बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब वहां के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने आज सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया था और ओबैदुल हसन को इस्तीफा देने के लिए एक घंटे की मोहलत दी थी. दरअसल ओबैदुल हसन ने नवगठित अंतरिम सरकार से परामर्श किए बिना आज सभी न्यायाधीशों की एक बैठक बुलाई थी. जिसका प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया और इस्तीफे की मांग पर अड़ गए. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि न्यायालय के न्यायाधीश एक साजिश का हिस्सा हैं. विरोध बढ़ने पर, बैठक को रद्द करना पड़ा. बता दें ओबैदुल हसन को पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया था और उन्हें प्रधानमंत्री शेख हसीना का वफादार माना जाता है.
अल्पसंख्यक समुदायों आए निशाने पर
बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के 5 अगस्त को इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों के उत्पीड़न की 205 घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं की संख्या रिपोर्ट की गई संख्या से कहीं अधिक होने की आशंका है. ये नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी देश की अंतरिम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.
प्रदर्शनों में 450 लोग मारे गए
बांग्लादेश में एक महीने से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 450 लोग मारे गए है. बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ गई है. अल्पसंख्यकों पर बढ़ रही हिंसक घटनाओं पर भारत सरकार ने चिंता जताई है. भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री से संपर्क साधा है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
दूसरी ओर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अनुसार "पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगभग 1,000 बांग्लादेशी नागरिक खड़े हैं, जो भारत में शरण लेने के इरादे से सीमा पर आए हैं." बांग्लादेश का 4,000 किलोमीटर बॉर्डर भारत से लगता है.
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