इस्लामाबाद:
पाकिस्तान में गुरुवार को हुए चार बम विस्फोटों में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 126 हो गई है, जबकि 300 घायल हो गए हैं। तीन विस्फोट क्वेटा शहर में और एक पश्चिमोत्तर स्वात जिले में हुए। विस्फोट की जिम्मेदारी प्रतिबंधित चरमपंथी मुस्लिम समूह लश्कर-ए-झांगवी ने ली है।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी तथा प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने हमले की निंदा करते हुए प्रशासन से पीड़ितों को हर संभव बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कहा है।
बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार ने पीड़ितों के लिए तीन दिन के शोक की घोषणा की है। साथ ही हमले में मरने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये तथा अन्य मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
पहला विस्फोट अफगानिस्तान एवं ईरान की सीमा से सटे बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में दोपहर 3.50 बजे हुआ। बाछा खान इलाके में अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कॉर्प्स की चौकी पर हुए विस्फोट में कॉर्प्स के एक सदस्य सहित 12 लोग मारे गए, जबकि 50 घायल हो गए। बम पास में ही पार्क किए गए वाहन में रखा गया था।
दो घंटे बाद एक अन्य विस्फोट पश्चिमोत्तर खबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात के मिंगोरा नगर स्थित एक धार्मिक स्थल पर हुआ। उस वक्त वहां शुक्रवार की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे। विस्फोट में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 65 घायल हो गए।
करीब तीन घंटे बाद क्वेटा में कुछ ही मिनट के अंतराल पर दो विस्फोट हुए। इनमें से एक आत्मघाती हमला था, जो रात करीब 8.50 बजे अलामदार सड़क पर स्नूकर क्लब में हुआ।
पुलिस को पास में ही पार्क किए गए एक वाहन में बम रखे जाने की सूचना मिली, लेकिन जब तक पुलिस व बचावकर्मी वहां पहुंचते विस्फोट हो गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुलिस अधिकारी मीर जुबैर ने बताया कि क्वेटा में कुछ ही मिनट के भीतर हुए दो विस्फोटों में 81 लोगों की मौत हो गई, जबकि 121 घायल हो गए। मरने वालों में नौ पुलिसकर्मी, 25 बचावकर्मी और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी तथा प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने हमले की निंदा करते हुए प्रशासन से पीड़ितों को हर संभव बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कहा है।
बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार ने पीड़ितों के लिए तीन दिन के शोक की घोषणा की है। साथ ही हमले में मरने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये तथा अन्य मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
पहला विस्फोट अफगानिस्तान एवं ईरान की सीमा से सटे बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में दोपहर 3.50 बजे हुआ। बाछा खान इलाके में अर्धसैनिक बल फ्रंटियर कॉर्प्स की चौकी पर हुए विस्फोट में कॉर्प्स के एक सदस्य सहित 12 लोग मारे गए, जबकि 50 घायल हो गए। बम पास में ही पार्क किए गए वाहन में रखा गया था।
दो घंटे बाद एक अन्य विस्फोट पश्चिमोत्तर खबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्वात के मिंगोरा नगर स्थित एक धार्मिक स्थल पर हुआ। उस वक्त वहां शुक्रवार की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे। विस्फोट में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 65 घायल हो गए।
करीब तीन घंटे बाद क्वेटा में कुछ ही मिनट के अंतराल पर दो विस्फोट हुए। इनमें से एक आत्मघाती हमला था, जो रात करीब 8.50 बजे अलामदार सड़क पर स्नूकर क्लब में हुआ।
पुलिस को पास में ही पार्क किए गए एक वाहन में बम रखे जाने की सूचना मिली, लेकिन जब तक पुलिस व बचावकर्मी वहां पहुंचते विस्फोट हो गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुलिस अधिकारी मीर जुबैर ने बताया कि क्वेटा में कुछ ही मिनट के भीतर हुए दो विस्फोटों में 81 लोगों की मौत हो गई, जबकि 121 घायल हो गए। मरने वालों में नौ पुलिसकर्मी, 25 बचावकर्मी और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।
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