉमस टापू पर अपना दावा जताने की कोशिश कर रहा है जबकि चीन इसका कड़ा विरोध कर रहा है. चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है. वहीं फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान चीन के इस दावे का सख्ती से विरोध करते हैं.

चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग का 2012 में जलावतरण किया गया था. यह पोत सोवियत-युग के जहाज का एक नया संस्करण था. इसके बाद 2019 में स्वदेशी रूप से निर्मित दूसरा विमानवाहक पोत शेडोंग बनाया गया था.

ये भी पढ़ें-: 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com