
- सीएम योगी ने विजन 2047 के तहत यूपी को विकसित भारत का अग्रदूत बनाने का संकल्प लिया.
- उन्होंने कहा कि 2017 से पहले आर्थिक, सामाजिक और कानून व्यवस्था के लिहाज से यूपी पिछड़ा प्रदेश था.
- मुख्यमंत्री योगी ने सपा नेताओं की कूपमंडूक और कुएं के मेंढक से तुलना करते हुए तीखे वार किए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में ‘विजन-2047' को लेकर 24 घंटे की अनवरत चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विकास का खाका खींचा. उन्होंने न सिर्फ प्रदेश को विकसित भारत का अग्रदूत बनाने का संकल्प दोहराया, बल्कि विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी पर तीखे तंज भी कसे. शायरी, कहानियों और आंकड़ों के जरिए उन्होंने यूपी की पिछली सरकारों की कमियों को उजागर किया, मौजूदा सरकार की उपलब्धियों को गिनाया और भविष्य के लिए रोडमैप भी पेश किया.
एकजुटता के लिए सभी की तारीफ
सीएम योगी ने कहा कि विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश पर पिछले 24 घंटे से विधानसभा में अनवरत चर्चा चल रही है. चर्चा में 187 सदस्यों ने शामिल होकर इसे संकल्प पत्र के रूप में रखने में योगदान दिया, इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं. लोकतंत्र का मंच इसी गरिमापूर्ण तरीके से संचालित होना चाहिए. यह चर्चा उन लोगों की आंखें खोलने वाली है, जो विधायिका पर सवाल उठाते हैं. समाज के लोगों से, सेक्टरवार चर्चा के बाद इस पर व्यापक रणनीति बनाई जाएगी.
यूपी देश की ग्रोथ को रफ्तार दे रहा
सीएम योगी ने कहा कि यूपी हमेशा से देश का सांस्कृतिक और धार्मिक नेतृत्व करता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल समिट में कहा था कि यूपी एक उम्मीद बन चुका है. यूपी भारत की ग्रोथ को रफ्तार देने वाला राज्य है. प्रदेश व्यापक योजना बनाकर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को स्वतंत्रता के 78वें वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव में देश के नेतृत्व के साथ जुड़ा था. तब पीएम मोदी ने कुछ संकल्प लिए थे. उसमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना शामिल था. सीएम ने कहा कि यह तभी संभव है, जब सभी राज्य इसमें अपनी भूमिका निभाएं. यूपी ने अपनी भूमिका निभाते हुए सदन में 24 घंटे की गहन चर्चा की है. उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी दृष्टि होगी, वो उतना ही बोलेगा.
'लगाकर आग बहारों की बात करते हैं..'
— NDTV India (@ndtvindia) August 14, 2025
UP विधानसभा में दिखा सीएम योगी आदित्यनाथ का शायराना अंदाज#CMYogi #UPVidhansabhaSession pic.twitter.com/4dg4Y2CHTS
लगाकर आग बहारों की बात करते हैं...
सीएम ने कहा कि अगर भारत विकसित राष्ट्र बनेगा तो क्या यूपी को इसमें अपना योगदान नहीं देना चाहिए? यूपी की प्रति व्यक्ति आय क्या अधिक नहीं होनी चाहिए? देश खुशहाल हो तो क्या यूपी के लोगों को इस खुशहाली का हिस्सा नहीं बनना चाहिए? 2017 से पहले तक हमने क्या हासिल किया, और अगले 30 सालों में हम क्या पा सकते हैं. पिछले 70 सालों में हमने क्या खोया या पाया, ये आत्मावलोकन करने का सही समय है.
बीमारू राज्य की छवि तोड़ी
2017 से पहले यूपी की स्थिति पर बोलते हुए योगी ने कहा कि यह देश का सबसे समृद्ध राज्य था. 1960 में हम कहां थे. उसके बाद लगातार गिरावट होती रही. 1990 तक क्या स्थिति थी. नीतिगत उदासीनता के चलते यूपी पिछड़ता चला गया. देश का सबसे समृद्ध राज्य, सबसे बीमारू राज्य बन गया था. योजनाएं बनती थीं, घोषणाएं होती थीं, पर उनमें इच्छाशक्ति ही नहीं थी. मूलभूत सुविधाएं तक लोगों को नहीं मिल पाईं. अपराध और अराजकता का बोलबाला था. पलायन की पीड़ा, गरीबी और इलाज के अभाव में दम तोड़ते बच्चे, क्या ये सच नहीं है? सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार, भेदभाव, भाई-भतीजावाद का कल्चर हावी हो गया था.
