ब्रिक्स (BRICS) देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने और सदस्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों को दूर संवेदी उपग्रह अवलोकन एवं डेटा साझा करने के क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से एक संयुक्त समिति की शुरुआत की है. ब्रिक्स देशों- ब्राजील (Brazil), रूस (Russia) , भारत (India) , चीन (China) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने बुधवार को अंतरिक्ष सहयोग संबंधी संयुक्त समिति की आधिकारिक रूप से शुरुआत की. चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के प्रमुख झांग केजियन ने बुधवार को समिति की पहली वर्चुअल बैठक में कहा कि यह सदस्य देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक विकास में बेहतरी लाने के लिए ब्रिक्स दूर संवेदी उपग्रह सहयोग पर मार्गदर्शन करेगी.
सरकार संचालित शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, झांग ने कहा कि नई संयुक्त समिति ब्रिक्स अंतरिक्ष एजेंसियों को पर्यावरण संरक्षण, आपदा रोकथाम के साथ ही जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मिलकर काम करने में सक्षम बनाएगी.
बैठक में, पांच सदस्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने संयुक्त समिति के संदर्भ की शर्तों, डेटा विनिमय के लिए तकनीकी विशिष्टताओं और संयुक्त अवलोकन के लिए कार्यान्वयन प्रक्रियाओं पर दस्तावेजों की समीक्षा की एवं उन्हें अंगीकार किया.
पिछले साल अगस्त में, पांचों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों ने ब्रिक्स दूर संवेदी उपग्रह सहयोग को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता इस साल चीन के पास है.
हाल ही में पांच बड़े विकासशील देशों के समूह BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) देशों के विदेश मंत्रियों की डिजिटल बैठक में भारत ने रूस ने सामने यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia Ukraine War) के मुद्दा प्रमुखता से उठाया था. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने ब्रिक्स समूह की बैठक में कहा था कि यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव के कारण ऊर्जा, खाद्य एवं अन्य उत्पादों की लागत में तीव्र वृद्धि हुई है तथा विकासशील देशों को ध्यान में रखते हुए इसे कम किया जाना चाहिए.
चीन, रूस एवं दो अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में जयशंकर ने यह भी कहा था कि ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता, अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान की पुष्टि की है तथा समूह को इन प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना चाहिए.
BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) पांच बड़े विकासशील देशों का समूह है जो 41 प्रतिशत वैश्विक आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी तथा 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है.
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