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This Article is From Jan 30, 2016

जीका वायरस : खिलाड़ियों में भी समाया डर, रियो ओलिंपिक पर मंडराया खतरा

जीका वायरस : खिलाड़ियों में भी समाया डर, रियो ओलिंपिक पर मंडराया खतरा
नई दिल्ली: जीका वायरस का खतरा अमेरिकी महाद्वीप के साथ ही दुनियाभर में मंडरा रहा है। दक्षिण अमेरिकी और 22 कैरेबियाई देश इससे प्रभावित हैं। ब्राजील भी इनमें से एक है, जहां छह महीने बाद ओलिंपिक का आयोजन होना है। बताया जा रहा है कि यह फीफा वर्ल्ड कप के दौरान ब्राजील पहुंचा है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ब्राजील समय रहते जीका वायरस पर लगाम लगा सकेगा और अगर नहीं तो इससे ओलिंपिक का आयोजन किस तरह प्रभावित होगा, क्योंकि यह तेजी से पैर पसार रहा है।

फीफा वर्ल्ड कप के दौरान पहुंचा ब्राजील
ब्राजीली शोधकर्ताओं ने साफ किया है कि उनके देश में जीका वायरस 2014 फीफा वर्ल्ड कप के दौरान पहुंचा। ऐसा कहा जा रहा है कि जीका वायरस ब्राजील में कुछ प्रशांत द्वीपों से पहुंचा, जहां यह काफी समय से सक्रिय था। तब से लेकर आज तक ब्राजील में जीका से 15 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। हाल के दिनों में ब्राजील में कई बच्चे असामान्य आकार से सिर के साथ पैदा हुए, जो माइक्रोसेफेली का शिकार हैं।

महिला खिलाड़ी और दर्शक आने से कर सकते हैं इंकार
एक अनुमान के मुताबिक जीका वायरस अगले 12 महीनों में अमेरिकी महाद्वीप में 40 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा। ब्राजील में इस वायरस के कारण अब तक 4000 बच्चे असामान्य आकार के सिर के साथ पैदा हो चुके हैं। रियो को इस बात की चिंता है कि जीका के कारण महिला खिलाड़ी और दुनियाभर से आने वाली महिला दर्शक ब्राजील आने से इंकार न कर दें।

अमेरिका में खासी चिंता
खासतौर पर ऐसी महिला खिलाड़ियों के ब्राजील आने से इंकार करने की आशंका है, जो गर्भधारण करने की उम्र में हैं। अमेरिका में इसे लेकर खास चिंता है, क्योंकि बड़ी संख्या में अमेरिकी महिला एथलीट और दर्शक रियो पहुंचेंगे। इनकी संख्या 2,00,000 तक बताई जा रही है।

अमेरिका सहित दुनियाभर की चिंता यह है कि अगर जीका वायरस से प्रभावित कोई सक्रिय संक्रमण वाला खिलाड़ी या फिर दर्शक रियो से अपने देश लौटेगा, तो फिर वह अपने देश में जीका के रोगजनकों को फैलाने का कारण बन सकता है। ऐसे में ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी देशों में इस आशंका को लेकर आत्ममंथन चल रहा है।

इस वायरस के कारण गर्भवती महिलाओं पर गंभीर खतरा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह वायरस मस्तिस्क में विषमता पैदा करता है, जिसे मेडिकल शब्दों में माइक्रोसेफेली कहा जाता है। इससे नवजात बच्चों के सिर का आकार सामान्य से छोटा हो जाता है।

डेंगू-चिकनगुनिया से मिलते हैं लक्षण
सबसे चिंता की बात यह है कि जीका वायरस से संक्रमित लोगों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते। इसके लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते-जुलते हैं लेकिन इसका असर काफी देरी से दिखता है। जीका वायरस का संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की तरह जमे हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। डेंगू के मच्छर की तरह ही यह भी दिन में ही काटते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसे लेकर चिंतित है। उसने इस बीमारी के बच्चों में जन्मजात खामियों से सम्बंधों को लेकर जांच शुरू कर दी है। चिंता की बात यह है कि इस बीमारी को लेकर कोई टीका नहीं है। इसे रोकने का सिर्फ एक उपाय है और वह यह है कि जीका वायरस का संक्रमण फैलाने वाले एडीज प्रजाति के मच्छरों को पनपने से रोका जाए।

