- मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में खजाने की खुदाई के दौरान बक्से खाली और केवल कुछ छड़ें मिलीं
- खुदाई में मिले खाली डिब्बों ने सवाल खड़े किए हैं कि मंदिर का मुख्य खजाना कहां गया
- संत फलाहारी बाबा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की
जब बांके बिहारी में खजाना खोला गया तो खजाने की सीबीआई जांच की मांग होने लगी है. दीप जलाया गया और फिर दरवाजे पर कटर से ताले को काटा गया, इसके बाद कपाट खोले गए. अंदर पुलिस, एसपी, सीओ सब गए. सब के सब मास्क लगाकर बाकायदा सारे अत्याधुनिक उपकरणों के साथ पहुंचे थे. लेकिन अंदर जाने के बाद खुदाई शुरू हुई. घंटों खुदाई होती रही और उसके बाद खुदाई से क्या निकला, ये सवाल आपके जेहन में जरूर होगा.
खुदाई के दौरान क्या मिला
खुदाई के बाद एक छड़ मिली, इतनी जांच पड़ताल और खुदाई होने के बाद एक छड़ निकली और बाकी डिब्बे खुले तो खाली थे. तहखाने के अंदर बक्से खाली मिले. अब सवाल ये है कि सब खाली बक्से कैसे रह गए. इसलिए मांग हो रही है कि आखिर तहखाने का खजाना कहां गया, इसकी सीबीआई जांच हो. योगी आदित्यनाथ को भी सीबीआई जांच के लिए चिट्ठी लिख दी गई है. बांके बिहारी मंदिर में जो खजाने की खोज शुरू हुई वो सीबीआई जांच तक पहुंच गई है. कृष्ण जन्मभूमि की आवाज उठाने वाले संत ने सीधे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी से गुहार लगाई.
क्या किसी ने उड़ा दिया खजाना
बांके बिहारी मंदिर के मामले की सीबीआई जांच की मांग उठा दी है. मथुरा के बांके बिहारी मंदिर का खजाना क्या किसी ने उड़ा दिया ? बांके बिहारी मंदिर में खजाने की खोज का आज दूसरा दिन था, जैसे ही सब अंदर गए तो वहां संदूक खाली मिले. तहखाने के अंदर सोने चांदी की कुछ छड़ें जरूर मिली. इसके साथ ही एक बक्से में ज्वेलरी के खाली डिब्बे मिले. इन्हीं डिब्बों ने सवाल उठाया कि आखिर खजाना कहां गया? क्या किसी ने बांके बिहारी मंदिर का खजाना पार कर दिया? इसी वजह से मथुरा के संत ने सीएम योगी को पत्र लिखा है और योगी से मंदिर के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.
फलाहारी बाबा की क्या मांग
सीएम योगी को पत्र लिखने वाले संत का नाम फलाहारी बाबा है. फलाहारी बाबा कृष्ण जन्मभूमि केस में मुख्य याचिकाकर्ता हैं. उन्होंने मस्जिद हटने तक भोजन ना करने का संकल्प ले रखा है, सिर्फ फल खाने की वजह से ही उन्हें फलाहारी बाबा कहा जाता है. फलाहारी बाबा ने कहा कि हमने सीएम योगी जी को पत्र लिखा है और मांग की है कि जो बांके बिहारी मंदिर का तो खजाना खोला गया है. उस खजाने में बॉक्स से माल गायब है. खजाने को खोलने का विरोध क्यों किया गया? इतनी बड़ी संपत्ति कौन खा गया? तो इस पूरे प्रकरण की जब तक सीबीआई जांच नहीं होगी तब तक सच नहीं मालूम होगा.
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