
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद. (फाइल फोटो)
लाहौर:
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने कहा कि हाफिज सईद की जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) के खिलाफ कार्रवाई अमेरिकी दबाव में नहीं, बल्कि गंभीर चर्चा के बाद की गई. पाकिस्तान ने सईद नीत जेयूडी और एफआईएफ को चंदा लेने से सोमवार को प्रतिबंधित कर दिया. दरअसल, इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि इस्लामाबाद ने अमेरिका को झूठ और छल के सिवा और कुछ नहीं दिया तथा इसने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया किया है.
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सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों की सूची के मुताबिक जेयूडी, एफआईएफ और अन्य संगठनों को चंदा देने से कंपनियों और लोगों को प्रतिबंधित कर दिया है. गौरतलब है कि 'सिक्युरीटिज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान' (एसईसीपी) ने इस सिलसिले में एक अधिसूचना जारी की थी. खान ने बीबीसी उर्दू से कहा, 'हमने जेयूडी और एफआईएफ पर ट्रंप प्रशासन के दबाव में कार्रवाई नहीं की. हमने गंभीर चर्चा के बाद सईद के संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.'
VIDEO : आज का एजेंडा : 'ट्रंप कार्ड' से सुधरेगा पाकिस्तान ?
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 'ऑपरेशन रादुल फसाद' के तहत की गई. इसे पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान सेना ने शुरू किया था. इसका उद्देश्य छिपे हुए आतंकी स्लीपर सेल का स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्थन से देश भर से सफाया करना है.
(इनपुट : भाषा)
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सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों की सूची के मुताबिक जेयूडी, एफआईएफ और अन्य संगठनों को चंदा देने से कंपनियों और लोगों को प्रतिबंधित कर दिया है. गौरतलब है कि 'सिक्युरीटिज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान' (एसईसीपी) ने इस सिलसिले में एक अधिसूचना जारी की थी. खान ने बीबीसी उर्दू से कहा, 'हमने जेयूडी और एफआईएफ पर ट्रंप प्रशासन के दबाव में कार्रवाई नहीं की. हमने गंभीर चर्चा के बाद सईद के संगठनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.'
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उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई 'ऑपरेशन रादुल फसाद' के तहत की गई. इसे पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान सेना ने शुरू किया था. इसका उद्देश्य छिपे हुए आतंकी स्लीपर सेल का स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्थन से देश भर से सफाया करना है.
(इनपुट : भाषा)
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