योगी ने कहा कि 2017 के बाद डबल इंजन की सरकार ने कानून का राज स्थापित किया. अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाई. बेहतरीन कनेक्टिविटी तैयार की. किसानों के खातों में सीधे पैसे भेजे गए. युवाओं के हाथों में कौशल और रोजगार दिया गया. सबको संतुष्ट करने पर काम हुआ. पीएम के मंत्र- सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास से हम आगे बढ़ रहे हैं. आज यूपी की पहचान बेहतर कानून व्यवस्था वाले प्रदेश की है. सरकारी सोच और अप्रोच में सार्थक बदलाव आया है.
8 साल में GSDP लगभग तिगुनी
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब यूपी के परिप्रेक्ष्य में देखें. 2017 से पहले यूपी की हालत क्या थी, उपजाऊ भूमि, नदियां, औद्योगिक इकाइयों श्रम बल होने के बावजूद आर्थिक रफ्तार बहुत धीमी थी. नेशनल जीडीपी में यूपी की भागीदारी में लगातार गिरती रही. 1960 में 14 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो बाद में घटकर 8 फीसदी रह गई. देश की आबादी में यूपी की 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है, लेकिन जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी महज 8 प्रतिशत रह गई थी. प्रति व्यक्ति आय 2017 में एक तिहाई रह गई थी. निर्यात 84 हजार करोड़ का ही कर पाते थे. नीति आयोग के इंडेक्स में हमारी गिनती पिछड़े राज्यों में होती थी. लेकिन पिछले आठ वर्षों में हमारी जीएसडीपी 35 लाख करोड़ हो गई, जो 2017 से पहले तक सिर्फ 13 लाख करोड़ थी.
यूपी अब बीमारू राज्य नहीं
सीएम योगी ने कहा कि समग्र प्रयासों से जीडीपी में यूपी का योगदान अब साढ़े नौ प्रतिशत तक पहुंच गया है. कोविड के बावजूद यूपी की विकास दर आज नेशनल औसत से बेहतर होकर 15.9 प्रतिशत के साथ आगे चल रही है. प्रति व्यक्ति आय 1.20 लाख तक पहुंच चुकी है. यूपी में संभावना है कि प्रति व्यक्ति आय दो लाख तक हो सकती है. हमारा बजट आठ लाख करोड़ तक हो गया है. राज्य की हिस्सेदारी हर क्षेत्र में आगे बढ़ी है. नीति आयोग के इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार हुआ है. प्रदेश को फ्रंट रनर का दर्जा मिल चुका है. यूपी अब बीमारू नहीं रह गया है. डिजिटल स्टेट के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है. अलग–अलग सेक्टर में काम हुए हैं. कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में काफी काम हुए हैं. इसका जिक्र रघुराज प्रताप सिंह और नेता प्रतिपक्ष ने भी किया है.
खेती-किसानी और सिंचाई
सीएम योगी ने किसानों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 तक हमारे किसानों ने कठिन परिस्थितियों में अन्न उपजाया. लागत अधिक थी. हमारा राष्ट्रीय योगदान बहुत कम रहा. सरयू नहर योजना का डीपीआर 100 करोड़ का था. ईमानदारी से क्रियान्वयन नहीं हुआ. 2021 में डबल इंजन की सरकार ने इसे पूरा किया. तब तक इसकी लागत बढ़कर 10 हजार करोड़ हो गई. 1971 की योजना को समय पर पूरा न करने के लिए कौन लोग दोषी हैं? सीएम ने कहा कि पीएम कृषि सिंचाई योजना के चलते ये योजना पूरी हो पाई. 14 लाख हेक्टेयर सिंचाई हमें प्राप्त हो पाई. कई सिंचाई परियोजनाएं बिना विजन के अधूरी पड़ी थीं. पीएम मोदी ने 2014 में इसका क्रियान्वयन किया. पशुपालन, डेयरी में काफी बदलाव किया गया. सबसे अधिक सिंचित भूमि यूपी के पास है. उर्वरा भूमि यूपी के पास है. खाद की पर्याप्त उपलब्धता के फलस्वरूप राष्ट्रीय खाद्यान्न में हमारी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत के लगभग है. हमारे पास कृषि भूमि सिर्फ 10 फीसदी है. आबादी 16 प्रतिशत है. हमारे अन्नदाता किसानों के परिश्रम का परिणाम है कि यूपी का योगदान बढ़ाने में हम सफल रहे.
