
- उत्तराखंड सरकार ने सेवा मुक्त अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण का प्रस्ताव मंजूर किया.
- यह आरक्षण राज्य अधीन समूह ग की वर्दीधारी पदों की सीधी भर्तियों में लागू होगा.
- गृह, वन, आबकारी, परिवहन और सचिवालय प्रशासन विभागों की वर्दीधारी भर्तियों में अग्निवीरों को यह आरक्षण मिलेगा.
उत्तराखंड सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों में सेवा मुक्त अग्निवीरों को 10% क्षैतिज आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह आरक्षण राज्य अधीन सेवाओं की समूह 'ग' की सीधी भर्तियों में वर्दीधारी पदों पर लागू होगा. यह निर्णय केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए अग्निवीरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिनमें से 75% वर्ष 2026 में सेवा से मुक्त होकर समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे. ऐसे युवाओं को पुनः समाज में समायोजित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने "अग्निवीर क्षैतिज आरक्षण नियमावली 2025" को मंजूरी दी है.
कैबिनेट बैठक में तय किया गया कि गृह विभाग, वन विभाग, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग और सचिवालय प्रशासन विभाग की वर्दीधारी भर्तियों में अग्निवीरों को 10% क्षैतिज आरक्षण मिलेगा. गृह विभाग में पुलिस आरक्षी (नागरिक पुलिस और PAC), उप निरीक्षक, पलटन कमांडर, अग्निशामक, फायरमैन, द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक और उपकारापाल जैसे पदों पर यह आरक्षण लागू होगा. वन विभाग में वन आरक्षी और वन दरोगा, आबकारी विभाग में आबकारी सिपाही, परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही और सचिवालय प्रशासन विभाग में सचिवालय रक्षक के पदों पर भी अग्निवीरों को यह लाभ मिलेगा.
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अग्निवीरों को सेना में बिताए गए वर्षों के अनुसार आयु सीमा में छूट दी जाएगी. साथ ही, इस आरक्षण का लाभ केवल उत्तराखंड के मूल या स्थायी निवासियों को ही मिलेगा. यह कदम राज्य सरकार की ओर से अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं