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हरिद्वार महाकुंभ 2027 के तारीखों की घोषणा, CM धामी ने अखाड़ों के संतों के साथ की चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है. इसी संकल्प को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार कुंभ 2027 को भव्य, दिव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है.

हरिद्वार महाकुंभ 2027 के तारीखों की घोषणा, CM धामी ने अखाड़ों के संतों के साथ की चर्चा
  • हरिद्वार महाकुंभ 2027 के आयोजन को लेकर CM धामी ने गंगा तट पर सभी 13 अखाड़ों के आचार्यों के साथ बैठक की
  • मुख्यमंत्री ने कुंभ स्नान की तिथियां घोषित करते हुए संतगणों की परंपराओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया
  • कुंभ 2027 को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं
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देहरादून:

हरिद्वार में होने वाले 2027 के कुंभ के भव्य आयोजन के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गंगा किनारे सभी 13 अखाड़ों के आचार्यों और संतगणों के साथ बैठक की. कुंभ के भव्य आयोजन के लिए पहली बार गंगा तट पर बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 2027 कुंभ स्नान की महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा भी की.

  • 14 जनवरी 2027 को मकर संक्रांति
  • 06 फरवरी 2027 को मौनी अमावस्या
  • 11 फरवरी 2027 को वसंत पंचमी
  • 20 फरवरी 2027 को माघ पूर्णिमा
  • 06 मार्च 2027 को महाशिवरात्रि (अमृत स्नान)
  • 08 मार्च 2027 को फाल्गुन अमावस्या (अमृत स्नान)
  • 07 अप्रैल 2027 को नव संवत्सर (नव वर्ष)
  • 14 अप्रैल 2027 को मेष संक्रांति (अमृत स्नान)
  • 15 अप्रैल 2027 को श्रीराम नवमी
  • 20 अप्रैल 2027 को चैत्र पूर्णिमा स्नान
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मुख्यमंत्री ने कुंभ के सफल आयोजन के लिए अखाड़ों के आचार्यों से सुझाव और मार्गदर्शन लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ से जुड़े सभी निर्णयों में संतगणों की परम्पराओं, आवश्यकताओं एवं सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि कुंभ के सुव्यवस्थित और भव्य आयोजन के लिए उन्हें संतगणों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि संतों की प्रेरणा, सुझाव और आशीर्वाद के बिना इस महायोजना की पूर्णता की कल्पना भी संभव नहीं है. हमारा प्रयास है कि सभी के अमूल्य सुझावों से कुंभ 2027 की तैयारियों को और अधिक व्यापक, सुव्यवस्थित और संत समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाया जा सके.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है. इसी संकल्प को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार कुंभ 2027 को भव्य, दिव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि साल 2021 में आयोजित कुंभ कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण केवल कम समय के लिए आयोजित किया गया था और शाही स्नान भी प्रतीकात्मक रूप से ही संपन्न हुआ था, लेकिन साल 2027 में होने वाला हरिद्वार कुंभ कई दृष्टियों से ऐतिहासिक और विशेष महत्व का होगा.

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इस बार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2010 और 2021 के कुंभ की तुलना में कई गुना अधिक होने की संभावना है. राज्य सरकार ने हरिद्वार कुंभ 2027 को दिव्य, भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए अभी से व्यापक स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं. श्रद्धालुओं और साधु-संतों की सुरक्षा के लिए राज्य और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ पूर्ण समन्वय स्थापित किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, एनडीआरएफ, पीएसी, स्वास्थ्य विभाग और फायर विभाग सहित सभी संबंधित विभाग सुरक्षा के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए सभी संभव उपाय सुनिश्चित करेंगे. कुंभ के दौरान पूर्व में घटित दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और आकस्मिक आपात स्थिति की तैयारी पहले से ही प्रारंभ कर दी गई है. पूर्व में आयोजित कुंभ मेलों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने वाले अधिकारियों का भी पूर्ण सहयोग लिया जाएगा, ताकि हर प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित रूप से संचालित हो सके. कुंभ के दौरान नगर और घाट क्षेत्रों की स्वच्छता के लिए विशेष टीमों का गठन कर कचरा प्रबंधन, जल निकासी और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

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अखाड़ों के आचार्य एवं संतगणों द्वारा संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई. उन्होंने कहा कि भव्य एवं दिव्य कुंभ के आयोजन के लिए संत समाज द्वारा राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जाएगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के आचार्यों एवं संतगणों के साथ भोजन भी किया.

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