उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे भूमि प्रकरण को लेकर सियासत तेज हो गई है. बनभूलपुरा और गफूर बस्ती में रेलवे की करीब 70 एकड़ जमीन से करीब चार हजार से अवैध घरों को हटाने के लिए रेलवे, पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है. इसके लिए आरपीएफ समेत पीएसी की कंपनियां को भी बुलाया गया है. इसके विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं. रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है. इस बीच रेलवे ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है.
रेलवे ने कहा, '2013 में अवैध खनन को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि रेलवे और प्रशासन संयुक्त रूप से सर्वे करके अतिक्रमण का पता लगाए.' रेलवे ने कहा, 'सर्वे में पता चला है कि 2.2 किलोमीटर की लंबाई में अतिक्रमण हुआ है. 4365 मकान अवैध हैं.'
यह पूरा मामला
रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया है. इसमें रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाया जाना है. खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी. जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा. सात दिन के अंदर अतिक्रमणकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, अन्यथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा. उसका खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा. अतिक्रमण तोड़ने के दौरान अगर गिरफ्तार करने की नौबत आई, तो इसके लिए ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना बनाई जा रही है.
अतिक्रमण क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा
डीएम ने 29 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने नगर निगम को सफाई करने, जलसंस्थान को स्टेडियम में पानी चलाने और लोक निर्माण विभाग को जनरेटर, शौचालय, स्नानघर और किचन बनाने के निर्देश दिए थे. मिनी स्टेडियम हल्द्वानी में भी पानी, शौचालय, स्नानघर बनाने के निर्देश दिए थे. उधर, लोक निर्माण विभाग ने किचन और शौचालय बनाने का काम शुरू कर दिया है. जलसंस्थान ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पानी की व्यवस्था कर दी है. मिनी स्टेडियम में भी स्नानघर बनाए जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट में 5 जनवरी को सुनवाई
हल्द्वानी रेलवे भूमि का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 5 जनवरी 2023 को सुनवाई करने को कहा है.
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