बाचा खान यूनिवर्सिटी पर आतंकी हमले में 25 लोगों की मौत की खबर है।
पेशावर:
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां प्रांत में एक यूनिवर्सिटी पर बुधवार को हुए आतंकी हमले के दौरान वहां के एक प्रोफेसर के साहसिक कारनामे की खूब चर्चा है। केमेस्ट्री के प्रोफेसर सैयद हामिद हुसैन हमले के दौरान अपने विद्यार्थियों को बचाने के लिए आतंकियों से भिड़ गए। इस दौरान अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से हथियारबंद तालिबान आतंवादियों का मुकाबला करते हुए वह अपनी जान गंवा बैठा।
पेशावर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर चारसद्दा में बाचा खान यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर 34 वर्षीय हुसैन ने अपने विद्यार्थियों को भवन से बाहर जाने को नहीं कहा और वह आतंकवादियों से भिड़ गए। मीडिया की खबर के अनुसार विद्यार्थियों ने अपने हिम्मती शिक्षक के बारे में बताया, जिन्होंने अपनी पिस्तौल निकाली लेकिन आतंकवादियों ने उन्हें और 24 अन्य को मार डाला।
भूगर्भ विज्ञान के विद्यार्थी जहूर अहमद ने कहा कि उसके केमेस्ट्री के लेक्चरर ने गोलियों की पहली आवाज पर उसे भवन से नहीं जाने की चेतावनी दी। अहमद ने कहा, 'वह अपने हाथ में पिस्तौल लिए हुए थे। तब मैंने देखा कि उन्हें एक गोली लगी। मैंने देखा कि दो आतंकवादी गोलियां चला रहे थे। मैं अंदर गया और पीछे की दीवार लांघकर भागने में कामयाब रहा।'
एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि जब उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी तब वह कक्षा में थे। उसने कहा, 'हमने तीन आतंकवादियों को नारे लगाते हुए और सीढ़ियों से हमारे विभाग की ओर आते हुए देखा।' उसने केमेस्ट्री के प्रोफेसर को हाथ में पिस्तौल लिए हमलावरों पर गोली चलाते हुए देखा। उसने कहा, 'तब हमने उन्हें गिरा पड़ा देखा और आतंकवादी रजिस्ट्रार ऑफिस में पहुंच गए थे। हम भाग गए।'
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने मरने वालों में हामिद के होने की पुष्टि की है और उनकी मौत पर शोक प्रकट किया। वहीं कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रोफेसर को शहीद बताया और शोक प्रकट किया।
पेशावर के दक्षिण पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर दूर चारसद्दा में बाचा खान यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर 34 वर्षीय हुसैन ने अपने विद्यार्थियों को भवन से बाहर जाने को नहीं कहा और वह आतंकवादियों से भिड़ गए। मीडिया की खबर के अनुसार विद्यार्थियों ने अपने हिम्मती शिक्षक के बारे में बताया, जिन्होंने अपनी पिस्तौल निकाली लेकिन आतंकवादियों ने उन्हें और 24 अन्य को मार डाला।
भूगर्भ विज्ञान के विद्यार्थी जहूर अहमद ने कहा कि उसके केमेस्ट्री के लेक्चरर ने गोलियों की पहली आवाज पर उसे भवन से नहीं जाने की चेतावनी दी। अहमद ने कहा, 'वह अपने हाथ में पिस्तौल लिए हुए थे। तब मैंने देखा कि उन्हें एक गोली लगी। मैंने देखा कि दो आतंकवादी गोलियां चला रहे थे। मैं अंदर गया और पीछे की दीवार लांघकर भागने में कामयाब रहा।'
एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि जब उन्हें गोलियों की आवाज सुनाई दी तब वह कक्षा में थे। उसने कहा, 'हमने तीन आतंकवादियों को नारे लगाते हुए और सीढ़ियों से हमारे विभाग की ओर आते हुए देखा।' उसने केमेस्ट्री के प्रोफेसर को हाथ में पिस्तौल लिए हमलावरों पर गोली चलाते हुए देखा। उसने कहा, 'तब हमने उन्हें गिरा पड़ा देखा और आतंकवादी रजिस्ट्रार ऑफिस में पहुंच गए थे। हम भाग गए।'
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने मरने वालों में हामिद के होने की पुष्टि की है और उनकी मौत पर शोक प्रकट किया। वहीं कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रोफेसर को शहीद बताया और शोक प्रकट किया।
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