रोडवेज बसों में छेड़खानी रोकने के लिए यूपी सरकार की योजना.
                                                                                                                        - योगी सरकार बसों में पैनिक बटन सुविधा शुरू करने जा रही है
 - बसों में तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे
 - यह बटन ब्लूटूथ या वायर के जरिये आइपी से जुड़ा होगा
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        छेड़छाड़ की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी बसों में पैनिक बटन सुविधा शुरू करने जा रही है. इसके अलावा बसों में तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. पैनिक बटन दबते ही बस के बाहर तक गूंजेगा बचाओ-बचाओ का शोर. रोडवेज की सभी 12,500 बसों में पैनिक बटन व तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. हर बस में 10 पैनिक बटन होंगे. 
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निगम के पास अधिकांश बसें 52 सीटर हैं. इन बसों में पांच-पांच सीटों की कतारें हैं. प्रत्येक कतार में एक पैनिक बटन लगाया जाएगा. यह बटन ब्लूटूथ या वायर के जरिये इंटरनेट प्रोटोकाल (आइपी) कंट्रोलर से जुड़ा रहेगा. किसी भी सीट पर पैनिक बटन के दबते ही उस सीट के ऊपर लगा लाल रंग का बल्ब जल उठेगा और ‘बचाओ..बचाओ’ की तेज रिकॉर्डेड आवाज बस के भीतर से बाहर तक गूंजने लगेगी.
रात में किसी हाईवे से गुजरते समय बस के भीतर अंधेरे में सो रहे अन्य यात्री भी इतने भर से जाग उठेंगे और सड़क से गुजर रहे लोगों तक भी मदद की आवाज पहुंच जाएगी.
वीडियो: यूपी में पुलिसवालों को दी जा रही ट्रेनिंग- असली 'रोमियो' कैसे पकड़ें?
चार जगह पहुंचेगी डिस्ट्रेस कॉल : बस में पैनिक बटन दबते ही आइपी कंट्रोलर एक साथ चार जगह डिस्ट्रेस कॉल भेज देगा. घटना के पास के रोडवेज कंट्रोल रूम, महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास तौर पर परिवहन निगम में बनाई जा रही आदिशक्ति फोर्स के कंट्रोल रूम, परिवहन निगम के इंटरसेप्टर वाहन और डायल 100 के वाहन को डिस्ट्रेस कॉल के तौर पर बीप के अलावा जीपीएस के जरिये बस का नंबर और लोकेशन के साथ ही बस के भीतर के घटना से जुड़े चित्र भी तुरंत प्राप्त हो जाएंगे. इसके बाद इन सभी का लक्ष्य कम से कम समय में बस तक पहुंचना होगा और दोषी सबके निशाने पर आ जाएगा.
                                                                        
                                    
                                ये भी पढ़ें: यूपी में एंटी रोमियो स्क्वॉड के बावजूद मनचलों पर नहीं लगी लगाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निगम के पास अधिकांश बसें 52 सीटर हैं. इन बसों में पांच-पांच सीटों की कतारें हैं. प्रत्येक कतार में एक पैनिक बटन लगाया जाएगा. यह बटन ब्लूटूथ या वायर के जरिये इंटरनेट प्रोटोकाल (आइपी) कंट्रोलर से जुड़ा रहेगा. किसी भी सीट पर पैनिक बटन के दबते ही उस सीट के ऊपर लगा लाल रंग का बल्ब जल उठेगा और ‘बचाओ..बचाओ’ की तेज रिकॉर्डेड आवाज बस के भीतर से बाहर तक गूंजने लगेगी.
रात में किसी हाईवे से गुजरते समय बस के भीतर अंधेरे में सो रहे अन्य यात्री भी इतने भर से जाग उठेंगे और सड़क से गुजर रहे लोगों तक भी मदद की आवाज पहुंच जाएगी.
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चार जगह पहुंचेगी डिस्ट्रेस कॉल : बस में पैनिक बटन दबते ही आइपी कंट्रोलर एक साथ चार जगह डिस्ट्रेस कॉल भेज देगा. घटना के पास के रोडवेज कंट्रोल रूम, महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास तौर पर परिवहन निगम में बनाई जा रही आदिशक्ति फोर्स के कंट्रोल रूम, परिवहन निगम के इंटरसेप्टर वाहन और डायल 100 के वाहन को डिस्ट्रेस कॉल के तौर पर बीप के अलावा जीपीएस के जरिये बस का नंबर और लोकेशन के साथ ही बस के भीतर के घटना से जुड़े चित्र भी तुरंत प्राप्त हो जाएंगे. इसके बाद इन सभी का लक्ष्य कम से कम समय में बस तक पहुंचना होगा और दोषी सबके निशाने पर आ जाएगा.
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