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This Article is From Mar 29, 2016

अमेरिका : अलास्का ज्वालामुखी से राख के बादल, उड़ानों को रद्द किया गया

अमेरिका : अलास्का ज्वालामुखी से राख के बादल, उड़ानों को रद्द किया गया
प्रतीकात्मक फोटो
एंकरेज: अलास्का ज्वालामुखी से निकल रही राख को तेज हवाएं राज्य के मध्य तक ले आई हैं जिसकी वजह से न सिर्फ विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं ,सड़क मार्ग से भी पश्चिम और उत्तर की तरफ जाना मुश्किल हो गया है।

सबसे सक्रिय ज्‍वालामुखियों में से एक
पावलोफ ज्वालामुखी, अलास्का के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। यह अलास्का प्रायद्वीप में दक्षिण पश्चिम एंकरेज से 625 मील पर स्थित है। यह ज्वालामुखी 8,261 फुट उंचा पहाड़ है जिसमें रविवार शाम चार बजे से विस्फोट हो रहा है और लावा निकल रहा है। इससे निकल रही राख ने 20,000 फुट की ऊंचाई पर राख का बादल बना दिया है।

37,000 फुट की ऊंचाई तक पहुंचे राख के बादल
पर्वत के ऊपर रोशनी दिखाई देती रही और दवाब सेंसरों ने संकेत दिया कि ज्वालामुखी में से कल रात भर और सुबह सात बजे तक लावा निकलता रहा। राख के बादल 37,000 फुट की ऊंचाई तक पहुंच गए और 50 मील प्रतिघंटे या इससे ज्यादा रफ्तार से चली हवा राख को अलास्का के 400 मील से भी ज्यादा अंदर तक ले आईं हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के भूविज्ञानी क्रिस वायथोमस ने कहा कि यह ज्वालामुखी अलास्का में ऐसी जगह स्थित हैं जहां से बहुत सारी उड़ानें गुजरती हैं।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण अलास्का वोल्कॉनो ऑब्जर्वेटरी का हिस्सा है। प्रवक्ता बॉबी एगान ने कहा कि अलास्का एयरलाइंस ने दोपहर से पहले 20 उड़ानों को रद्द किया है जिससे करीब 1300 यात्री प्रभावित हुए हैं। एंकरेज या फेयरबैंक्स से कोई उड़ान रद्द नहीं की गई है लेकिन एगान ने कहा कि कंपनी फेयरबैंक्स मार्ग की बारीकी से निगरानी कर रही है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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