हर ओर डर का माहौल
रियो में अगस्त में ओलिंपिक का आयोजन होना है। दक्षिण अमेरिका में पहली बार ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। इसे लेकर काफी उत्साह है, लेकिन जीका वायरस के खतरों के कारण अब हर ओर डर का माहौल है। खासतौर पर दूसरे देशों में डर व्याप्त है, जहां यह वायरस अब तक नहीं पहुंचा है।

तो क्या डब्ल्यूएचओ लोगों को रियो ओलिंपिक के दौरान ब्राजील नहीं जाने की सलाह जारी करेगा? इसे लेकर डब्ल्यूएचओ के सहायक महानिदेशक ब्रूस एलवार्ड ने कहा, "ऐसा किए जाने की सम्भावना बहुत कम है। अभी तो यह पता लगाने की कोशिश जारी है कि ब्राजील में आसामान्य आकार के सिर के साथ जन्म ले रहे बच्चों और जीका विषाणु में कोई संबंध है क्या?"

ओलिंपिक के बाद दर्शक-खिलाड़ी घर ले जा सकते हैं जीका
दुनिया को इस बात का सबसे अधिक डर है कि ब्राजील से जब लोग अपने-अपने देशों को लौटेंगे तो वे सम्भवत: जीका वायरस के रोगजनकों को अपने देश में लाने का काम कर सकते हैं। न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक विषाणुओं को लेकर शोध कर रहे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मोरित्ज क्रामेर का मानना है कि ब्राजील से लौटने वाले लोग निश्चित तौर पर इस बीमारी को दुनियाभर में फैलाने का काम कर सकते हैं।

क्रामेर ने कहा, "ब्राजील से जाने वाले संक्रमित यात्री अपने देश में सक्रिय संक्रमण के साथ प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में अगर उन्हें कोई मच्छर काटता है तो वह जीका विषाणु रोगजनकों को फैलाने का काम कर सकता है। ऐसे में दुनिया में इस विषाणु के तेजी से फैलने का गम्भीर खतरा है।"

ऑस्ट्रेलिया ने दी छूट
ऑस्ट्रेलिया ने तो अपनी महिला एथलीटों से कहा है कि वे ब्राजील जाने या न जाने के बारे में व्यक्तिगत तौर पर निर्णय ले सकती हैं। प्रभावित देशों की यात्रा करने करने वाली महिलाओं व अन्य लोगों को विमानन कम्पनियों ने टिकट वापस करने की सलाह दी है।

ब्राजील में इसे लेकर चिंता है। वहां के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो कास्ट्रो ने कुछ दिन पहले कहा था, "हम जीका के खिलाफ लड़ाई हारते जा रहे हैं। हम ओलिंपिक से पहले इस पर रोक लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमारे मन में इसकी सफलता को लेकर संदेह है।"

हालांकि, रियो ओलिंपिक आयोजकों ने कहा है कि वे इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि वे समय रहते इस बीमारी पर लगाम लगा देंगे।

एडीज की रोकथाम पर काम शुरू
अगले कुछ दिनों में ब्राजील में विश्वविख्यात कार्निवाल का आयोजन होना है। इसे देखते हुए सरकार ने सेना और हजारों स्वास्थ्यकर्मियों को एडीज मच्छरों के रोकथाम के काम पर लगा दिया है। कार्निवाल के साथ-साथ रियो ओलिंपिक आयोजन स्थलों का खास ध्यान रखा जा रहा है।

ब्राजील सरकार के लिए अच्छी खबर यह है कि अगस्त में जब ओलम्पिक उद्घाटन समारोह होगा, तब वहां सर्दियां शुरू हो चुकी होंगी और सर्द मौसम में एडीज मच्छरों का प्रजनन कम हो जाता है और ऐसे में सरकार अपने सार्थक प्रयासों के दम पर इससे होने वाले संक्रमण पर काफी हद तक रोक लगा सकती है।

कुल मिलाकर हालात गम्भीर हैं क्योंकि जीका वायरस के रोकथाम के लिए कोई स्पष्ट स्वास्थ्य मानक नहीं हैं। ब्राजील के अलावा अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको इसे लेकर सबसे अधिक चिंतित हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अंतरराष्ट्रीय आवागमन के कारण सबसे पहले यह विषाणु उनके यहां पहुंच सकता है।

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