
- मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित भारत का अग्रदूत बनाने का महत्वाकांक्षी विजन पेश किया.
- सीएम ने विजन 2047 में 3 थीम- अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति के बारे में भी बताया.
- कहा- हम ऐसा उत्तर प्रदेश बनाएंगे, सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर होगा. राम राज्य की अवधारणा को साकार करेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित भारत का अग्रदूत बनाने के लिए गुरुवार को विधानसभा में महत्वाकांक्षी विजन पेश किया. रामराज्य का जिक्र करते हुए उन्होंने इसके लिए तीन थीम भी बताईं- अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति. सीएम ने बताया कि विजन डॉक्यूमेंट में इसे 12 प्रमुख सेक्टरों में रखकर तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विजन 2047 सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि सपनों का विजन है. यह एक ऐसे उत्तर प्रदेश की कल्पना करता है जहां समृद्धि, संस्कृति और मानवीय मूल्य एक साथ फले-फूलें.
रामराज्य की अवधारणा को साकार करेगा यूपी
सीएम योगी ने कहा कि हमारा लक्ष्य एक ऐसा प्रदेश बनाना है, जो भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में अपनी तकनीकी शक्ति, उद्योग और अनोखी संस्कृति के लिए जाना जाएगा. यह वह स्थान होगा, जहां हमारी समृद्ध आध्यात्मिक विरासत की गंगा और आधुनिक विकास की यमुना का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. आने वाली पीढ़ियों के लिए, हम एक ऐसा उत्तर प्रदेश छोड़ेंगे जो हर मायने में सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर होगा. यह राम राज्य की अवधारणा को साकार करेगा, जिसका वर्णन गोस्वामी तुलसीदास ने अपने रामचरितमानस में किया है. यह एक ऐसा राज्य होगा, जहां कोई शत्रुता नहीं होगी, जहां हर कोई प्रेम से रहेगा और सब अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे. यह वह राज्य होगा, जहां किसी को कोई दुख, दरिद्रता या रोग नहीं होगा.
यूपी बनेगा विकसित राष्ट्र का अग्रदूत
योगी ने कहा कि राम राज्य की यह अवधारणा शाश्वत, सार्वभौमिक और हर काल-परिस्थिति से अप्रभावित है. इसे साकार करने के लिए हमें एक साथ चलना, सोचना और बोलना होगा. जब 25 करोड़ लोग एक ही सपने और एक ही संकल्प के साथ काम करेंगे तो वे इतिहास रचेंगे. इस सामूहिक प्रयास से उत्तर प्रदेश एक नए रंग में ढलेगा और विकसित भारत के विकास के इंजन के रूप में स्वयं को स्थापित करेगा. उन्होंने कहा कि विजन 2047 का मकसद भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए यूपी को अग्रदूत के रूप में स्थापित करना है. हर नागरिक को क्वालिटी सुविधाओं के साथ घर मुहैया कराना है. सांस्कृतिक धरोहरों का पुन:जागरण करना है.
6 ट्रिलियन डॉलर इकोनमी बनाने का लक्ष्य
- सीएम योगी ने कहा कि हम यूपी को 1 ट्रिलियन से 6 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रख रहे हैं.
- इसके लिए औसत विकास दर 15 प्रतिशत करनी होगी. आबादी के हिसाब से योगदान बढ़ाना होगा.
- प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय अभी 1.20 लाख तक पहुंच चुकी है. 2047 तक इसे 26 लाख रुपए करने का लक्ष्य है.
- 8 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 35 लाख करोड़ हो गई, जो 2017 से पहले 13 लाख करोड़ थी.
- जीडीपी में यूपी का योगदान अब साढ़े नौ प्रतिशत तक पहुंच गया है. यूपी की विकास दर नेशनल औसत से बेहतर है.
शिक्षा और कौशल विकास
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एनआईआरएफ (NIRF) सूची में प्रदेश के 9 विश्वविद्यालय हैं. अगले 5 वर्षों में इसमें 15 संस्थानों को शामिल करने का लक्ष्य है. पिछले 8 वर्षों में आयुष विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय और फॉरेंसिक विश्वविद्यालय जैसे थीम-आधारित विश्वविद्यालयों की श्रृंखला तैयार की गई है. एक ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना कर प्रदेश को कौशल और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा. अगले 5 वर्षों में नए आईआईटी और आईआईएम की स्थापना का भी लक्ष्य है. वैश्विक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ टीचर-स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को भी बढ़ावा दिया जाएगा. ये सभी योजनाएं मध्यम और दीर्घकालीन रूप में आगे बढ़ेंगी.
