रोम:
इटालियन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भारत सरकार के साथ हुए 4000-करोड़ रुपये के एक हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार और गबन के आरोप में रक्षा मामलों से जुड़े सौदे करने वाली इटली की कंपनी फिनमेकानिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गिसेप ओरसी को गिरफ्तार किया गया है।
इस गिरफ्तारी का असर भारत में दिखा है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने दूतावास से इस बारे में और जानकारी मांगी है। इस सौदे में 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे। तीन आ चुके हैं और बाकी नौ की खरीद रोक दी गई है।
गौरतलब है कि 2010 में यह डील हुई थी जबकि 2011 में ही सौदे को लेकर आरोप लगे थे। रक्षा मंत्रालय की जांच में सौदे बिल्कुल सही पाया गया था। अब इटली में कार्रवाई के बाद रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं।
बताया गया है कि ओरसी के खिलाफ कई महीनों से जांच जारी थी, और वह भारत सरकार के साथ 12 अगस्तावेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टरों के लिए हुए सौदे में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से इंकार करता रहा है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस हेलीकॉप्टर सौदे में उनकी जांच से किसी भी प्रकार की आर्थिक गड़बड़ी उजागर नहीं हुई है, और प्रधानमंत्री सहित अन्य महत्वपूर्ण लोगों की यात्रा के लिए किए गए इन एक दर्जन हेलीकॉप्टरों के सौदे पर इटली में हुई इस गिरफ्तारी का कोई असर नहीं पड़ेगा।
सरकारी नियंत्रण वाले फिनमेकानिका समूह के खिलाफ अपने देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी रिश्वत देने के आरोपों की जांच इटली में पिछले तीन साल से की जा रही है, लेकिन कंपनी इन आरोपों से इंकार करती रही है। फरवरी में ही जारी किए गए एक बयान में फिनमेकानिका ने कहा था, "भारत में अगस्तावेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के मामले में किसी तरह की अनियमितता नहीं बरती गई है, और हमें जांच से संबंधित कोई नोटिस भी नहीं मिला है।"
इस गिरफ्तारी का असर भारत में दिखा है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने दूतावास से इस बारे में और जानकारी मांगी है। इस सौदे में 12 हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे। तीन आ चुके हैं और बाकी नौ की खरीद रोक दी गई है।
गौरतलब है कि 2010 में यह डील हुई थी जबकि 2011 में ही सौदे को लेकर आरोप लगे थे। रक्षा मंत्रालय की जांच में सौदे बिल्कुल सही पाया गया था। अब इटली में कार्रवाई के बाद रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं।
बताया गया है कि ओरसी के खिलाफ कई महीनों से जांच जारी थी, और वह भारत सरकार के साथ 12 अगस्तावेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टरों के लिए हुए सौदे में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से इंकार करता रहा है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस हेलीकॉप्टर सौदे में उनकी जांच से किसी भी प्रकार की आर्थिक गड़बड़ी उजागर नहीं हुई है, और प्रधानमंत्री सहित अन्य महत्वपूर्ण लोगों की यात्रा के लिए किए गए इन एक दर्जन हेलीकॉप्टरों के सौदे पर इटली में हुई इस गिरफ्तारी का कोई असर नहीं पड़ेगा।
सरकारी नियंत्रण वाले फिनमेकानिका समूह के खिलाफ अपने देश के साथ-साथ अन्य देशों में भी रिश्वत देने के आरोपों की जांच इटली में पिछले तीन साल से की जा रही है, लेकिन कंपनी इन आरोपों से इंकार करती रही है। फरवरी में ही जारी किए गए एक बयान में फिनमेकानिका ने कहा था, "भारत में अगस्तावेस्टलैण्ड हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के मामले में किसी तरह की अनियमितता नहीं बरती गई है, और हमें जांच से संबंधित कोई नोटिस भी नहीं मिला है।"
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