थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकंद नरवणे (General Manoj Mukund Narwane) नेपाल पहुंच गए हैं. वे तीन दिन के दौरे पर नेपाल (Nepal) के जनरल पूर्ण चंद्र थापा के न्यौते पर गए हैं. नेपाल पहुंचने पर जनरल नरवणे का नेपाल के सैन्य अधिकारियों ने स्वागत किया. सीमा विवाद के बाद सेना प्रमुख का यह पहला नेपाल दौरा है. गुरुवार को जनरल नरवणे सबसे पहले वीर स्मारक पर नेपाल के बहादुर सैनिकों को श्रद्धाजलि देंगे. नेपाल की सेना की तरफ से भारतीय आर्मी चीफ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. सुबह नेपाली सेना के चीफ के साथ जनरल नरवणे की मीटिंग होगी.
जनरल नरवणे नेपाल को भारत की ओर से दवाएं और मेडिकल उपकरण देंगे. दोपहर के बाद नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी सेना प्रमुख को नेपाल सेना के जनरल की मानद रैंक प्रदान करेंगी. सन 1950 से ही ऐसी परंपरा चली आ रही है. इसमें भारत भी नेपाली सेना के चीफ को भारतीय सेना के जनरल की मानद रेंक देता है.
सेना प्रमुख का यह दौरा काफी मायने रखता है क्योंकि हाल के दिनों में नेपाल के साथ भारत के साथ आपसी रिश्ते में काफी खटास आ गई थी. मामले ने तूल तब पकड़ा जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का उद्घाटन किया था. तब नेपाल ने लिपुलेख को अपना इलाका बताया था.
इसके बाद नेपाल ने एक नए विवादित राजनीतिक नक्शे के जरिए उत्तराखंड के कई हिस्सों के नेपाल में होने का दावा किया. उस वक्त सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा था कि नेपाल किसी और के इशारे पर भारत का विरोध कर रहा है. इससे नेपाल काफी नाराज हो गया था. उम्मीद है कि सेना प्रमुख की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच जमी बर्फ कुछ पिघेलेगी.
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