सुरक्षा और सुशासन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश स्मार्ट गवर्नेंस और स्मार्ट यूपी के तहत बेहतर दिशा में आगे बढ़ेगा. स्मार्ट पुलिसिंग द्वारा हर नागरिक चाहे बेटी हो, व्यापारी, गरीब या किसान हो, सभी को भय मुक्त वातावरण दिया जाएगा. प्रदेश के सभी जिलों में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का आधुनिकीकरण, सीसीटीवी नेटवर्क और एआई (AI) आधारित निगरानी प्रणाली के विकास का अल्पकालिक कार्यक्रम होगा.
परिवहन एवं क्षेत्रीय विकास
उन्होंने बताया कि मध्यम और दीर्घकालीन योजनाओं में 'ज़ीरो एक्सीडेंट विजन' शामिल है. इसका लक्ष्य परिवहन साधनों में एडवांस मॉनिटरिंग और प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से जीरो दुर्घटनाएं और शून्य मृत्यु दर हासिल करना है. इसके अलावा प्रदेश के 75 जनपदों के लिए जिला विकास योजना और क्षेत्रीय मास्टर प्लान तैयार किए जाएंगे. प्रत्येक जिला आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनेगा, जो अपनी आर्थिक पहचान, प्रतिष्ठित परियोजनाओं और लक्षित ब्रांडिंग के माध्यम से निवेश, उद्योग और पर्यटन को आकर्षित करेगा. 2047 तक सभी जनपदों में संतुलित विकास सुनिश्चित कर क्षेत्रीय समानता को कम करने की रणनीति है. सीएम ने कहा कि प्रदेश में हर घर और संस्थान तक हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी. स्मार्ट ग्रिड, ई-मीटरिंग और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन के कार्य को भी आगे बढ़ाया जाएगा.
शिक्षा एवं सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलते हुए, सरकार का लक्ष्य हर नागरिक को समान रूप से बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, आवास और आर्थिक अवसर उपलब्ध कराना है. महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाओं की उद्यमिता, शासन में भागीदारी और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा. आसान ऋण, बाजार तक पहुंच और उन्नत कौशल के माध्यम से महिला श्रम भागीदारी को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य है. महारानी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर बने श्रमजीवी छात्रावासों की संख्या को पहले हर कमिश्नरी स्तर तक और फिर 2047 तक हर जनपद स्तर तक पहुंचाया जाएगा.
5 वर्षों में आधी आबादी को स्वास्थ्य बीमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को चिकित्सा तकनीक और स्वास्थ्य सेवाओं में राष्ट्रीय एवं वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने के साथ-साथ एक प्रमुख मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जाएगा. आईआईटी कानपुर के सहयोग से चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने पर भी काम चल रहा है. यह नए उत्तर प्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा. प्रदेश को 'आरोग्य प्रदेश' बनाने के लिए, अगले 5 वर्षों में आधी आबादी को स्वास्थ्य बीमा कवर देने का लक्ष्य है. मातृ और शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत से बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा. एसडीजी लक्ष्यों के अनुसार, हेल्थ वर्कर की संख्या बढ़ाने और कुपोषण खत्म करने के लिए पोषण अभियान को मजबूत किया जाएगा. ललितपुर के अलावा तीन और फार्मा पार्क और एक मेडिकल डिवाइस पार्क (ईडा के अतिरिक्त) स्थापित किए जाएंगे.
आस्था का सम्मान और पर्यटन
योगी ने कहा कि नैमिषारण्य, विंध्याचल, मथुरा-वृंदावन जैसे नए पर्यटन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. रामायण सर्किट, कृष्णा सर्किट और बौद्ध सर्किट के विकास के लिए भी काम किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. उत्तर प्रदेश को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनाने का लक्ष्य है, जहां हमारी प्राचीन विरासत और सांस्कृतिक गौरव को दुनिया देख सके. यहां देश-विदेश के पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
शहरी विकास और कनेक्टिविटी
- योगी ने कहा, अल्पकालिक अवधि में STR स्टेट कैपिटल रीजन के जरिए शहरों को विश्वस्तरीय स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा.
