ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में अपने आखिरी सैन्य ठिकाने को आज अफगान सुरक्षा बलों को सौंप कर 13 साल से चले आ रहे सैनिक अभियान की आधिकारिक समाप्ति कर दी, जिसके तहत इस अशांत देश में 450 से अधिक ब्रिटिश की जान गई है।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री माइकल फैलन ने बताया, 'यह गर्व की बात है कि हेलमंड में ब्रिटिश सैन्य अभियान खत्म हो गया, जिससे अफगानिस्तान को स्थिर भविष्य के लिए सर्वश्रेष्ठ संभावित मौका मिला है।'
हेलमंड प्रांत के कैंप बैस्चन में एक समारोह में ब्रिटिश ध्वज को झुका दिया गया जिससे अफगानिस्तान में 13 साल से चला आ रहा सैन्य अभियान खत्म हो गया जिसमें 453 ब्रिटिश सैन्यकर्मियों और महिलाओं की जानें गई हैं।
इसके बाद अब सभी ब्रिटिश सैनिक कुछ ही दिनों के भीतर कैंप बैस्चन को खाली कर इस विशाल अड्डे को अफगान सैनिकों के सुपुर्द कर जाएंगे।
फैलन ने बताया, 'हमारे सशस्त्र बलों ने एक मजबूत अफगान सुरक्षा बल की बुनियाद के लिए काफी कुछ बलिदान कर सुरक्षा का माहौल बनाया है, जिसने देश के इतिहास में सत्ता के प्रथम लोकतांत्रिक हस्तांतरण को संभव बनाया और इसे ब्रिटेन में आतंकवादी हमलों के लिए एक मंच बनने से रोक दिया।'
कैंप बैस्चन वर्ष 2006 से ब्रिटिश सैनिकों का मुख्य अफगान ठिकाना रहा है।
गौरतलब है कि पास के कैम्प लेदरनेक को सौंपने के साथ अफगानिस्तान में अमेरिका ने अपने आखिरी मरीन इकाई का भी सैन्य अभियान खत्म कर दिया है। अफगानिस्तान में अमेरिका के 2, 349 सैनिकों की जानें गयी हैं।
हाल के महीनों में हजारों की संख्या में सैनिक ब्रिटेन लौटे हैं और सिर्फ सैकड़ों की संख्या में ही सशस्त्र बल अफगानिस्तान में बने हुए हैं।
चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल सर निक कार्टर ने 'संडे टेलीग्राफ' को बताया कि मध्य हेलमंड की बहुसंख्यक आबादी की सुरक्षा अफगान बल करेंगे।
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