यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ.
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में एक अतिरिक्त सीट पर मिली जीत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का खेमा उत्साहित है. भाजपा के सूत्र बता रहे हैं कि उप्र में भाजपा के सहयोगी दलों को भी विधान परिषद में जगह मिल सकती है. सपा-बसपा के एक-एक सदस्य के जीतने की उम्मीद है. विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा को 11 चेहरों का चुनाव करना है. उनमें चार की तस्वीर तो पहले ही साफ हो चुकी है. इनमें से दो वर्तमान मंत्री मोहसिन रजा और महेंद्र सिंह हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले सपा नेता यशवंत सिंह का नाम भी लगभग तय माना जा रहा है. इसके अलावा एक-एक सीट अपना दल और भारतीय सुहेलदेव पार्टी को मिल सकती है.
भारतीय सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष और उप्र के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने पिछले दिनों भाजपा के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था. सरकार का एक वर्ष पूरा होने के दिन ही उन्होंने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया था. भाजपा सूत्रों की मानें तो ओमप्रकाश राजभर ने दबाव की राजनीति की थी, ताकि इसका लाभ विधान परिषद चुनाव में उठाया जा सके. पार्टी के खिलाफ लगातार बोल रहे राजभर को तब अमित शाह ने दिल्ली बुलाकर मना लिया था, और राजभर मान भी गए थे. अटकलें हैं कि विधान परिषद की एक सीट उनके बेटे को दी जा सकती है.
इसके अलावा भाजपा के एक अन्य सहयोगी, अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी अपने पति आशीष सिंह को विधान परिषद का सदस्य बनाने में लगी हुई हैं. सूत्र बताते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा उनकी मांग पर विचार कर सकती है.
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से दलितों को लेकर मायावती का रुख आक्रामक हुआ है, उसके बाद उप्र से एक दलित चेहरे को भी विधान परिषद की 11 सीटों में चुना जा सकता है. इसके लिए विद्यासागर सोनकर के नाम की चर्चा चल रही है. विद्यासागर सोनकर हालांकि राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं.
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि इन नामों के अलावा भी प्रदेश कार्यालय के प्रभारी भारी दीक्षित, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति शास्त्री एवं गृहमंत्री राजनाथ सिंह के चहेते सुधांशु त्रिवेदी को भी पार्टी विधान परिषद भेज सकती है.
उल्लेखनीय है कि उप्र में विधान परिषद की 13 सीटों के लिए सोमवार से नामांकन शुरू होंगे. मतदान 26 अप्रैल को होगा.
भारतीय सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष और उप्र के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने पिछले दिनों भाजपा के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था. सरकार का एक वर्ष पूरा होने के दिन ही उन्होंने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया था. भाजपा सूत्रों की मानें तो ओमप्रकाश राजभर ने दबाव की राजनीति की थी, ताकि इसका लाभ विधान परिषद चुनाव में उठाया जा सके. पार्टी के खिलाफ लगातार बोल रहे राजभर को तब अमित शाह ने दिल्ली बुलाकर मना लिया था, और राजभर मान भी गए थे. अटकलें हैं कि विधान परिषद की एक सीट उनके बेटे को दी जा सकती है.
इसके अलावा भाजपा के एक अन्य सहयोगी, अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी अपने पति आशीष सिंह को विधान परिषद का सदस्य बनाने में लगी हुई हैं. सूत्र बताते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा उनकी मांग पर विचार कर सकती है.
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से दलितों को लेकर मायावती का रुख आक्रामक हुआ है, उसके बाद उप्र से एक दलित चेहरे को भी विधान परिषद की 11 सीटों में चुना जा सकता है. इसके लिए विद्यासागर सोनकर के नाम की चर्चा चल रही है. विद्यासागर सोनकर हालांकि राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं.
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि इन नामों के अलावा भी प्रदेश कार्यालय के प्रभारी भारी दीक्षित, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति शास्त्री एवं गृहमंत्री राजनाथ सिंह के चहेते सुधांशु त्रिवेदी को भी पार्टी विधान परिषद भेज सकती है.
उल्लेखनीय है कि उप्र में विधान परिषद की 13 सीटों के लिए सोमवार से नामांकन शुरू होंगे. मतदान 26 अप्रैल को होगा.
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