ट्विटर को अधिग्रहण करने के बाद एलन मस्क (Elon Musk) ने मंगलवार को अपने 'फ्री स्पीच' वाले बयान पर एक ट्वीट किया और बताया कि 'फ्री स्पीच' से उनका क्या मतलब था. मस्क ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानून से मेल खानी चाहिए और वे सेंसरशिप के खिलाफ हैं, जो कानून से बहुत आगे जाती है. एलन मस्क ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'फ्री स्पीच' से मेरा सीधा मतलब है कि जो कानून से मेल खाती हो, मैं सेंसरशिप के खिलाफ हूं जो कानून से बहुत आगे जाती है. अगर लोगों को कम फ्री स्पीच चाहिए तो उन्हें सरकार से इसको लेकर कानून बनाने की मांग करनी चाहिए.
By “free speech”, I simply mean that which matches the law.
— Elon Musk (@elonmusk) April 26, 2022
I am against censorship that goes far beyond the law.
If people want less free speech, they will ask government to pass laws to that effect.
Therefore, going beyond the law is contrary to the will of the people.
टेस्ला प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में अपने आलोचकों पर भी निशाना साधा और कहा कि 'फ्री स्पीच' से डरने वालों की चरम एंटीबॉडी प्रतिक्रिया ये सब कहती है."
गौरतलब है कि दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क और ट्विटर (Twitter) के बीच सोमवार को डील फाइनल हुई थी. जानकारी के अनुसार मस्क ने ट्विटर को 44 अरब डॉलर (लगभग 3,36,927 करोड़ रुपये) में खरीदा है. ट्विटर के इंडिपेंडेंट बोर्ड के चेयरमैन ब्रेट टेलर ने एलन मस्क के साथ हुई डील की जानकारी दी. डील फाइनल होने के बाद मस्क ने ट्वीट कर कहा कि मुझे उम्मीद है कि मेरे सबसे बुरे आलोचक भी ट्विटर पर बने रहें.
वहीं मस्क ने एक अन्य बयान में कहा था कि डेमॉक्रेसी के फंक्शनिंग के लिए फ्री स्पीच की आवश्यकता है. ट्विटर के एल्गोरिदम को ओपन सोर्स किया जाएगा. जिससे कि यूजर्स के विश्वास को जीता जा सके. ट्विटर के पास काफी क्षमता है. वहीं ट्विटर के CEO पराग अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा था कि ट्विटर का एक उद्देश्य है और उसकी प्रासंगिकता है जो पूरी दुनिया को प्रभावित करती है. हमें अपनी टीम पर गर्व है. वहीं इस डील की खबर आते ही टेस्ला के शेयरों में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई.
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