उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से प्रवर्तन निदेशालय ने कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क की पाखरो प्रकरण में पेड़ों के अवैध कटाई और अवैध निर्माण को लेकर लंबी पूछताछ की. ईडी ने सोमवार को उनसे करीब 12 घंटे तक पूछताछ की. ईडी की पूछताछ के बाद हरक सिंह रावत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग कर लोगों को परेशान किया जा रहा है. इसके अलावा हरक सिंह ने कहा कि जिन कानून का इस्तेमाल आतंकवादियों, देशद्रोहियों, और देश के खिलाफ षडयंत्र रचने वालों के खिलाफ किया जा रहा है, उन कानून के तहत विपक्षी नेताओं को जेल भेजा जा रहा है.
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क्या बोले हरक सिंह रावत?
हरक सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों को टाइगर सफारी के सारे दस्तावेज दे दिए और सारे तथ्य सामने रख दिए हैं. उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है. पेड़ काटने का फैसला वन मंत्री नहीं करता है बल्कि अधिकारी यह तय करते हैं. उन्होंने कहा कि डीएफओ की पोस्टिंग भी मुख्यमंत्री के स्तर पर नहीं होती है. मंत्री सिर्फ सिफारिश कर सकता है.
बता दें कि ईडी ने पिछले दिनों पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को 2 सितंबर को ईडी के ऑफिस में पेश होने के लिए नोटिस भेजा था. इस नोटिस के तहत ही वह सोमवार को सुबह 10:30 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे, जहां ईडी के अधिकारियों ने लगातार 12 घंटे तक हरक सिंह रावत से कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण में हुए घोटाले के मामले में पूछताछ की. हरक सिंह रावत से उनके कार्यकाल से जुड़े तमाम फैसलों, नियमों के साथ कई विषयों पर करीब 50 सवाल पूछे गए.
CBI-ED की पूछताछ में फंसे हरक सिंह रावत
ईडी ने इसी साल फरवरी में हरक सिंह रावत के घर पर छापेमारी की थी. सीबीआई भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच कर रही है. CBI ने 14 अगस्त को उनसे पूछताछ की थी. पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने ईडी की पूछताछ के बाद कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोगों को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल जैसा माहौल बन गया है.
रावत ने कहा कि पाखरो रेंज में टाइगर सफारी एक बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है. टाइगर सफारी बनानी चाहिए और ऐसे अच्छे प्रोजेक्ट के लिए ईडी क्या सीबीआई या कोई भी एजेंसी मुझे सजा देती है तो मैं उसे भुगतने के लिए तैयार हूं, क्योंकि मैंने एक अच्छे उद्देश्य के लिए यह काम किया है.
क्या है जिम कॉर्बेट मामला?
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पाखरो रेंज मैं टाइगर सफारी के लिए 106 हेक्टर वन भूमि पर काम शुरू हुआ.
- इस जगह पर पेड़ कटान के लिए करीब 163 पेड़ों की अनुमति ली गई.
- लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक यहां 6000 के करीब पेड़ काट दिए गए.
- मामला सामने आने के बाद NTCA यानि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने स्थलीय निरीक्षण किया.
- मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई.
- वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार और NGT के साथ उत्तराखंड वन विभाग ने जांच शुरू की.
- नैनीताल हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसका स्वत संज्ञान लिया.
- तत्कालीन मुख्य वन्य जीव वार्डन जेएस सुहाग को सस्पेंड किया गया.
- कालागढ़ के डीएफओ किशन चंद सस्पेंड हुए और उनकी गिरफ्तारी भी हुई.
- रेंजर ब्रज बिहारी शर्मा भी सस्पेंड किए गए और उनकी भी इस मामले में गिरफ्तारी हुई.
टाइगर सफारी मामले में अनियमितता का मामला
साल 2019-20 में जिम कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी बनाने के मामले में कई तरह की अनियमिताएं सामने आई थी. जिसके बाद लगातार इस मामले में कई शिकायतें भी सामने आईं, इसे लेकर विजिलेंस में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हुई. लेकिन बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई भी इस मामले में लगातार हरक सिंह रावत और वन विभाग के कई अधिकारियों से पूछताछ कर रही है. अब ऐसे में इस मामले में ईडी भी पाखरो रेंज के मामले में जांच कर रही है.
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