सुपरकंप्यूटर के लिये भारत के सी-डैक, फ्रांस के एटोस के बीच समझौता
नई दिल्ली:
भारत के सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने फ्रांस की आईटी सेवा कंपनी एटोस के साथ उसके उच्च क्षमता वाले सुपरकंप्यूटर बुल सेक्यूआना का भारत में डिजाइन करने तथा यहीं उसका निर्माण और स्थापना करने के तीन साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं. अनुबंध पर सी-डैक के महानिदेशक हेमंत दरबारी तथा एटोस के मुख्य परिचालन अधिकारी (बिग डेटा एंड सिक्योरिटी) पियरे बर्नाबे ने करार पर दस्तखत किये.
इस मौके पर फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां येवेस द्रियां तथा भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी मौजूद थे. फ्रांसी मंत्री ने कहा कि ''इस समझौते से हमारे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी है और हम ऐसे दो देश हैं यहां बड़े नवप्रवर्तन हो रहे हैं. यह सच्चाई है कि सुपरकंप्यूटर आज की जरूरत है, यह कोई विलासिता की चीज नहीं है.
हम कहते आ रहे हैं कि 21वीं सदी में डेटा की वही स्थिति है जो 20वीं सदी में तेल की थी. हम बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग कर रहे हैं, इससे नैतिकता के सवाल खड़े हुए हैं. भारत और फ्रांस के आपसी हित न केवल जुड़ हुए हैं बल्कि दोनों देश इस बात को बड़ा मान देते हैं कि प्रौद्योगिकी का प्रयोग मानव की भलाई के लिए हो.''
एटोस को यह अनुबंध नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत दिया गया है. कुल 4,500 करोड़ रुपये की योजना का मकसद विभिन्न शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लिये 70 से अधिक उच्च प्रदर्शन वाले सुपरकंप्यूटिग सुविधाओं का नेटवर्क सृजित करना है. सुपर कंप्यूटर बुल सेक्यूआना की आपूर्ति अगले साल की शुरूआत में होने की उम्मीद है.
इनपुट - आईएएनएस
वीडियो - कंप्यूटर योजना में घोटाला
इस मौके पर फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां येवेस द्रियां तथा भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी मौजूद थे. फ्रांसी मंत्री ने कहा कि ''इस समझौते से हमारे द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी है और हम ऐसे दो देश हैं यहां बड़े नवप्रवर्तन हो रहे हैं. यह सच्चाई है कि सुपरकंप्यूटर आज की जरूरत है, यह कोई विलासिता की चीज नहीं है.
हम कहते आ रहे हैं कि 21वीं सदी में डेटा की वही स्थिति है जो 20वीं सदी में तेल की थी. हम बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग कर रहे हैं, इससे नैतिकता के सवाल खड़े हुए हैं. भारत और फ्रांस के आपसी हित न केवल जुड़ हुए हैं बल्कि दोनों देश इस बात को बड़ा मान देते हैं कि प्रौद्योगिकी का प्रयोग मानव की भलाई के लिए हो.''
एटोस को यह अनुबंध नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत दिया गया है. कुल 4,500 करोड़ रुपये की योजना का मकसद विभिन्न शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लिये 70 से अधिक उच्च प्रदर्शन वाले सुपरकंप्यूटिग सुविधाओं का नेटवर्क सृजित करना है. सुपर कंप्यूटर बुल सेक्यूआना की आपूर्ति अगले साल की शुरूआत में होने की उम्मीद है.
इनपुट - आईएएनएस
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