बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो)
ढाका:
विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर की ढाका यात्रा के दौरान शनिवार को बांग्लादेश की सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना अगले साल फरवरी में भारत आने की योजना बना रही हैं. हसीना के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने कहा कि उनकी भारत यात्रा की योजना है. दोनों देशों के अधिकारी यात्रा का कार्यक्रम तय करेंगे.
अकबर ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से शिष्टाचार भेंट की. हसीना ने अकबर से कहा, ‘दो पड़ोसी देशों के बीच समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे दोस्ती और सहयोग पर असर नहीं पड़ना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का जिक्र किया और कहा कि किसी को भी बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों के लिए नहीं करने दिया जाएगा.
अधिकारी ने हसीना के हवाले से कहा, ‘हम किसी तरह का आतंकवाद और उग्रवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे और किसी देश के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे.’ हसीना ने कहा कि जुलाई में ढाका में कैफे पर हुआ हमला तथा बांग्लादेश में मंदिरों में तोड़फोड़ देश के विकास और तरक्की को अस्थिर करने के लिए किये गये थे. ढाका कैफे हमले में एक भारतीय लड़की समेत 19 विदेशियों की जान चली गयी थी.
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सशस्त्र बलों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद किया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बल बांग्लादेश की आजादी के बाद तत्काल अपने देश लौट गये थे. हसीना ने कहा, ‘इस तरह इतिहास रचा गया था क्योंकि दुनिया में कोई मित्र सेना जीत के तत्काल बाद अपने देश नहीं लौटी थी.’
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने अकबर के साथ जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमा के दोनों ओर जलाशयों के निर्माण के मुद्दे पर भी चर्चा की. अकबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हसीना ने भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.
अधिकारी ने अकबर के हवाले से कहा, ‘दोनों नेताओं के व्यावहारिक कदमों से द्विपक्षीय संबंधों का आयाम व्यापक हुआ है.’ अकबर के मुताबिक बांग्लादेश और भारत के बीच खासकर जलविद्युत और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के व्यापक क्षेत्र हैं. अकबर दो दिनी दौरे पर गुरुवार को ढाका पहुंचे थे. वह ग्लोबल फोरम ऑन माइग्रेशन एंड डवलपमेंट की नौवीं वाषिर्क बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अकबर ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से शिष्टाचार भेंट की. हसीना ने अकबर से कहा, ‘दो पड़ोसी देशों के बीच समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे दोस्ती और सहयोग पर असर नहीं पड़ना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी सरकार की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का जिक्र किया और कहा कि किसी को भी बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों के लिए नहीं करने दिया जाएगा.
अधिकारी ने हसीना के हवाले से कहा, ‘हम किसी तरह का आतंकवाद और उग्रवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे और किसी देश के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे.’ हसीना ने कहा कि जुलाई में ढाका में कैफे पर हुआ हमला तथा बांग्लादेश में मंदिरों में तोड़फोड़ देश के विकास और तरक्की को अस्थिर करने के लिए किये गये थे. ढाका कैफे हमले में एक भारतीय लड़की समेत 19 विदेशियों की जान चली गयी थी.
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारतीय सशस्त्र बलों के योगदान को कृतज्ञता के साथ याद किया. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय बल बांग्लादेश की आजादी के बाद तत्काल अपने देश लौट गये थे. हसीना ने कहा, ‘इस तरह इतिहास रचा गया था क्योंकि दुनिया में कोई मित्र सेना जीत के तत्काल बाद अपने देश नहीं लौटी थी.’
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने अकबर के साथ जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमा के दोनों ओर जलाशयों के निर्माण के मुद्दे पर भी चर्चा की. अकबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हसीना ने भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.
अधिकारी ने अकबर के हवाले से कहा, ‘दोनों नेताओं के व्यावहारिक कदमों से द्विपक्षीय संबंधों का आयाम व्यापक हुआ है.’ अकबर के मुताबिक बांग्लादेश और भारत के बीच खासकर जलविद्युत और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के व्यापक क्षेत्र हैं. अकबर दो दिनी दौरे पर गुरुवार को ढाका पहुंचे थे. वह ग्लोबल फोरम ऑन माइग्रेशन एंड डवलपमेंट की नौवीं वाषिर्क बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे हैं.
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