
साल 2006 में वाराणसी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले के दोषी आतंकी वलीउल्लाह की दो याचिकाओं पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. जेल में बंद वलीउल्लाह ने गाजियाबाद कोर्ट से मिली फांसी की सजा को रद्द करने और जमानत पर रिहा करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो याचिका दाखिल की है. साल 2022 में वलीउल्लाह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैपिटल केस में अपील और क्रिमिनल अपील दाखिल की थी. वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर 7 मार्च 2006 में सीरियल बम धमाके हुए थे. इस सीरियल बम धमाके में संकट मोचन मंदिर में 7 और कैंट रेलवे स्टेशन में 11 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 50 से ज्यादा लोग इस ब्लास्ट में घायल हुए थे. यहां तक की दशाश्वमेध घाट पर भी विस्फोटक मिला था.
वाराणसी के वकीलों ने केस लड़ने से किया था मना
संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर धमाके की साजिश रचने का आरोप वलीउल्लाह पर लगा था. 5 अप्रैल 2006 को पुलिस ने इलाहाबाद के गंगापार इलाके के फूलपुर के रहने वाले वलीउल्लाह को लखनऊ से गिरफ्ता किया था. वलीउल्लाह के पास से पुलिस को एके-47 और आरडीएक्स मिला था. वलीउल्लाह का केस लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने मना कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई को गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.
मामले जुड़ी जरूरी जानकारी
- आतंकी वलीउल्लाह 19 साल से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है.
- वाराणसी के लंका थाने और दशाश्वमेध थाने में 2006 में एफआईआर दर्ज हुई थी.
- लंका थाने में दर्ज मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वलीउल्लाह की 25 अप्रैल 2014 और 18 जनवरी 2019 को जमानत अर्ज़ी कर दी थी खारिज.
- पिछले तीन साल से वलीउल्लाह की दोनों अपीलों पर चल रही है इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई
- जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस हरवीर सिंह की डबल बेंच करेगी मामले में सुनवाई
पुलिस ने वलीउल्लाह को आतंकी संगठन हूजी का आतंकी बताया था . 6 जून 2022 को गाजियाबाद की अदालत ने वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई थी. गाजियाबाद कोर्ट ने वाराणसी बम कांड में दोषी वलीउल्लाह को हत्या, आतंक फैलाना, विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करने और हत्या के प्रयास के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी.
कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध घाट पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना था. कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट मामले में साक्ष्य के अभाव में वलीउल्लाह को बरी कर दिया गया था. 2022 में वाराणसी सीरियल ब्लास्ट केस में 16 साल बाद गाजियाबाद कोर्ट ने वलीउल्लाह को फंसी की सजा सुनाई थी.
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