चीनी मिलों की सूरत बदली
योगी ने बताया कि यूपी के कुछ किसानों ने प्रति हेक्टयेर 50 क्विंटल तक गेहूं का उत्पादन किया है. चावल में हमारा योगदान 14.60 प्रतिशत तक बढ़ा है. प्रमुख फसलों में औसत उत्पादन बढ़ा है. दलहन और तिलहन में यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है. यूपी का राष्ट्रीय योगदान 7 फीसदी है. दलहन उत्पादन में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. गन्ना उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी देश में 55 फीसदी है. 120 चीनी मिलें मिल रही हैं. 105 चीनी मिलें एक सप्ताह में भुगतान कर रही हैं. जिन 15 चीनी मिलों का भुगतान देरी से हुआ, उन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. तीन नई चीनी मिलें लगाई गईं. 6 को फिर से शुरू किया गया. क्षमता बढ़ाई गई. यूपी में इथेनाल का उत्पादन देश में सबसे अधिक हो रहा है.
उन्होंने बताया कि औद्योगिक फसलों में जैसे आलू, केला, सब्जी सहित अन्य में हमारा उत्पादन बढ़ा है. अब हम खाद्यान्न निर्यात कर रहे हैं. सीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2017 तक आपने किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया. आप बिचौलियों के माध्यम से किसानों से उनकी उपज खरीदते थे. आज सीधे किसानों से खरीदकर उनके खातों में पैसा डाला जा रहा है.
“कूप मंडूक” बताकर सपा पर तंज
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में बिना भेदभाव के विकास होना चाहिए, तभी विकसित यूपी और विकसित भात की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मैं सुन रहा था, कुछ लोग विकास की कम, सत्ता की बात ज्यादा कर रहे थे. विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने चार्वाक और स्वामी विवेकानंद का जिक्र किया और कहा कि कि सपा वालों की हालत “कूप मंडूक” की तरह है. आप परिवार से बाहर सोचना ही नहीं चाहते.
सपा से बोले, सत्ता में आने का सपना न देखें
योगी ने धर्मस्थलों के विकास का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी विरासत की झलक काशी और अयोध्या में देखने को मिल रही है. विंध्यवासिनी धाम, चित्रकूट में देखने को मिल रही है. लेकिन ये मथुरा–वृंदावन की भी चर्चा नहीं करेंगे. ये 2016 में ही बोल चुके थे कि हम दुर्योधन का स्मारक बनाएंगे. योगी ने आगे कहा कि आप लोग जब गौमाता को धोखा दे सकते हैं तो किसको छोड़ेंगे, दूध पीकर गाय को सड़कों पर छोड़ देते थे, बूचड़खाने में दे देते थे, आपको गौमाता का श्राप ले डूबेगा, इसलिए 2027 में सत्ता में आने का सपना मत देखिए क्योंकि आपका ये सपना सपना ही रहेगा.
पारंपरिक हस्तशिल्प को प्रोत्साहन
योगी ने कहा कि बदहाल कानून व्यवस्था के चलते यूपी का औद्योगिक विकास थम गया था. राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं बची थी. कानपुर क्यों बर्बाद हो गया? पारंपरिक हस्तशिल्प प्रोत्साहन के लिए कोई नीति नहीं नहीं थी. 2017 के पहले 14 हजार 169 कारखाने रजिस्टर्ड थे. आज 27 हजार 295 कारखाने रजिस्टर्ड हुए हैं. तीन से पांच लाख करोड़ के प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं. हमने परंपरागत हस्तशिल्पियों को टेक्नोलॉजी, डिजाइन, मार्केट से लिंक किया. हमारे 77 प्रोडक्ट को जीआई टैग मिल चुका है, जो परंपरागत उद्यम में आते हैं. ये वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. पीएम विदेश जाते हैं तो हमारे हस्तशिल्प के बने उत्पाद गिफ्ट में देते हैं. पहले पर्व-त्योहारों पर बाजारों में चीन का सामान भर जाता था. आज यूपी के बाजार में हमारे हस्तशिल्पियों के उत्पाद बिकते हैं.
