आतंकवाद से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ एक मजबूत द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग एवं समग्र वैश्विक रणनीति का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत के नजरिए के किनारे पर नहीं बल्कि उसके विचारों के केंद्र में होगा।
ऑस्ट्रेलियाई संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की संसद से कहा, ‘‘भारत के एक प्रधानमंत्री को ऑस्ट्रेलिया आने में 28 साल लग गए। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। और यह बदलेगा। ऑस्ट्रेलिया हमारे नजरिए के एक छोर पर नहीं बल्कि हमारे विचारों के केंद्र में होना चाहिए।’’
मोदी ने प्रधानमंत्री टोनी एबट के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं करने के बाद संसद को संबोधित किया। दोनों देशों के बीच की द्विपक्षीय वार्ताओं के बाद इनके बीच सामाजिक सुरक्षा, सजायाफ्ता कैदियों की अदला बदली, नशीली दवाओं के व्यापार पर रोक, पर्यटन और कला एवं संस्कृति से जुड़े कुल पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
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