बांग्लादेश में सरकार के बदलने के बाद से ही हिंदू समुदाय को लगातार टारगेट किया जा रहा है. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही समय-समय पर हिंदू समुदाय और उनके धर्म स्थलों को निशाना बनाया जाता रहा है.ताजा घटनाक्रम में हिंदू समुदाय की आस्था पर हमला करते हुए बांग्लादेश के स्थानीय लोगों ने इस्कॉन के शिबचर स्थित केंद्र को बंद करा दिया है. बताया जा रहा है कि जिस समय मुस्लिम समुदाय के लोग वहां इस मंदिर को बंद कराने पहुंचे थे उस दौरान वहां कई श्रद्धालु मौजूद थे. जिन्हें बाद में बांग्लादेशी सेना ने अपने वाहन में भरकर वहां से निकाला.
Breaking News: *ISKCON Namhatta center in Shibchar Bangladesh forcefully Closed Down by Muslims*.
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) November 27, 2024
The army arrived and took away the ISKCON devotees in a vehicle. A viral video on social media shows extremists removing the board of the ISKCON temple, which features a picture of… pic.twitter.com/qJlka16tmU
बांग्लादेश में इस्कॉन को बंद करने को लेकर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष एंव प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट लिखा. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि बांग्लादेश के शिबचर में इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुस्लिमों ने जबरन बंद कर दिया है. सेना आई और इस्कॉन में मौजूद श्रद्धालुओं को एक वाहन में भरकर ले गई.
हाईकोर्ट ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लागने से किया इनकार
एक स्थानीय अखबार में छपी खबर के अनुसार बांग्लादेश में इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने से उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है. कुछ दिन पहले ही सुरक्षाकर्मियों और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार एक हिंदू नेता के समर्थकों के बीच झड़प में एक वकील की मौत हो गई थी. वकील ने बुधवार को संगठन से संबंधित कुछ समाचार पत्रों की रिपोर्ट पेश करने के बाद उच्च न्यायालय से अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. अखबार के अनुसार, न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल से इस्कॉन की हालिया गतिविधियों के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी थी. इस सप्ताह गिरफ्तार किए गए हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को पहले इस्कॉन से निष्कासित कर दिया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को झड़पें हुईं, जिसमें सहायक सरकारी वकील एडवोकेट सैफुल इस्लाम की हत्या कर दी गई.
इस अखबार ने बताया कि गुरुवार को जब उच्च न्यायालय की कार्यवाही शुरू हुई, तो अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने न्यायालय द्वारा मांगी गई जानकारी न्यायमूर्ति फराह महबूब और न्यायमूर्ति देबाशीष रॉय चौधरी की पीठ के समक्ष रखी. अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अनीक आर हक और डिप्टी अटॉर्नी जनरल असदउद्दीन ने उच्च न्यायालय की पीठ को सूचित किया कि वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या और इस्कॉन की गतिविधियों के संबंध में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं और इन मामलों में 33 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पीठ ने उम्मीद जताई कि सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति तथा बांग्लादेश के लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहेगी.
हिंदू समुदाय को भरोसा दिलाने मंदिर गए थे मोहम्मद यूनुस
बात कुछ महीने पुरानी है, जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों को निशाने बनाने की घटनाएं लगातार जारी थी. हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार हो रहे हमलों के बीच उस दौरान बांग्लादेश के नए मुखिया मोहम्मद यूनुस ने कुछ मंदिरों का दौरा किया था. मोहम्मद यूनुस ने हिंदू मंदिर का दौरा करने के दौरान कहा था कि बांग्लादेश में सभी के लिए अधिकार एक समान होने चाहिए भले ही वो शख्स किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो. बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के हवाले से कहा था कि हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में, हमें मुस्लिम, हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं, बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए. हमारे अधिकारों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. सभी समस्याओं की जड़ संस्थागत व्यवस्थाओं का पतन है. इसीलिए, ऐसे मुद्दे सामने आते हैं. संस्थागत व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है. हम अपने हिंदू भाइयों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और यहां किसी को डरने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन उनकी इस अपील के बाद भी हिंदू समुदाय को निशाना बनाए जाने की तमाम खबरें आ रही है.
पीएम मोदी ने भी की थी अपीलमोहम्मद यूनुस के बतौर अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर उन्हें बधाई दी थी और साथ ही वहां मौजूद हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की बात कही थी. उस दौरान पीएम मोदी की इस अपील को बांग्लादेश सरकार ने गंभीरता से लिया था. यही वजह थी कि बांग्लादेश सरकार के सर्वेसर्वा मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर ना सिर्फ चिंता व्यक्त की बल्कि मौजूदा सरकार उनके साथ है, इसे बताने के लिए मंदिर में जाकर कुछ हिंदुओं के साथ बैठकर कर उनसे उनका हाल भी जाना.
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