
रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) का त्यौहार सिर्फ भाई बहन की रक्षा और उनके अटूट संबंध का नहीं होता बल्कि इस दिन पूरी पृथ्वी पर हमारे और आपकी जिंदगी को जीवन देने वाले जितने भी तत्व है उन सभी की सुरक्षा का संकल्प हम सबको लेना चाहिए. इसी को चरितार्थ करते हुए वाराणसी (Varanasi) में आशा फाउंडेशन (Asha Foundation) की महिलाओं ने पर्यावरण सुरक्षा को लेकर पेड़ों को राखी बांधी और उनके संरक्षण की शपथ ली. उनकी यह मुहिम भले ही छोटी हो लेकिन इसके पीछे संदेश बड़ा है.
रक्षा बंधन पर आशा फाउंडेशन की सदस्यों ने पेड़ों को राखी बांधी. साथ ही इस बात का संकल्प लिया कि पेड़ों को बचाने के लिए हमें उनसे अपने सगे भाइयों जैसा बर्ताव करना चाहिए और उनसे मोहब्बत भी वैसे ही करनी चाहिए जैसे हम अपने भाइयों से करते हैं. यही पेड़ ही तो हैं जो जीने के लिए ऑक्सीजन देते हैं. जिसकी कमी कोविड की समय खूब खली.
आशा फाउंडेशन की सदस्य नीशू अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए हम लोगों ने यह शपथ ली है कि हम लोग पेड़ लगाएंगे और पेड़ों को कटने से बचाएंगे. हमारी सारे ग्रुप मेंबर्स ने मिलकर यह राखियां बनाई हैं तथा पेड़ को राखी बांधी हैं. उन्होंने कहा कि पेड़ हैं तो ऑक्सीजन है... ऑक्सीजन है तो हम हैं, वरना कुछ भी नहीं.
संस्था में सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि छोटे छोटे बच्चों ने भी पेड़ों की आरती उतारी और उनको राखी बांधी तथा उनको बचाने का संकल्प भी लिया. सान्वी अग्रवाल ने कहा कि कोरोना में ऑक्सीजन की बहुत कमी हुई इसलिए आज हम हम लोग राखी बांधकर पेड़ को बचाने की शपथ लेते हैं. पेड़ पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं.
वीडियो: रक्षा बंधन पर बिहार के CM नीतीश कुमार ने पेड़ को बांधी राखी
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