विक्टोरिया और शिवपाल का नाम लेकर तंज
योगी ने सपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सैफई महोत्सव करते थे तो बर्मिंघम से रानी विक्टोरिया की बग्घी मंगाते थे. आप बातें तो आजादी की करते हैं, लेकिन काम गुलामी का करते हैं. शिवपाल जी उनकी विरासत के आखिरी उत्तराधिकारी थे, लेकिन चाचा भी गच्चा खा गए. योगी ने कहा कि 25 से 29 सितंबर के बीच में ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशल ट्रेड शो का आयोजन करते हैं. वहां कोई हिंदू–मुस्लिम नहीं देखा जाता है. यूपी के अंदर बने सभी के उत्पाद को डिस्प्ले किए जाते हैं. दुनिया के 500 से अधिक बायर्स वहां आते हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि 200 करोड़ से अधिक का ऑर्डर यहां के व्यापारियों को मिला है.
योगी ने कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत हम माध्यमिक स्कूलों के लिए स्कीम लेकर आए हैं. सरकारी स्कूल अगर 75 साल पुराना है तो पूरी तरह सरकार बनाएगी. निजी हैं तो 75 प्रतिशत राशि सरकार देगी. 25 प्रतिशत उसके प्रबंधन को खर्च करना होगा. वो चाहें तो अपने जनप्रतिनिधि से भी ये पैसा लगवा सकते हैं.
विरासत को भूलना आधुनिकता नहीं
योगी बोले कि दुनिया के कई देशों ने अपनी विरासत को अच्छे से सहेजा है. लेकिन आपकी पार्टी के सदस्य राम को कोसते हैं. रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ते हैं. श्रीकृष्ण की परंपरा को संदेह से देखते हैं. कोई भी देश अपनी विरासत का संरक्षण करके ही आगे बढ़ता है. आधुनिकता ये नहीं कि अपनी विरासत को भूलकर, हम उस चौराहे पर खड़े हो जाएं, जहां आगे बढ़ने की सारी संभावनाएं ही समाप्त हो जाएं. सपा आज वहीं खड़ी है. उन्होंने कहा कि यूपी में बहुत से धार्मिक स्थल हैं. भगवान बुद्ध से जुड़े सभी धामों का विकास किया जा रहा है. वहां सभी तरह के लोग आते हैं. विश्वनाथ धाम में सिर्फ ब्राह्मण पुजारियों को ही लाभ नहीं मिलता, फूल पत्ती वाले, नाविक, वाहन वाले, होटल संचालक सभी को लाभ मिल रहा है. लेकिन आपने (विपक्ष ने) कभी इसे माना ही नहीं. यूपी में पर्यटन स्थलों का विकास हो रहा है. वो विकास की आधारशिला बन रहे हैं.
सीएम ने विजन 2047 के लक्ष्य बताए
सीएम योगी ने कहा कि हम यूपी को 1 से 6 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रख रहे हैं. औसत विकास दर 15 प्रतिशत करनी होगी. आबादी के हिसाब से योगदान देना, फिर उससे बढ़कर योगदान देना है. प्रति व्यक्ति आय औसत की अभी आधी है. 2047 में यूपी में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक हो. इसे 26 लाख रुपए प्रतिवर्ष करना है. उन्होंने कहा कि विजन 2047 का मकसद भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए यूपी को अग्रदूत के रूप में स्थापित करना है. हर नागरिक को क्वालिटी सुविधाओं के साथ घर मुहैया कराना है. सांस्कृतिक धरोहरों का पुन:जागरण करना होगा.
उन्होंने कहा कि हम इसके लिए तीन थीम प्रस्तुत कर रहे हैं- एक अर्थ शक्ति, दूसरी सृजन शक्ति और तीसरी जीवन शक्ति की. हम विजन डॉक्यूमेंट में में इसे 12 प्रमुख सेक्टरों में रखकर तैयार कर रहे हैं. पीएम के फाइव टी को इसमें शामिल किया गया है. योगी ने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन के लिए जापान से बातचीत की जा रही है. यूपी में पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है. इससे हाइड्रो पावर पैदा की जा सकती है. नवीकरणीय ऊर्जा के बाद परमाणु ऊर्जा के रूप में भी संभावना बन सकती है. उसके लिए हम निवेशकों को बुला रहे हैं.
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