- अगले 5 वर्षों में, हर नागरिक को 24 घंटे अनवरत बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
- प्रमुख महानगरों में मेट्रो लाइट, मेट्रो और इको-फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रणाली का विकास किया जाएगा.
- मध्यम और दीर्घकालिक अवधि में, पांच शहरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्मार्ट शहरों में शामिल कराने का लक्ष्य है.
- ये शहर अत्याधुनिक कनेक्टिविटी, उच्च जीवन स्तर और निवेश अवसरों में विश्व के अग्रणी शहरों की बराबरी करेंगे.
- सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की चुनौती पर भी तेजी से काम किया जाएगा.
एयरपोर्ट और रोड कनेक्टिविटी
जेवर एयरपोर्ट को भारत के सबसे भव्य और अधिकतम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में स्थापित किया जा रहा है. इस हवाई अड्डे को एक कार्गो ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे यह प्रदेश की आर्थिक क्रांति का केंद्र बनेगा. जेवर एयरपोर्ट पर एक अत्याधुनिक एमआरओ (MRO) केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो वैश्विक विमानन उद्योग की मांग को पूरा करेगा. इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा और विमानन संरक्षण का एक विश्वसनीय केंद्र बनाना है. उन्होंने बताया कि उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे, क्योंकि अभी तक बने अधिकतर एक्सप्रेसवे पश्चिम से पूर्व की ओर हैं. दीर्घकालिक रणनीति के तहत, हर मंडल में एक एयरपोर्ट का निर्माण करने की योजना है.
ऊर्जा और नवीनीकरण
योगी ने ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति का खाका भी खींचा. उन्होंने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन के लिए जापान से बातचीत की जा रही है. यूपी में पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है, जिसका उपयोग करके हाइड्रो पावर पैदा की जा सकती है. नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा के रूप में भी पर्याप्त संभावनाएं बन सकती है. इसके लिए निवेशकों को बुलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ऊर्जा उत्पादन और वितरण में स्मार्ट ग्रिड तकनीक और ऊर्जा भंडारण का विस्तार किया जाएगा. कंप्रेस्ड बायोगैस और रिन्यूएबल एनर्जी की संभावनाओं को तेजी से बढ़ाया जाएगा. बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में नए सोलर पार्क स्थापित करने पर काम किया जाएगा. उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर एक मल्टीपर्पज ट्रांजिट हब विकसित करने से सीमा पार व्यापार और कनेक्टिविटी के नए अवसर पैदा होंगे.
कैसे तैयार होगा विजन डॉक्युमेंट?
सीएम ने बताया कि यह विजन डॉक्यूमेंट उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है. यह विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश की कल्पना को साकार करने का रोडमैप है. इस विजन डॉक्यूमेंट को तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश के हर परिवार का योगदान लिया जाएगा. इसके लिए 500 से अधिक विषय विशेषज्ञों का एक दल तैयार किया गया है. इसमें रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, कृषि वैज्ञानिक, कुलपति, प्रोफेसर, डॉक्टर और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं. यह विशेषज्ञ दल अगले एक महीने में प्रदेश के विभिन्न जिलों, ब्लॉकों, ग्राम पंचायतों, स्कूलों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों में जाएगा. वे जनप्रतिनिधियों, व्यवसाय संगठनों, स्थानीय जनता और बुद्धिजीवियों से विचार-विमर्श करेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर परिवार कम से कम एक सुझाव दे. अच्छे और उपयोगी सुझावों को जनपद और प्रदेश स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा. आम जनता की सुविधा के लिए सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और बाजारों में QR कोड लगाए जाएंगे. साथ ही, एक विशेष पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है ताकि लोग आसानी से अपने सुझाव दे सकें. एक महीने के सुझाव संकलन अभियान के बाद, नियोजन विभाग इन सभी सुझावों और विषय विशेषज्ञों की मदद से, नीति आयोग के सहयोग से 'उत्तर प्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट 2047' तैयार करेगा. इस विजन डॉक्यूमेंट को फिर से सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
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